'तब 41 लोगों की जान चली गई थी', महाकुंभ स्पेशल शो 'प्रणाम इंडिया' में सीएम योगी ने सपा पर कसा तंज
इंडिया टीवी के महाकुंभ स्पेशल शो प्रणाम इंडिया में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के समय को याद किया और कहा कि उनके समय में तो 41 लोगों की मौत हो गई थी। जानिए और क्या कहा योगी ने...

‘तब 41 लोगों की जान चली गई थी’, महाकुंभ स्पेशल शो 'प्रणाम इंडिया' में सीएम योगी ने सपा पर कसा तंज
नेटाआ नागरी
महाकुंभ मेला हमेशा से भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इस बार महाकुंभ के स्पेशल शो 'प्रणाम इंडिया' में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि “तब 41 लोगों की जान चली गई थी,” जो कि उस समय की सरकार की लापरवाही को उजागर करता है। यह बयान न केवल चर्चा का विषय बना है, बल्कि राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है।
महाकुंभ की भव्यता और सुरक्षा
महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में होता है और यह विशुद्ध धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। इस बार की महाकुंभ में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिनका ध्यान हमेशा से सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर रहा है, ने कहा कि उनका प्रशासन इस बार हर पहलू पर नजर रखेगा।
सीएम ने अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार द्वारा महाकुंभ के दौरान सुरक्षा की कमी को उजागर किया। उनका यह कहना कि "तब 41 लोगों की जान चली गई थी," सपा के नेतृत्व पर सीधा वार है। यह से लोगों को यह संदेश पहुंचा है कि वर्तमान सरकार लोगों की जान και माल की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
सीएम योगी का सपा पर टिप्पणी
सीएम ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने सपा द्वारा इस त्योहार के दौरान किए गए कार्यों और उनके परिणामों की भी चर्चा की। उनके मुताबिक, सपा के शासन में जब महाकुंभ का आयोजन हुआ था, तब बेहद गंभीर स्थितियां उत्पन्न हुईं, जिससे कई लोगों की जान चली गई थी।
यह बयान महाकुंभ के दौरान पिछले अनुभवों की याद दिलाते हुए, वर्तमान सरकार के काम करने के तरीके पर सूचना देने के लिए भी था। सीएम के इस कथन से यह स्पष्ट होता है कि वह आगामी चुनावों को लेकर सपा को कमजोर करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेंगे।
निष्कर्ष
महाकुंभ 'प्रणाम इंडिया' में सीएम योगी का तंज इस बात का प्रतीक है कि राजनीतिक दलों के बीच का प्रतिद्वंद्विता कैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों पर भी परिलक्षित होता है। साधारण जन जीवन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यह बयान चुनावी राजनीति के हालात को दर्शाता है। लोग अधिकतर ऐसे आयोजनों में केवल आस्था और सद्भावना की तलाश करते हैं, लेकिन नेताओं की बयानबाजी हमेशा से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए होती है।
इससे पहले कि चुनावी मौसम पूरी तरह से सियासी मैदान में उतर आए, इस तरह की चर्चाएं बड़े मुद्दों का केंद्र बन जाती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य राजनीतिक दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। अगर आप इस विषय पर और अधिक अपडेट पाना चाहते हैं, तो netaanagari.com पर जाएं।
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