'बुजुर्गों का वोट डलवाने सिर्फ बीजेपी नेता क्यों आए', अरविंद केजरीवाल ने उठाए सवाल

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी दलों के नेताओं के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुजुर्गों को घर से वोट दिलवाने के दौरान चुनाव अधिकारियों के साथ बीजेपी के लोगों की मौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बुजुर्गों को वोट दिलाने के दौरान सभी पार्टियों के एजेंट होने चाहिए, सिर्फ बीजेपी का नहीं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''बुजुर्गों को अपने घर से वोट डालने की सुविधा होती है. इन बुजुर्ग महिला के घर से वोट डलवा कर चुनाव अधिकारी ले गए. चुनाव अधिकारियों के साथ बीजेपी वाले भी आए थे. ऐसा क्यो? या तो सभी पार्टियों के एजेंट हों या फिर किसी का भी ना हो?'' बुजुर्गों को अपने घर से वोट डालने की सुविधा होती है। इन बुजुर्ग महिला के घर से वोट डलवा कर चुनाव अधिकारी ले गए। चुनाव अधिकारियों के साथ बीजेपी वाले भी आए थे। ऐसा क्यो? या तो सभी पार्टियों के एजेंट हों या फिर किसी का भी ना हो?@ECISVEEP pic.twitter.com/1Q39nEWJ8B — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 25, 2025 केजरीवाल ने बुजुर्ग महिला का वीडियो शेयर किया अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में बुजुर्ग महिला ने बताया कि वोट लेने के लिए पांच लोग आए थे. उनके साथ एक पुलिस वाला भी था. उन्होंने ये भी बताया कि उसमें बीजेपी के लोग भी थे.  दिल्ली में सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को चुनाव दिल्ली में सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं जबकि वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. राष्ट्रीय राजधानी में मुख्य रूप से तीन पार्टियों- बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. सभी दलों के नेता अपनी पार्टी और उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटे हैं और एक दूसरे पर जुबानी हमले बोल रहे हैं. केजरीवाल ने सीवर समस्या को हल करने का वादा किया 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता में आई तो वह दिल्ली में सीवर संबंधी सभी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करेंगे. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में शहर की अनधिकृत कॉलोनियों में ‘आप’ सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और कहा कि इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में अहम प्रगति हुई है. ये भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव में वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए CTI चलाएगा अभियान, बाजारों के लिए की ये पेशकश

Jan 25, 2025 - 22:37
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'बुजुर्गों का वोट डलवाने सिर्फ बीजेपी नेता क्यों आए', अरविंद केजरीवाल ने उठाए सवाल
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी दलों के नेताओं के बीच आरोप और प्रत्यारोप का

बुजुर्गों का वोट डलवाने सिर्फ बीजेपी नेता क्यों आए, अरविंद केजरीवाल ने उठाए सवाल

लेखिका: सिमा वर्मा, टीम नेता नगरी

परिचय

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक विवादित मुद्दे को उठाया है, जिसमें उन्होंने सवाल उठाया है कि बुजुर्गों के वोट डलवाने के लिए केवल बीजेपी के नेता ही सामने क्यों आते हैं। इस सवाल ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सभी पार्टियों के समर्थन व विरोध को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

अरविंद केजरीवाल का बयान

केजरीवाल ने कहा, "क्या बीजेपी को लगता है कि सिर्फ वे ही बुजुर्गों का ख्याल रखते हैं? हम सभी को इस चुनाव में बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए एकसाथ कार्य करना चाहिए।" उनका यह बयान खासकर उस समय आया, जब दिल्ली में स्थानीय चुनावों की तैयारी तेज हो रही है।

बीजेपी का बचाव

बीजेपी नेता इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि उनकी पार्टी हमेशा समाज के सभी वर्गों के लिए काम करती है। वे यह भी बताते हैं कि बुजुर्ग मतदाता हमारे देश की रीढ़ हैं, और इसलिए उनके वोट का महत्व है। बीजेपी ने कई योजनाएं प्रस्तुत की हैं जो बुजुर्ग लोगों के जीवन को आसान बनाती हैं।

राजनीतिक रुख और प्रतिक्रियाएँ

केजरीवाल का यह बयान न केवल बीजेपी बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिए एक चुनौती पेश करता है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए मांग की है कि बुजुर्गों की मूलभूत जरूरतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस पूरे मामले पर राजनैतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं, जिसमें सभी दल अपने-अपने तरीके से इस विषय पर बयानबाजी कर रहे हैं।

दूरगामी प्रभाव

यह मामला केवल चुनावी राजनीति का एक पहलू नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में बुजुर्गों की स्थिति को भी उजागर करता है। चुनावी पहलों के जरिए बुजुर्गों के मत अधिकारों पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि वे भी अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर सकें।

निष्कर्ष

इस पूरे विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बुजुर्ग मतदाता को चुनावी प्रक्रिया में अधिक सक्रिय भूमिका मिलनी चाहिए। राजनीतिक दलों को मिलकर बुजुर्गों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। केजरीवाल ने सही सवाल उठाया है, और इस पर गंभीर चर्चा होना आवश्यक है।

फिर से जोड़ें, बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा करना हमारे लिए एक नैतिक जिम्मेदारी है ताकि हमारे समाज में हर एक वर्ग की आवाज सुनी जा सके।

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