Bihar Politics: लालू यादव के लिए भारत रत्न की मांग पर भड़के विजय सिन्हा, कहा- 'जाति के जहर की लहर…'
Bihar News: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के लिए भारत रत्न की मांग पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आरजेडी पर निशाना साधा है. गुरुवार (27 मार्च, 2025) को पत्रकारों से उन्होंने कहा, "जब तक बिहार इस मानसिकता से बाहर नहीं निकलता है, जो अपराधी-भ्रष्टाचारी रहा है, जाति के जहर की लहर की कहर से बिहार में नरसंहार, हत्या, लूट, रेप और खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया. ऐसी मानसिकता के लोगों को सम्मान की बात करके बिहार के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर रहे. बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाएगी." उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, "बिहार का गौरव कर्पूरी ठाकुर जैसे ईमानदार लोग रहे. श्री बाबू जैसे समाज के लिए समर्पित लोग रहे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विकास के लिए समर्पित हैं. जिस व्यक्ति को न्यायालय ने आर्थिक अपराधी घोषित किया, जिसने जेल में सजा काटी, उसके लिए भारत रत्न की मांग करने वाले लोग बिहार के लिए एक गाली हैं. इस गाली से बिहारी मुक्त होगा और इसे खत्म करेगा." #WATCH पटना: लालू यादव के लिए भारत रत्न की मांग पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, " जब तक बिहार इस मानसिकता से बाहर नहीं निकलता है, जो अपराधी, भ्रष्टाचारी रहा है, जाति के जहर के लहर के कहर से बिहार में नरसंहार, हत्या, लूट, बलात्कार और खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा… pic.twitter.com/Ln03rxSyAf — ANI_HindiNews (@AHindinews) March 27, 2025 [/tw] बता दें कि आरजेडी के विधायक मुकेश कुमार रोशन ने लालू प्रसाद यादव को भारत रत्न देने की मांग की थी. साथ ही बिहार सरकार से केंद्र सरकार को इस बारे में सिफारिश करने का आग्रह किया गया था. बिहार विधानसभा ने उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया. मखाना बोर्ड की कार्य प्रणाली को लेकर बैठक इससे पहले उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कृषि भवन पटना में मखाना बोर्ड के स्वरुप एवं कार्य प्रणाली को लेकर हो रही प्रगति की समीक्षा के लिए बैठक की. इसके बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है, "हमने विस्तार से इस संबद्ध में जानकारियां हासिल कर आवश्यक पहलुओं पर चर्चा की. बिहार की संस्कृति को सुपर फूड के माध्यम से प्रसारित करने तथा अन्नदाताओं के हित में जरूरी पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार किया. बिहार के इस उत्पाद को देश-दुनिया में प्रचारित-प्रसारित करने हेतु की गई पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का धन्यवाद." यह भी पढ़ें: 'तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस का गठबंधन होता है तो…', बिहार चुनाव को लेकर रॉबर्ट वाड्रा का बड़ा बयान

Bihar Politics: लालू यादव के लिए भारत रत्न की मांग पर भड़के विजय सिन्हा, कहा- 'जाति के जहर की लहर…'
Netaa Nagari
बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। हाल ही में, राजद नेता लालू प्रसाद यादव के लिए भारत रत्न की मांग को लेकर विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की मांग जाति के जहर को बढ़ावा देने वाली है। आइए जानते हैं इस विवाद के पीछे की कहानी को और इसके संभावित परिणामों को।
लालू यादव और उनके योगदान
लालू प्रसाद यादव भारतीय राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया, जिससे बिहार में सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उनकी पार्टी राजद प्रदेश में एक मजबूत राजनीतिक आधार रखती है और वे हमेशा अपने समर्थकों के बीच लोकप्रिय रहे हैं। हाल ही में, कुछ नेताओं ने उनके भारत रत्न से सम्मानित करने की बात की, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।
विजय सिन्हा की तीखी प्रतिक्रिया
विजय सिन्हा ने इस मांग पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "जाति के जहर की लहर को बढ़ावा देने के बजाय, हमें राज्य के विकास के लिए काम करने की आवश्यकता है।" उनके अनुसार, इस प्रकार की मांग केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए की जा रही है, और यह समाज में विभाजन को बढ़ावा दे सकती है। ऐसा लग रहा है कि बिहार की राजनीति में जातिवाद एक गंभीर मुद्दा बनकर उभर रहा है।
राजनीतिक दावे और प्रतिक्रियाएँ
इस विवाद पर राजद और भाजपा के बीच तीखी बहस हुई है। राजद ने विजय सिन्हा की टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताया है और कहा है कि यह टिप्पणी लालू यादव के प्रति उनके व्यक्तिगत घृणा को दर्शाती है। वहीं, भाजपा नेता विजय सिन्हा का समर्थन करते हुए कह रहे हैं कि यह बयान सामाजिक एकता के लिए जरूरी है।
बिहार की राजनीतिक रणनीति
बिहार में अगले चुनाव को ध्यान में रखते हुए, यह विवाद और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जातिवाद और भारत रत्न जैसी मांगें चुनावी अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इस राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि किस तरह से बिहार की जनता इन मुद्दों पर अपने मत प्रदर्शित करती है।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में इस प्रकार के विवाद केवल एक प्रतीक हैं कि कैसे विचारधाराएँ और पार्टीगत नीतियाँ समाज पर प्रभाव डालती हैं। विजय सिन्हा और लालू यादव के बीच यह टकराव न सिर्फ राजनीति के खेल को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि बिहार की जनता को अगले चुनाव में किस प्रकार के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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