आज काशी में उड़ेगा गुलाल-अबीर और फूल, बाबा विश्वनाथ का किया जाएगा खास श्रृंगार, जानें रंगभरी एकादशी का महत्व
Rangbhari Ekadashi Significance: रंगभरी एकादशी के दिन काशी में खासा रौनक देखने को मिलती है। यहां भव्य तरीके से रथयात्रा निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

आज काशी में उड़ेगा गुलाल-अबीर और फूल, बाबा विश्वनाथ का किया जाएगा खास श्रृंगार, जानें रंगभरी एकादशी का महत्व
लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेता नगरी
रंगों का त्योहार होली, हर साल काशी में एक अद्भुत उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाया जाता है। इस बार रंगभरी एकादशी के अवसर पर बाबा विश्वनाथ का खास श्रृंगार और काशी में उल्लास का वातावरण देखने को मिलेगा। आज इस पावन अवसर पर काशी के लोग गुलाल, अबीर और फूलों के साथ अपने इष्ट भगवान की पूजा अर्चना करेंगे।
रंगभरी एकादशी का महत्व
रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व है। इसे विष्णु पूजा का भी दिन माना जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं। इसी दिन से होली के रंगों की शुरुआत होती है, जो पूरे उत्तर भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। काशी में हर साल इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से आते हैं और अपने आराध्य भगवान का दर्शन करते हैं।
काशी में होली की धूम
काशी का वातावरण रंगीन हो जाता है जब लोग एक-दूसरे पर गुलाल उडेलते हैं। इस दिन मंदिरों की सजावट, विशेष पूजा और भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार भी विशेष रूप से किया जाता है। उन्हें अत्यंत आकर्षक वस्त्रों से सजाया जाता है और भक्तजन भेंट चढ़ाते हैं।
बाबा विश्वनाथ का खास श्रृंगार
आज बाबा विश्वनाथ को इस पावन अवसर पर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। उनके ऊपर बनाए गए विभिन्न रंग और फूलों से सजावट उन्हें और भी आकर्षक बना देंगे। devotees अपने साथ लाए गए पुष्पों और रंगों के साथ बहुत श्रद्धा से पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन का मुख्य आकर्षण होते हैं बाबा विश्वनाथ का नैवेद्य और अर्पण योग्य प्रसाद।
अवधारणा और श्रद्धा का संगम
रंगभरी एकादशी का उत्सव न केवल धार्मिक है, बल्कि यह एकता और प्रेम का प्रतीक भी है। इस दिन सभी लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं, दुश्मनी भूलकर खुशियाँ बाँटते हैं। पूरी काशी में एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है, जो सभी को एक-दूसरे के करीब लाती है।
उपसंहार
आज काशी में रंगभरी एकादशी का पर्व केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह एक अद्भुत अनुभव है, जहाँ सभी प्रेम, भाईचारे और एकता का जश्न मनाते हैं। इस दिन बाबा विश्वनाथ के दर्शन का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। आइए, हम सब मिलकर इस पावन अवसर को धूमधाम से मनाते हैं और अपने आराध्य की कृपा प्राप्त करते हैं।
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