पुलिस ऑफिस में हंगामा करने पर सुभासपा नेता गिरफ्तार, मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नाम पर किया बड़ा दावा

UP News: मंत्री ओम प्रकाश राजभर के पिछले एक बयान ने भले ही उनके कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया हो क्योंकि मंत्री का बयान जोश से भरपूर था. कुछ समय पहले मंत्री राजभर ने कहा था कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है. गले में बस सफेद गमछे की जगह पीला गमछा डाल लो और पहुंच जाओ थाने फिर दरोगा की हैसियत नहीं की वो तुमसे पूछ ले कि किसने भेजा है. तुम्हारे गले में पड़े पीले गमछे में दरोगा को ओम प्रकाश राजभर दिखेगा.  बस मंत्री जी की इस बात पर अमल करते ही कानपुर देहात की रहने वाले पूर्व दस्यु सुंदरी सीमा यादव को भारी पड़ गया. हाथ में छड़ी, गले में पीला गमछा और हाथों में शिकायती पत्र लेकर पुलिस ऑफिस में दाखिल हुई. पूर्व दस्यु सुंदरी ने जोरदार हंगाम काट दिया जिसके बाद पुलिस ने सीमा यादव को घेर लिया और गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया. क्या है पूरा मामलाकानपुर देहात की रहने वाली सीमा यादव एक ऐसा नाम जिसने बीहड़ों से लेकर सियासत में भी नाम दर्ज किया जिसके नाम से बीहड़ों में सन्नाटा छा जाता था. जिसके नाम पर पुलिस भी थर-थर कांपती थी. आत्मसमर्पण के बाद वहीं सीमा यादव अब राजनीति में सक्रिय नजर आ रही है. दअरसल, खुद को मंत्री ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेल देव की नेता बताने वाली पूर्व दस्यु सुंदरी सीमा यादव अपने पुराने दिनों और उसी रुतबे से अभी भी बाहर नहीं निकल पाई हैं. नशे में धुत्त सीमा यादव अपने कुछ समर्थकों संग कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक कार्यालय जा पहुंचीं, वह किसी की शिकायत का निस्तारण करने पहुंची थीं, खुद को मंत्री ओम प्रकाश राजभर से कम न समझने वाली सीमा यादव ने पहले कप्तान ऑफिस में जोरदार एंट्री ली और फिर वहां मौजूद पुलिस वालों को अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को फटकार लगाना शुरू कर दिया. रुतबा कम न हो इसके लिए सीमा ने पुलिस वालों को गालियां भी दी, जिसके बाद कानपुर देहात पुलिस ने कप्तान ऑफिस के बाहर ही पूर्व दाएं सुंदरी को घेर लिए और हिरासत में लेकर थाने भेज दिया. अखिलेश यादव बोले- 'महाकुंभ कोई शब्द नहीं, लोगों को गुमराह किया कि 144 साल बाद कुंभ हो रहा है' क्या बोलीं सुभासपा नेतावहीं सीमा यादव का कहना था कि वो मंत्री ओम प्रकाश राजभर के उसी बयान से प्रभावित थीं, जब उन्होंने कहा था कि पीला गमछा पहनकर थाने जाओ तो पुलिस तुम्हारी सुनेगी और तुम में ओम प्रकाश राजभर उसे नजर आओगे. लेकिन पूर्व दस्यु सुंदरी को इस बात का इल्म नहीं था कि उनका मंत्री जी की बात मानना उनके लिए मुसीबत साबित हो सकता है.  वहीं इस मामले को लेकर पुलिस ऑफिस में जोरदार हंगामा चलता रहा देखने वालों की भीड़ लगी थी. इस मामले में अकबरपुर क्षेत्र की क्षेत्राधिकारी प्रिया सिंह ने बताया कि महिला नशे में थी, उसने शराब के नशे में सभी पुलिस वालों को गालियां दी. उनसे अभद्रता की जिसके चलते उसे हिरासत में लेकर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी. इससे पहले भी दस्यु सुंदरी कुछ समय पहला ही एक मामले में जेल में बंद थी और अभी रिहा हुई है.

Feb 17, 2025 - 20:37
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पुलिस ऑफिस में हंगामा करने पर सुभासपा नेता गिरफ्तार, मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नाम पर किया बड़ा दावा
पुलिस ऑफिस में हंगामा करने पर सुभासपा नेता गिरफ्तार, मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नाम पर किया बड़ा दावा

पुलिस ऑफिस में हंगामा करने पर सुभासपा नेता गिरफ्तार, मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नाम पर किया बड़ा दावा

दिल्ली: हाल ही में एक घटनाक्रम में सुभासपा (सच्चे उपाध्यक्ष हिन्दू सेवाएं पार्टी) के नेता को पुलिस ऑफिस में हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कुछ बड़े दावे किए हैं, जो राजनीतिक माहौल को गरमा सकते हैं।

गिरफ्तारी का घटनाक्रम

सूत्रों के अनुसार, सुभासपा नेता ने पुलिस कार्यालय में नियमित कार्य के दौरान हंगामा खड़ा किया। स्थानीय पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इसके चलते पुलिस को मजबूरन उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। इस घटना ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि यह एक अनौपचारिक मंच पर हुआ, जहां आमतौर पर राजनीतिक गतिविधियाँ नहीं होती।

ओम प्रकाश राजभर का बड़ा दावा

गिरफ्तारी के बाद मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "यह केवल एक वाला मामला नहीं है। मेरे नाम पर क्रियाकलाप करने वाले कई नेता हैं जो आम जनता के साथ अन्याय कर रहे हैं।" उन्होंने ये भी जोड़ा कि सुभासपा नेता ने उनके नाम को खराब करने के लिए जानबूझकर हंगामा किया। यह बयान एक विशेष राजनीतिक परिणाम की ओर इशारा करता है और इससे आगामी चुनावों में भूचाल आ सकता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस घटना ने विपक्षी दलों के बीच हलचल मचा दी है। कई नेता इस मुद्दे को लेकर ओम प्रकाश राजभर पर हमलावर हैं। सुभासपा के प्रवक्ता ने भी कहा कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक विद्वेष का परिणाम है। वे इस मामले को चुनावी मुद्दा बना सकते हैं, जिससे फिर से बहस शुरू हो सकती है।

गिरफ्तारी का मुख्य कारण

गिरफ्तारी का मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवा से जुड़े प्रश्न उठाए गए थे, जिसके चलते पुलिस ने स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया। यह सच है कि इस तरह की घटनाएं केवल राजनीतिक कारनामे नहीं बल्कि समाज में सुरक्षा के प्रति प्रवृत्तियों को भी दर्शाती हैं।

निष्कर्ष

सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि राजनेताओं को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। ओम प्रकाश राजभर के बयान ने एक नया मोड़ लिया है, जो आने वाले समय में राजनीति को नई दिशा दे सकता है। पुलिस की कार्रवाई पर भी व्यापक चर्चा हो सकती है। इस मामले पर और अधिक जानकारी के लिए, आप हमारी वेबसाइट netaanagari.com पर जाएँ।

हाल की घटनाओं ने सभी राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर किया है कि इस तरह की स्थिति से कैसे निपटा जाए। भविष्य में ऐसे कई घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं जो राजनीति के दर्शनों को प्रभावित करेंगे।

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