दिल्ली की योजनाओं के हर लाभार्थी का होगा सत्यापन, वरना कटेगा नाम! बांग्लादेशी-रोहिंग्या को हटाना मकसद

Delhi Budget 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को बजट पेश करने के साथ ही कहा कि यहां रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ केवल उसे मिलेगा जो दिल्ली का नागरिक है. उसी पर राजस्व खर्च होगा. रेखा गुप्ता ने कहा, ''वोट बैंक की राजनीति करने वाली सरकार थी, रोहिंग्या-बांग्लादेशी को लाने का काम करती थी, उनको कैसे सिस्टम में घुसाया जाए, उनका वोट बैंक क्रिएट किया जाए, इसकी कोशिश रहती थी. हम पूरी दिल्ली में सत्यापन अभियान चलाएंगे.'' ऐरे-गैरे व्यक्ति पर दिल्ली सरकार पैसा नहीं लगाएगी- रेखा गुप्ता उन्होंने कहा, ''योजनाओं का लाभ केवल उसे मिले, जो दिल्ली का निवासी है. जो उसका अधिकारी है. हर ऐरे-गैरे व्यक्ति पर दिल्ली सरकार पैसा नहीं लगाएगी. हर चीज सर्टिफायड होगी, चाहे पेंशन है, राशन है...हर योजना में सत्यापन करेंगे.''  इन दिनों दिल्ली में राशन कार्ड धारकों का सत्यापन हो रहा है. ऐसे में योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन करवा लें. दिल्ली चुनाव में उठा था मुद्दा बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान रोहिंग्या और बांग्लादेशी का मुद्दा खूब उठा था. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए. वहीं आप ने कहा कि अगर दिल्ली में रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं, तो ये आए कैसे, ये केंद्रीय गृहमंत्रालय की नाकामी है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया.  वित्त मंत्री का भी कार्यभार संभाल रहीं रेखा गुप्ता ने कहा, ‘‘यह बजट पिछले 10 वर्षों में बर्बाद हुई दिल्ली के विकास की दिशा में पहला कदम है. पिछले एक दशक में दिल्ली विकास के हर पहलू में पिछड़ती चली गई. पिछली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की आर्थिक स्थिति को बर्बाद कर दिया.’’ रेखा गुप्ता के ऐलान पर दिल्ली की पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि इस एक लाख करोड़ के तथाकथित बजट का आर्थिक विश्लेषण में कोई आधार नहीं है. इसे देखकर पता चल गया कि बीजेपी ने इकोनॉमिक सर्वे सदन पटल पर क्यों नहीं रखा. रेखा गुप्ता की सरकार के बजट पर आतिशी की पहली प्रतिक्रिया, 'एक लाइन में इसे...'

Mar 25, 2025 - 15:37
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दिल्ली की योजनाओं के हर लाभार्थी का होगा सत्यापन, वरना कटेगा नाम! बांग्लादेशी-रोहिंग्या को हटाना मकसद
दिल्ली की योजनाओं के हर लाभार्थी का होगा सत्यापन, वरना कटेगा नाम! बांग्लादेशी-रोहिंग्या को हटाना मकसद

दिल्ली की योजनाओं के हर लाभार्थी का होगा सत्यापन, वरना कटेगा नाम! बांग्लादेशी-रोहिंग्या को हटाना मकसद

Netaa Nagari

लेखक: प्रतिभा शर्मा, टीम नेतानगरी

परिचय

दिल्ली की सरकार ने हाल ही में एक नई योजना की घोषणा की है जिसके तहत सभी सरकारी लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को शहर से हटाना है। यदि किसी लाभार्थी का सत्यापन नहीं होता है, तो उनकी योजनाओं से नाम काटा जा सकता है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की भलाई के उद्देश्य से उठाया गया है।

लाभार्थियों की पहचान का महत्व

सरकार के अनुसार, यह प्रक्रिया इसलिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल उन्हीं लोगों को लाभ मिल रहा है जो वास्तव में इसके हकदार हैं। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, कई ऐसे लाभार्थी हैं जिनका सत्यापन नहीं हुआ है। इससे सरकार को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे संबोधित करने के लिए अब कदम उठाया जा रहा है।

बांग्लादेशी और रोहिंग्या का मुद्दा

दिल्ली में बसे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को हटाने की योजना सरकारी एजेंसियों के लिए एक चुनौती बन गई है। इन प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो विभिन्न योजनाओं का दुरुपयोग कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि इस पहल की मदद से वे एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं।

सत्यापन प्रक्रिया

इस सत्यापन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी लाभार्थियों को अपने दस्तावेज़ों को अपडेट करना होगा और उन्हें सत्यापन के लिए निर्धारित केंद्रों पर ले जाना होगा। यह प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पूरी होगी और सभी आवश्यकताओं को पूरा न करने वालों का नाम योजनाओं से काट दिया जाएगा।

समापन

दिल्ली सरकार का यह कदम निश्चित रूप से स्थानीय लोगों के हित में है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की समस्या को सुलझाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। सत्यापन प्रक्रिया से न केवल सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग रोका जाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद लोगों को सही लाभ मिले। इस कदम से एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।

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