प्रयागराज: संगम नगरी ने पेश की अनोखी मिसाल, शांति से हुई होली और फिर अदा हुई नमाज

Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में आज आपसी एकता, सौहार्द, भाईचारे और गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश हुई. यहां शांति और सौहार्द के बीच होली पर अबीर गुलाल उड़े तो वहीं रमजान के जुमे की नमाज भी अदा की गई. संगम नगरी में ना तो कहीं तनाव नजर आया और ना ही कोई तल्खी. दोनों ही धर्म के लोगों ने एक दूसरे की भावनाओं का पूरा सम्मान किया और त्योहार मनाने व परंपराएं निभाने में अपना अहम योगदान दिया.  खास बात यह रही की आपसी एकता और भाईचारे के चलते यहां किसी भी मस्जिद पर ना तो तिरपाल लगाने की जरूरत पड़ी और ना ही जुमे की नमाज का वक्त बदलना पड़ा. सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अपने तय वक्त पर हुई. चौक इलाके की जामा मस्जिद में ऊपर जुमे की नमाज अदा की जा रही थी और नीचे जमकर अबीर गुलाल उड़ाए जा रहे थे. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने की मददनमाजियों को मस्जिद तक जाने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए हुलियारों ने तमाम जगहों पर उनके रास्तों को खाली कर दिया था तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी होली का त्योहार मनाने में हिंदुओं की मदद की. हिंदुओं और मुसलमानों ने दूसरे धर्म के लोगों को उनके पर्व की बधाई भी दी. दोनों समुदायों के लोग मिली जुली आबादी वाले इलाकों में एक साथ मौजूद होकर व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आए.  हालांकि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी लगातार ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहकर हालात का जायजा लेते रहे. प्रशासन ने पहले ही जगह-जगह पीस कमेटी की बैठक कर ली थी. सिविल डिफेंस और दूसरी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई. प्रयागराज में होली और रमजान का जुम्मा एक साथ पढ़ने के बावजूद कहीं से किसी अप्रिय घटना की कोई खबर सामने नहीं आई है.  69000 शिक्षक भर्ती: होली पर अन्न त्याग कर अभ्यर्थियों का अनोखा विरोध, सरकार पर लगाए बड़े आरोप लाउडस्पीकर भी बंद रखाशहर के नुरुल्लाह रोड पर मुस्लिम समुदाय के एक युवक की मौत के बाद लोगों ने सड़कों पर होली नहीं मनाई और दुख साझा करते हुए लाउडस्पीकर भी बंद रखा. प्रयागराज के लोगों ने आज एकता और सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की है. संगम नगरी के लोगों ने कल भी साथ मिलकर नमाज और होली का त्यौहार मनाने का संकल्प लिया है. प्रयागराज में तीन दिनों तक सड़कों पर रंग खेला जाता है. प्रयागराज के चौक और लोकनाथ इलाके की कपड़ा फाड़ होली समूची दुनिया में मशहूर है.

Mar 14, 2025 - 20:37
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प्रयागराज: संगम नगरी ने पेश की अनोखी मिसाल, शांति से हुई होली और फिर अदा हुई नमाज
प्रयागराज: संगम नगरी ने पेश की अनोखी मिसाल, शांति से हुई होली और फिर अदा हुई नमाज

प्रयागराज: संगम नगरी ने पेश की अनोखी मिसाल, शांति से हुई होली और फिर अदा हुई नमाज

तेज चलती धूप और रंगों की मिठास के बीच प्रयागराज ने इस साल होली के दौरान एक अनोखी मिसाल पेश की। संगम नगरी में होली और नमाज का एक साथ आयोजन हुआ, जो समरसता और भाईचारे का प्रतीक बनकर उभरा। टीम नेता नगरी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार रंगों के त्योहार पर ना केवल हिन्दू समुदाय ने बल्कि मुस्लिम समुदाय ने भी सादगी से एकजुट होकर इसे मनाया।

शांति और सौहार्द का प्रतीक

संगम नगरी में इस साल होली का त्योहार सभी धार्मिक परंपराओं के साथ मनाया गया। जहाँ एक तरफ सड़कों पर होली की धमाल मची थी, वहीं दूसरी तरफ मुसलमान भाईयों ने नमाज के लिए अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन किया। खास बात यह रही कि दोनों समुदायों ने एक-दूसरे का सम्मान किया। होली के दिन, कई मुसलमानों ने रंगों से खेलते हुए हिन्दू भाईयों को शुभकामनाएँ दीं।

समाज में एकता की भावना

होली के दिन प्रयागराज में एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। सड़कों पर रंग, गुलाल और मिठाइयां बिखरी हुई थीं, वही दूसरी ओर नमाज के लिए तैयार होने वालों का भी एक अलग ही मंजर था। इस दृश्य ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सभी मिलकर एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करते हैं, तो समाज में एकता और भाईचारा मजबूत होता है।

मुख्यमंत्री ने किया अभिनंदन

प्रयागराज के मुख्यमंत्री ने इस विशेष अवसर पर लोगों को बधाई दी और कहा कि “यह हमारे देश की ताकत है कि हम अपने-अपने त्योहारों को मनाने के साथ-साथ एक-दूसरे का सम्मान भी करते हैं। यह शांति और सौहार्द का संदेश है।”

कम्युनिटी से जुड़ाव

इस आयोजन के तहत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी योगदान दिया। संगठनों ने मिलकर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जिससे समाज में अधिक से अधिक बंधुत्व का संदेश फैल सके। इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल समाज में एकता की भावना को बल मिलता है, बल्कि बच्चों में भी आपसी सद्भावना की भावना विकसित होती है।

निवेदन और आशा

शांति से मनाई गई होली और नमाज ने यह साबित किया है कि अगर हम सब मिलकर एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करें, तो समाज में बेहतर सह-अस्तित्व संभव है। प्रयागराज की इस मिसाल से सभी को सीख लेने की ज़रूरत है।

इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपनी नजरें हम पर बनाए रखें और netaanagari.com पर जाएँ।

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Prayagraj, Holi, Namaz, communal harmony, Sangam city, brotherhood, festivals, social unity, cultural integration, peace

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