योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, अब ज़मीन रजिस्ट्री पर सिर्फ 1% स्टांप शुल्क, जानें किसको मिलेगा यह लाभ?
Property Rights For Women. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की अहम बैठक में महिलाओं को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। अब राज्य में अगर कोई महिला अपने नाम पर ज़मीन की रजिस्ट्री कराती है तो उसे स्टांप शुल्क के तौर पर सिर्फ 1 प्रतिशत शुल्क देना होगा। सरकार … The post योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, अब ज़मीन रजिस्ट्री पर सिर्फ 1% स्टांप शुल्क, जानें किसको मिलेगा यह लाभ? appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, अब ज़मीन रजिस्ट्री पर सिर्फ 1% स्टांप शुल्क, जानें किसको मिलेगा यह लाभ?
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की अहम बैठक में महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। सरकार ने यह तय किया है कि यदि कोई महिला अपने नाम पर ज़मीन की रजिस्ट्री कराती है, तो अब उसे स्टांप शुल्क के तौर पर केवल 1 प्रतिशत शुल्क देना होगा। यह घोषणा महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
महिलाओं को संपत्ति पर अधिकार: नया अध्याय
इस फैसला के पीछे का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को संपत्ति के अधिकार दिलाना है। पहले महिलाओं को ज़मीन रजिस्ट्री के लिए 6-7 प्रतिशत तक का स्टांप शुल्क अदा करना पड़ता था। इस वजह से कई महिलाएं सख्त आर्थिक स्थिति के कारण अपने अधिकारों से वंचित रह जाती थीं। मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि इस निर्णय से लाखों महिलाओं को सीधा लाभ होगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा।
कैसे होगा लाभ?
- महिलाओं के नाम पर ज़मीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी सिर्फ 1% होगी।
- पुरुषों के नाम पर अभी भी 6-7% स्टांप शुल्क लागू रहेगा।
- इससे महिलाएं खुद के नाम पर अधिक संपत्ति रजिस्टर्ड करा सकेंगी।
- खासकर गरीब, ग्रामीण और पिछड़े वर्ग की महिलाओं को विशेष राहत मिलेगी।
महिला सशक्तिकरण के अन्य प्रयास
योगी सरकार ने इससे पहले भी कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे 'मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना', 'मिशन शक्ति अभियान', और 'महिला हेल्पलाइन', जो कि महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए बनाई गई हैं। इस ऐतिहासिक निर्णय के जरिए, सरकार अब यह सुनिश्चित कर रही है कि महिलाएं न केवल नाम मात्र की मालिक हों, बल्कि उन्हें संपत्ति के अधिकार भी मिलें।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों और महिला संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। इसे महिला अधिकारों में ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है। सामाजिक संगठनों ने यह भी कहा है कि इससे महिलाओं की संपत्तियों में हिस्सेदारी बढ़ेगी और घरेलू हिंसा तथा पारिवारिक विवादों की घटनाएं कम होंगी। यह सभी के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
निष्कर्ष
योगी सरकार का यह फैसला न केवल महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि यह समाज में उनकी स्थिति में एक सकारात्मक बदलाव भी लाएगा। इससे न केवल महिलाओं के अधिकारों का सम्मान होगा, बल्कि वे स्वयं को और मजबूत महसूस करेंगी। जैसे-जैसे महिलाएं अपनी संपत्ति को अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराएंगी, ऐसा प्रतीत होता है कि भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया युग शुरू होने जा रहा है।
संपत्ति के अधिकारों को लेकर यह प्रयास निश्चित रूप से एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कदम हैं। इसके तहत, महिलाओं को उनके अधिकार एवं सुरक्षा का एहसास होगा और इससे समाज में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।
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