'अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रहे थे', संजय राउत न AAP की हार को लेकर किसे घेरा?

Maharashtra News: दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद से ही उपराज्यपाल के आदेश पर यमुना की सफाई का काम शुरू कर दिया गया था. वहीं 20 फरवरी को रेखा गुप्ता ने सीएम पद की शपथ लेते ही यमुना तट पर भव्य आरती भी की गई. इस पर तंज कसते हुए शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने सवाल खड़ा किया है कि 'क्या बीजेपी ये सब करने के लिए अरविंद केजरीवाल के जाने का इंतजार कर रही थी?' उन्होंने कहा कि अब तो दिल्ली और केंद्र दोनों में ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. अब बीजेपी के पास खुली छूट है तो अब वे कुछ भी कर सकते हैं. 'अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रही थी BJP'यमुना की सफाई के मुद्दे पर संजय राउत ने कहा कि जिस दिन दिल्ली में अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए, उसी दिन शाम को उपराज्यपाल यमुना किनारे गए और साफ-सफाई का काम करने लगे. भारतीय जनता पार्टी क्या अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रह थी. इसके अलावा संजय राउत ने कहा कि दिल्ली में क्या आम आदमी पार्टी की सरकार थी, इसलिए बीजेपी दिल्ली में कोई काम नहीं होने दे रही थी. डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू- संजय राउतइसके अलावा संजय राउत ने USA के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तुलना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए कहा कि एक ही सिक्के के दो अलग-अलग पहलू हैं. वहीं संजय राउत ने मायावती पर राहुल गांधी के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उनका बयान सही है, अगर लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में मायावती (BSP) हमारे साथ होतीं तो नतीजे कुछ और ही होते. ये भी पढ़ें - मंत्री नितेश राणे ने वक्फ बोर्ड का जिक्र कर किया बड़ा ऐलान, 'हिरवा संकट हिंदुओं पर आया, इसे रोकने के लिए...'

Feb 21, 2025 - 12:37
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'अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रहे थे', संजय राउत न AAP की हार को लेकर किसे घेरा?
'अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रहे थे', संजय राउत न AAP की हार को लेकर किसे घेरा?

अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रहे थे, संजय राउत न AAP की हार को लेकर किसे घेरा?

Netaa Nagari - भारतीय राजनीति में अक्सर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का एक अलग ही स्तर देखने को मिलता है। हाल ही में, शिवसेना नेता संजय राउत ने आम आदमी पार्टी (AAP) की हार को लेकर कुछ तीखे बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि 'अरविंद केजरीवाल के हारने का इंतजार कर रहे थे' इस बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है।

बयान का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

संजय राउत ने अपने ताजे बयान में AAP की चुनावी रणनीति और नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार की नीतियों का प्रभाव दिल्ली के आमजन पर काफी हद तक नकारात्मक रहा है। राउत के अनुसार, 'उनकी विभिन्न योजनाओं का लाभ केवल एक छोटे वर्ग तक सीमित रहा है।'

राउत ने यह भी कहा, “आम आदमी पार्टी ने जो वादे किए थे, उनमें से किसी को पूरा नहीं किया। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग अब उनसे निराश हैं और उनकी हार की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” इस बयान के पीछे की सोच यह है कि राउत न केवल AAP की आलोचना कर रहे थे बल्कि उनके संभावित राजनीतिक भाग्य पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहे थे।

अवसर और चुनौतियां

राजनीति में ऐसे क्षण बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। राउत का यह बयान AAP के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है। पार्टी अब चुनावी रणनीति में बदलाव कर सकती है या फिर अपने पुराने तरीकों को जारी रखना चाहेगी। राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अभी भी दिल्ली में एक मजबूत विपक्ष बनी हुई है और वे अगले चुनावों में अपनी उपस्थिति को और सशक्त बनाने की योजना बना रहे हैं।

क्या केजरीवाल की जीत की संभावना घट रही है?

राजनीति में बढ़ती अस्थिरता के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि AAP अब क्या कदम उठाती है। कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगर पार्टी अपनी योजनाओं को जनता के सामने सही तरीके से पेश नहीं कर पाई, तो उनकी स्थिति और कमजोर हो सकती है।

निष्कर्ष

संजय राउत का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं था, बल्कि यह एक संकेत भी था कि AAP को अपनी चुनावी रणनीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है। चुनावी राजनीति में यह समय निर्णायक होगा। यदि केजरीवाल अपने वादों को पूरा करने में सफल नहीं होते, तो संजय राउत का यह विचार सही साबित हो सकता है।

राजनीति की यह दास्तान हमें यही सिखाती है कि हर बार लोग निराश होते हैं, तो किसी नए विकल्प को तलाशने लगते हैं। आने वाले दिनों में यह देखने की बात होगी कि क्या AAP अपनी स्थिति को संभाल सकेगी या इसे और चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

लेखक: सुमिता शर्मा, टीम Netaa Nagari

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