MP: एमपी के मंत्री विश्वास सारंग ने प्रयागराज से मंगवाया 40 हजार लीटर गंगाजल, जाने- किसे बाटेंगे?
MP Latest News: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने एक अनोखी पहल की है. विश्वास सारंग की पहल पर एक टैंकर में 40 हजार लीटर प्रयागराज से संगम का पवित्र गंगाजल लाया गया है. इस गंगाजल को अब बोतल में पैक करके उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता में बांटा जाएगा. 40 हजार लीटर गंगाजल लेकर भोपाल पहुंचे टैंकर का स्वागत किया गया. स्वागत के लिए मंत्री विश्वास सारंग अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. क्षेत्र की महिलाओं ने भी टैंकर की आरती उतार के पवित्र गंगाजल का स्वागत किया. गंगाजल के टैंकर का स्वागत करने पहुंची महिलाओं ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि पवित्र गंगाजल उन तक पहुंच रहा है, कुछ महिलाओं ने कहा कि हम प्रयागराज नहीं जा पाए, लेकिन पवित्र गंगाजल हम तक पहुंचा है, इस बात की हमें बहुत खुशी है. वहीं विश्वास सारंग ने कहा कि जो लोग प्रयागराज जाते हैं, वह भी अपने साथ गंगाजल लेकर आते हैं जो किसी कारण नहीं जा पाए, उनके मन में भी इच्छा होती है कि उन तक गंगाजल पहुंचे और इसी को देखते हुए हमने प्रयागराज से गंगाजल मंगवाया है. उन्होंने कहा कि 40 हजार लीटर गंगाजल पैकिंग के बाद उनकी विधानसभा क्षेत्र के हर घर में दिया जाएगा. जाम को लेकर क्या बोले विश्वास सारंग? मध्य प्रदेश के कई जिलों में प्रयागराज जाने वालों के लग रहे जाम पर उन्होंने कहा, 'यह तो लोगों का उत्साह है. शासन और प्रशासन श्रद्धालुओं की मदद करें. इस विषय में मुख्यमंत्री निर्देश दिए हैं और आम लोग भी श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाकुंभ सनातन का महापर्व है और लोग इसमें बढ़-चढ़ के हिस्सा ले रहे हैं यह बहुत खुशी की बात है. बता दें कि विश्वास सारंग भोपाल की नरेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और मोहन यादव कैबिनेट में खेल एवं युवा कल्याण और सहकारिता मंत्री भी हैं . प्रशासन ने लोगों से की प्रयागराज न जाने की अपीलइन दिनों मध्य प्रदेश के कई जिलों में प्रयागराज के महाकुंभ तक पहुंचाने के लिए सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. प्रदेश के जबलपुर, कटनी, रीवा, मैहर, सतना और चित्रकूट सड़कों पर लंबा जाम देखने को मिल रहा है. शासन और प्रशासन के लोग श्रद्धालुओं से अपील कर रहे हैं कि जाए प्रयागराज न जाएं. जाम में फंसे श्रद्धालुओं को प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा खाने-पीने की चीज भी बनती जा रही हैं. ये भी पढ़ें- MP में किन महिलाओं के कटे हैं लाड़ली बहना योजना से नाम, कांग्रेस को सता रही ये चिंता, CM ने दिया जवाब

MP: एमपी के मंत्री विश्वास सारंग ने प्रयागराज से मंगवाया 40 हजार लीटर गंगाजल, जाने- किसे बाटेंगे?
लेखिका: सुषमा तिवारी, टीम नेतानगरी
प्रस्तावना
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने हाल ही में प्रयागराज से 40 हजार लीटर गंगाजल मंगवाया है। यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। गंगाजल को न केवल धार्मिक मान्यता प्राप्त है बल्कि इसे स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। आइए जानते हैं कि इस गंगाजल का वितरण कैसे और किसे किया जाएगा।
गंगाजल का महत्व
गंगाजल को भारतीय संस्कृति में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पवित्र जल के रूप में पूजा में उपयोग किया जाता है और इसकी गंध और स्थायित्व भी इसके धार्मिक महत्व को बढ़ाते हैं। मध्य प्रदेश में इसे स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर वितरित करने की योजनाएँ बनाई गई हैं। यह न केवल लोगों की आध्यात्मिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि स्वास्थ्य संरक्षण का भी एक महत्वपूर्ण साधन बनेगा।
वितरण की योजना
विश्वास सारंग ने कहा कि गंगाजल का वितरण विभिन्न धार्मिक संस्थानों, मंदिरों और सामुदायिक केंद्रों में किया जाएगा। इसके अलावा, यह गंगाजल स्कूलों में भी वितरित किया जाएगा, ताकि बच्चों को इसका महत्व समझाया जा सके। इस वितरण का उद्देश्य न केवल धार्मिक भावनाओं को मजबूत करना है, बल्कि यह लोगों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है। कई लोग इसे सरकार की ओर से एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। भारतीय संस्कृति में गंगाजल का विशेष स्थान है और इसके वितरण से धार्मिक पर्यटन में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। स्थानीय बौद्धिक समुदाय के सदस्य इस कदम को एक सही दिशा में उठाया गया कदम मानते हैं।
निष्कर्ष
विश्वास सारंग की यह पहल एमपी के लोगों के लिए धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। गंगाजल का वितरण न केवल सूखे और प्रदूषण से मुक्त समाज की ओर एक कदम है, बल्कि यह हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का प्रयास है। इस सटीक और सार्थक कदम से यह स्पष्ट होता है कि सरकार लोगों की भावनाओं और सांस्कृतिक मान्यताओं को कितनी गंभीरता से लेती है।
इस प्रकार, हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इस वितरण का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह आगे चलकर नए मानक स्थापित करता है।
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