नहीं रहे राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास, 87 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

87 वर्षीय महंत सत्येंद्र दास की ‘ब्रेन स्ट्रोक’ के कारण तबीयत बिगड़ जाने के बाद उन्हें लखनऊ के SGPGI में भर्ती कराया गया था। वह 6 दिसंबर, 1992 को अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे, जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था। उनका पूरे अयोध्या और यहां तक कि उससे परे भी व्यापक सम्मान है।

Feb 12, 2025 - 09:37
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नहीं रहे राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास, 87 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
नहीं रहे राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास, 87 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

नहीं रहे राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास, 87 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Netaa Nagari द्वारा प्रस्तुत, इस दुखद खबर ने पूरे देश को मर्माहत कर दिया है कि राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। 87 वर्ष की आयु में, उन्होंने तीन दिन पहले, 22 अक्टूबर 2023 को अन्तिम सांस ली। उनका निधन अयोध्या में हुआ, जहाँ वे वर्षों से रामलला के सेवक के रूप में कार्यरत थे।

महंत सत्येंद्र दास का जीवन

महंत सत्येंद्र दास का जन्म 1936 में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा राम मंदिर की सेवा में बिताया। वे केवल एक धार्मिक नेता नहीं, बल्कि एक समाज सुधारक और प्रेरक भी थे। महंत जी ने राम मंदिर के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लाखों भक्तों के दिलों में उनके प्रति अपार श्रद्धा थी।

समाज में योगदान

महंत सत्येंद्र दास न केवल हिन्दू धर्म की सेवा करते थे, बल्कि वे सामाजिक कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहते थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर कई प्रयास किए। उनकी सोच और दृष्टिकोण ने युवा पीढ़ी में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया।

आखिरी विदाई

महंत जी का राज्यों और देश के कई प्रतिष्ठित लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया। अयोध्या की शांति और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए भक्त बड़ी संख्या में एकत्र हुए। उनके शिष्य और अनुयायी इस समय गहरे शोक में हैं।

शोक प्रतीक

परिजनों और भक्तों ने महंत जी की याद में एक शोक सभा का आयोजन किया, जहाँ उन्होंने उनके योगदान और प्रेरणाओं को साझा किया। उनका अधिकांश जीवन राम के लिए समर्पित था, और उनका निधन भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

समापन वक्तव्य

महंत सत्येंद्र दास की कमी को पूरी करना संभव नहीं हो सकेगा। उनके द्वारा दिखाए गए मार्गदर्शन और शिक्षाएँ हम सभी के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

इन्हीं शब्दों के साथ हम महंत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आने वाले समय में हम राम मंदिर के विषय में अधिक जानकारी देने का प्रयास करेंगे। अधिक अपडेट के लिए, netaanagari.com पर जाएं।

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