औरंगजेब पर बिहार में किसने क्या कहा? विवाद पर सपोर्ट में CM नीतीश के 2 नेता, BJP का स्टैंड जानें

Bihar News: बिहार में इसी साल (2025) विधानसभा का चुनाव है और प्रदेश के सियासी गलियार में औरंगजेब को लेकर जारी विवाद पर घमासान शुरू हो गया है. सबसे बड़ी बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी के दो-दो एमएलसी सपा नेता अबू आजमी (Abu Azmi) द्वारा औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान के समर्थन में हैं. दूसरी ओर बीजेपी विरोध कर रही है. ऐसे में सत्ता पक्ष यानी एनडीए के बीच ही ऐसे वक्त में बयानबाजी हो रही है जब बिहार में चुनाव होना है. जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर (Khalid Anwar) के बाद अब जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस (Gulam Gaus) ने बड़ा बयान दिया है. गुलाम गौस ने गुरुवार (06 मार्च, 2025) को एबीपी न्यूज़ से कहा कि औरंगजेब और जो पहले राजा हुआ करते थे उनका काम था अपने राज्य का विस्तार करना. औरंगजेब के यहां कई गैर मुस्लिम सिपाही थे. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि औरंगजेब का मुद्दा उठाकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. कभी बाबरी, कभी लव-जिहाद, कभी वक्फ बोर्ड, कभी तीन तलाक तो कभी सीएए. हमारी समस्या रोजी-रोटी, महंगाई और भ्रष्टाचार है. राजाओं की लड़ाई दो धर्म की लड़ाई क्यों बनाई जा रही है? 'हम लोग को मिटाने वाले मिट जाएंगे' बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल और जेडीयू के विधायक संजीव कुमार ने खालिद अनवर को देशद्रोही बताया है. उनका कहना है कि खालिद अनवर को पाकिस्तान भेज देना चाहिए. इस पर गुलाम गौस ने कहा कि किसको हिम्मत है कि हमारे देश के 30 करोड़ मुस्लिमों को पाकिस्तान भेज देगा? किसकी औकात है खालिद अनवर को पाकिस्तान भेज दे? हम लोग को मिटाने वाले मिट जाएंगे. अब एक नजर में पढ़िए किसने क्या कहा बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल: "औरंगजेब के पक्ष में बोलने वाले देशद्रोही हैं. उनको पाकिस्तान भेज दिया जाए. बिहार में औरंगाबाद का नाम मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर रखा गया है. बिहार के औरंगाबाद का नाम बदलकर राम नगर किया जाए. बिहार में करीब 12 जगहों के नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर हैं. सबका नाम बदला जाए. औरंगजेब के नाम पर बिहार में जो-जो है सबका हिंदू सनातनी पर नाम पर रखा जाए. औरंगजेब दुर्दांत एवं क्रूर शासक था जिसने लाखों हिंदुओं का कत्ल किया. सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा."  जेडीयू विधायक संजीव कुमार: "हमारी पार्टी के विधान पार्षद खालिद अनवर देशद्रोही हैं. उनको पाकिस्तान भेज देना चाहिए. औरंगजेब क्रूर शासक था. उसके पक्ष में बोलना देशद्रोह वाला काम है. बीजेपी की मांग का समर्थन करता हूं. औरंगजेब के नाम पर बिहार में जितनी जगहें हैं सबका नाम बदला जाए." जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर: "औरंगजेब निर्दयी शासक नहीं था. बहुत अच्छा शासक था. वह राजा थे. औरंगजेब वैसे जालिम नहीं थे कि उनको विलेन की तरह पेश किया जाए. बड़े-बड़े इतिहासकारों ने कहा है कि औरंगजेब जालिम नहीं थे. महाराष्ट्र में औरंगजेब पर चर्चा सदन में क्यों कराई जा रही है यह समझ में नहीं आ रहा."  बता दें कि औरंगजेब की तारीफ करने पर सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब निर्दयी शासक नहीं था. बयान के तूल पकड़ने पर उन्होंने अपने बयान के पीछे इतिहासकारों का हवाला देते हुए माफी मांगी है. महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी का निलंबन पूरे सत्र के लिए किया गया है.  यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, शराबबंदी कानून में होगा बदलाव, 'हमारी सरकार आई तो...'

Mar 6, 2025 - 18:37
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औरंगजेब पर बिहार में किसने क्या कहा? विवाद पर सपोर्ट में CM नीतीश के 2 नेता, BJP का स्टैंड जानें
औरंगजेब पर बिहार में किसने क्या कहा? विवाद पर सपोर्ट में CM नीतीश के 2 नेता, BJP का स्टैंड जानें

औरंगजेब पर बिहार में किसने क्या कहा? विवाद पर सपोर्ट में CM नीतीश के 2 नेता, BJP का स्टैंड जानें

Netaa Nagari - औरंगजेब, मुग़ल साम्राज्य का एक विवादित सम्राट, हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में, बिहार में इस विषय पर कुछ नेताओं के बयान ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। सीएम नीतीश कुमार के दो सहयोगी नेताओं ने जहां औरंगजेब के समर्थन में आवाज़ उठाई, वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर अलग रुख़ अपनाया है। आइए जानते हैं कि इस विवाद पर किसने क्या कहा।

सीएम नीतीश के दो नेता सामने आए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो प्रमुख मंत्री, जिन्होंने औरंगजेब के बारे में सकारात्मक टिप्पणी की है, ने अपनी बातों में यह स्पष्ट किया कि ऐतिहासिक आंकड़ों को संदर्भ से अलग नहीं देखा जाना चाहिए। उनका मानना है कि औरंगजेब के शासन को केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। मंत्री ने कहा, “हमें इतिहास से सीखना चाहिए, न कि केवल उसकी आलोचना करनी चाहिए।”

भाजपा का रुख़

वहीं, भाजपा ने इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट स्थिति रखी है। भाजपा के नेता ने इस विवाद पर बोलते हुए कहा, “हमें ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए जो भारत के आक्रामक इतिहास का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमें अपने देश के प्रति गरिमा बनाए रखनी चाहिए।” भाजपा ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ ऐसे बयानों का कड़ा विरोध करेंगे।

राजनीतिक प्रभाव

यह विवाद बिहार की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। जहां एक तरफ नीतीश कुमार अपने सहयोगियों के बयानों के जरिए धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक के रूप में सामने आना चाहते हैं, वहीं भाजपा ने चुनावी दृष्टिकोण से इस मुद्दे को तूल देना शुरू कर दिया है। बिहार में आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या असर होगा।

समाप्ति

औरंगजेब के बारे में इस विवाद ने न केवल बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है, बल्कि इससे देशभर में चर्चा का माहौल भी बना है। इस विषय पर आगे की प्रतिक्रियाएँ और राजनीतिक नतीजे जानने के लिए हमारे साथ बने रहें। Netaa Nagari की टीम, जिसमें सुमन, प्रिया और अंजू शामिल हैं, आपको सभी अपडेट्स प्रदान करेंगी।

प्रसंग में, इस मुद्दे पर अधिक जानकारी के लिए, netaanagari.com पर विज़िट करें।

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