इंदौर से BRTS कॉरिडोर हटाने का रास्ता साफ, जबलपुर हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिया आदेश

MP News: इंदौर के बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर (BRTS) पर गुरुवार को बड़ा आदेश आया है. लंबे समय से बीआरटीएस कॉरिडोर पर उठापटक चल रही थी. आज जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के आदेश से बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का रास्ता साफ हो गया. प्रदेश सरकार की तरफ से भी इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के लिए अनुशंसा की गई थी. पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर पहुंचे थे. उन्होंने सार्वजनिक मंच से घोषणा की थी कि अब इंदौर को बीआरटीएस कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं है. एक्सपर्ट कमेटी ने बीआरटीएस कॉरिडोर की उपयोगिता की जांच की थी. जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गई. कोर्ट ने भी माना कि इंदौर तेजी से बढ़ता हुआ शहर है. लिहाजा आबादी के हिसाब से अब बीआरटीएस कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं है. अदालत ने माना कि बीआरटीएस कॉरिडोर की वजह से शहर में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इंदौर नगर निगम को बीआरटीएस कॉरिडोर जल्द से जल्द हटाने का अदालत ने आदेश जारी किया. अब इंदौर से हटेगा बीआरटीएस कॉरिडोर हाईकोर्ट के फैसले पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "अदालत का आदेश शहर हित में है. कल से अदालत के आदेश पर अमल शुरू हो जाएगा. बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि चौराहों पर फ्लाईओवर निर्माण का आगाज करने की भी बात कही. जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने बीआरटीएस कॉरिडोर पर कहा था कि आम यात्रियों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. भोपाल के बीआरटीएस कॉरिडोर मामले पर भी जमकर राजनीति हुई थी. सामाजिक कार्यकर्ता इंदौर के बीआरटीएस कॉरिडोर को भी हटाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे. एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया.  ये भी पढ़ें- पेंशन से नहीं हो रहा था गुजारा, रिटायर्ड बुजुर्ग ने उठाया ऐसा कदम कि अब जेल में कटेंगी रातें, जानें पूरी कहानी  

Feb 27, 2025 - 22:37
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इंदौर से BRTS कॉरिडोर हटाने का रास्ता साफ, जबलपुर हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिया आदेश
इंदौर से BRTS कॉरिडोर हटाने का रास्ता साफ, जबलपुर हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिया आदेश

इंदौर से BRTS कॉरिडोर हटाने का रास्ता साफ, जबलपुर हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिया आदेश

Netaa Nagari

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

इंदौर के नागरिकों के लिए राहत की खबर आई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर नगर निगम को आदेश दिया है कि वह BRTS कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया को शुरू करे। यह आदेश शहर में ट्रैफिक की समस्या और नागरिकों की बढ़ती चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। यह निर्णय इंदौर में स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है।

BRTS कॉरिडोर का Hintergrund

BRTS, यानी बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, इंदौर में यातायात प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया था। हालांकि, इसके निर्माण के बाद से ही स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी। कई लोगों का मानना था कि BRTS कॉरिडोर शहर की सड़कों को संकुचित कर रहा है, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थितियों में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, कई व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे थे।

हाईकोर्ट का आदेश

बुधवार को, जबलपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए नगर निगम को आदेश दिया कि वह BRTS कॉरिडोर को तुरंत हटाने की दिशा में कदम उठाए। अदालत ने कहा कि शहरवासियों की आवाज़ को गंभीरता से लेना आवश्यक है। इस आदेश के बाद, नगर निगम को एक निश्चित समय सीमा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो इस कॉरिडोर के कारण हो रही परेशानियों से जूझ रहे थे।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट के इस आदेश पर इंदौर के नागरिकों की प्रतिक्रियाएँ मिश्रित रहीं। कुछ ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक प्रेशर का परिणाम माना। नागरिकों ने अदालत के इस कदम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह इंदौर के लिए विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।

नागरिकों के लिए आगे की चुनौतियाँ

हालांकि BRTS कॉरिडोर हटने का आदेश आई है, लेकिन नगर निगम को इसके प्रभावों को सही ढंग से manage करना होगा। इससे पहले की परेशानियाँ जैसे ट्रैफिक जाम, सड़कों पर बढ़ता भीड़, और परिवहन की कमी जैसी समस्याएँ बरकरार रह सकती हैं। नगर निगम को यह सुनिश्चित करना होगा कि नागरिकों की आवाज़ का ध्यान रखा जाए और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए प्रभावी योजनाएँ बनाई जाएं।

निष्कर्ष

जब तक नगर निगम इस आदेश पर कार्यवाही नहीं करता, तब तक इंदौर के नागरिकों की आशाएँ और चिंताएँ बनी रहेंगी। लेकिन उच्च न्यायालय का यह आदेश निश्चित रूप से इंदौर के विकास के लिए एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम है। अब देखना होगा कि नगर निगम इस आदेश को कितनी प्रभावी रूप से लागू करता है।

संदेश: इंदौर नगर निगम को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस दिशा में कार्यवाही शुरू करे ताकि शहर की ट्रैफिक समस्याओं को संबोधित किया जा सके। उचित योजनाओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों की भागीदारी को भी शामिल करना जरूरी है।

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