UP में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी, इन मंत्रियों छुट्टी तय! इन चेहरों को मिलेगी जगह! बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष
UP News: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब यूपी में कैबिनेट विस्तार की बारी है. सूत्रों की माने तो इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. जिलाध्यक्षों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक बदलने की तैयारी है. दरअसल, इस बदलाव के पीछे लंबी तैयारियों की शृंखला है जिसे समझना होगा. इन सबके लिए राष्ट्रीय महामंत्री और केंद्रीय चुनाव प्रेक्षक विनोद तावड़े की अध्यक्षता में कई राउंड की बैठक हो चुकी है. जिला अध्यक्षों की सूची में सामाजिक समीकरणों को बैठाने, महिलाओं और दलितों के साथ-साथ 60 साल की उम्र को लेकर जो पेंच फंसा था उसे भी निकाल लिया गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े सिर्फ जिला अध्यक्षों की सूची पर मंथन ही यहां आकर नहीं कर रहे थे बल्कि यूपी में मंत्रिमंडल में समायोजन करने वाले चेहरों के नाम पर भी एक राय बना रहे थे. इन्हें मिलेगी जगहयही नहीं खाली पड़े बोर्ड निगम आयोग में सदस्यों और अध्यक्षों के नामों पर भी सहमति बना रहे थे. योगी सरकार 2.0 के दूसरे मंत्रिमंडल का विस्तार भी होने जा रहा है जिसमें आम चुनाव 2027 के मद्देनजर कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. वहीं, कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्‌टी होगी। बहुत विवादों के बीच विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी ने 98 में से 65-70 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम तय कर लिए हैं. केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद सूची जारी किए जाने की पूरी संभावना है. इसके बाद राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है, जिसकी लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है. इनकी होगी छुट्टीउत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मंत्रिमंडल में 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं. इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं. सूत्रों की मानें तो तीन से चार मंत्रियों की छुट्टी उनके काम काज और आ रही शिकायतें नॉन परफॉर्मेंस के आधार पर होगी तो समीकरणों के हिसाब से तीन-चार नए चेहरे शामिल भी किए जा सकेंगे. कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी होगा. विस्तार में 75 वर्ष की आयु सीमा का भी ध्यान रखा जायेगा, पूरब पश्चिम का संतुलन भी साधा जायेगा. सूत्रों की मानें तो पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी तावड़े का काम पूरा हो चुका है. विनोद तावड़े ने इस मामले में भी योगी समेत पार्टी के वरिष्ठजनों से मिलकर राय बनाई है जिसकी रिपोर्ट दिल्ली तक है और मुहर लग चुकी है. जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी पीयूष गोयल लखनऊ आएंगे. पीयूष को यूपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिये केंद्रीय चुनाव अधिकारी बनाया गया है, उनके आते ही बक्से में बंद पर्ची निकल जायेगी. महाकुंभ खत्म होने के बाद सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया, पीएम मोदी के पोस्ट पर कही ये बात एक हफ्ते में बदलाव की तैयारीहालांकि भाजपा अध्यक्ष के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त होने की वजह से भी ये मामला तय होने में समय लगा. पिछड़ा बने ब्राह्मण बने या फिर दलित बने इसे लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. ब्राह्मणों में हरीश द्विवेदी, दिनेश शर्मा के नाम आगे हैं तो पिछड़ों में सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं. जैसे केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति हों या फिर योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह और स्वतंत्र देव सिंह हों रेस में हैं. इनके अतिरिक्त राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य और बाबूराम निषाद के नामों की भी अपनी अपनी दावेदारी है. अंततः अगर देखें तो कुंभ की समाप्ति हो चुकी है, जिसकी वजह से भी ये लिस्ट रोकी गई थी. यूपी बजट सत्र की समाप्ति के साथ ही ये सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी और जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष मंत्रिमंडल विस्तार सब एक हफ्ते के अंदर हो जायेगा क्योंकि हाईकमान की भी हरी झंडी इन विषयों पर मिल चुका है.

UP में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी, इन मंत्रियों छुट्टी तय! इन चेहरों को मिलेगी जगह! बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष
लेखिका: सिमा वर्मा, टीम नेतानगर
परिचय
उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी शुरू कर दी है। इस विस्तार में कुछ मंत्रियों को छुट्टी मिलने की संभावना है, जबकि नये चेहरों को मौका दिया जा सकता है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की भी कुर्सी पर खतरा है। आइए जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से।
मंत्रिमंडल में बदलाव की आवश्यकता
यूूपी में पिछले कई महीनों से मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा चल रही थी। पार्टी सूत्रों की मानें तो कुछ मौजूदा मंत्रियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है, जिसके चलते उनकी छुट्टी तय मानी जा रही है। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ये बदलाव आवश्यक माने जा रहे हैं, जिससे कि सरकार को और अधिक शक्ति मिल सके।
गौर करने योग्य चेहरे
नई संभावनाओं में कुछ प्रमुख चेहरे उभर रहे हैं। इनमें से कुछ क्षेत्रीय नेताओं का नाम लिया जा रहा है, जो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। चर्चा है कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कुछ युवा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उनके चयन से सरकार का युवा चेहरा को उजागर करने का प्रयास हो सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष का बदलाव
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी बदलने की योजना है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव से संगठन में नई ऊर्जा आएगी। यह बदलाव उस समय किया जाएगा जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुछ नए नामों पर चर्चा की जा रही है, जिनमें से एक युवा नेता का नाम चर्चा में है।
समर्थन और नीतिगत बदलाव
मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव का एक प्रमुख उद्देश्य है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार किया जा सके। इस बदलाव से पार्टी के समर्थन आधार को भी मजबूत किया जा सकेगा। यदि योगी सरकार ये कदम उठाती है, तो इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है, जिससे भाजपा को लाभ की संभावना है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना और नए चेहरे के समावेश की चर्चा चल रही है। यह बदलाव भाजपा के लिए एक नई रणनीति साबित हो सकता है, जो सरकार की छवि को और मजबूत करेगा। ऐसे में सभी की नजरें योगी सरकार पर टिकी रहेंगी कि वह किस प्रकार के बदलाव लाते हैं।
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