UP Politics: यूपी चुनाव 2027 के लिए संजय निषाद ने गृह मंत्री अमित शाह से कर दी बड़ी मांग, क्या मानेगी BJP?
UP Politics: उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. यह भेंट काफी आत्मीय रही, जिसमें मंत्री संजय निषाद ने मछुआ समुदाय से जुड़े कई लंबित मुद्दों को गृह मंत्री के समक्ष रखा. उन्होंने कहा कि मछुआ समाज लंबे समय से अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और अब वक्त आ गया है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए. डॉ. संजय निषाद ने बताया कि गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए जल्द ही प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर विस्तृत वार्ता करने का आश्वासन दिया है. कार्यकर्ताओं के समायोजन की उठाई मांगसंजय निषाद ने राज्य सरकार में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के समायोजन को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि आयोग में कुछ कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन प्रदेश के अन्य प्रमुख कार्यकर्ता अभी भी इंतजार में हैं. गृह मंत्री ने इस पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार का भरोसा दिया. चुनावों में निषाद पार्टी लड़ेगी अपने सिंबल परआगामी चुनावों को लेकर भी मंत्री संजय निषाद ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि राज्य में जहां भी निषाद पार्टी को सीटें दी गई हैं, वहां पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेगी. उन्होंने भाजपा नेतृत्व को इस रणनीति से अवगत कराया. दिल्ली में भाजपा की जीत पर दी बधाई, बिहार में सहयोग पर बनी सहमतिसंजय निषाद ने दिल्ली में भाजपा और एनडीए को मिली सफलता पर गृह मंत्री को बधाई दी और कहा कि दिल्ली व हरियाणा में मछुआ समाज और निषाद पार्टी की भी अहम भूमिका रही. उन्होंने बताया कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भी निषाद पार्टी, भाजपा के साथ गठबंधन में सक्रिय भूमिका निभाएगी. Lucknow News: लोकबंधु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट नहीं लगी थी आग, जांच कमेटी की रिपोर्ट में चौकाने वाला दावा निषाद पार्टी उत्तर प्रदेश की एक क्षेत्रीय पार्टी है, जिसका मुख्य आधार मछुआ समुदाय और उससे जुड़ी उपजातियां हैं. पार्टी का गठन डॉ. संजय निषाद ने 2016 में किया था. 2019 और 2022 में भाजपा के साथ गठबंधन कर पार्टी ने राजनीतिक रूप से खुद को मजबूत किया. वर्तमान में संजय निषाद यूपी सरकार में मत्स्य मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल हैं. पार्टी लंबे समय से मछुआ समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल करने और सामाजिक न्याय दिलाने की मांग करती रही है. इस मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनावों और गठबंधन की रणनीति के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है.

UP Politics: यूपी चुनाव 2027 के लिए संजय निषाद ने गृह मंत्री अमित शाह से कर दी बड़ी मांग, क्या मानेगी BJP?
लेखिका: सुमन तिवारी, टीम नेता नगरी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में हर दिन एक नया मोड़ सामने आता है, और हाल ही में संजय निषाद द्वारा गृह मंत्री अमित शाह से की गई बड़ी मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। संजय निषाद, जो निषाद पार्टी के प्रमुख हैं, ने 2027 में यूपी चुनावों को लेकर अपनी चिंताओं और जरूरतों को सार्वजनिक किया है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे संजय निषाद की माँगों की विस्तृत जानकारी, उनका अर्थ, और यह कि क्या भाजपा उन्हें मानने के लिए तैयार होगी।
संजय निषाद की माँगें
संजय निषाद ने अमित शाह से मिलने के पश्चात कहा कि यदि निषाद समुदाय को राजनीतिक सहयोग नहीं दिया गया तो यह भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। उन्होंने यह सुझाव दिया है कि भाजपा निषादों के लिए ज़्यादा टिकटों की पेशकश करे ताकि वे न केवल चुनाव में भाग ले सकें, बल्कि अपने अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ सकें। इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा से आश्वासन मांगा है कि उनके समुदाय की समस्याओं का समाधान किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं।
भाजपा की प्रतिक्रिया
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा के लिए संजय निषाद की माँगें सुनना महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय का एक बड़ा वोट बैंक है। पिछले चुनावों में लोकसभाई परिणामों ने साबित किया है कि यदि किसी एक समुदाय का समर्थन नहीं मिला तो परिणाम विपरीत हो सकते हैं। हालांकि, भाजपा का रुख नीति-निर्माण पर हमेशा ठोस रहा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे संजय निषाद की मांगों पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देती हैं।
क्या निषाद समुदाय अपनी माँगों को साबित कर सकेगा?
इस वर्ष 2027 के चुनाव में उत्तर प्रदेश के विभिन्न समुदायों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। निषाद समुदाय, जो कि ऐतिहासिक रूप से राजनीतिक रूप से कमजोर रहा है, अब अपने हक की लड़ाई और समाज में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के प्रयास में है। यदि संजय निषाद की मांगें सुनने में आती हैं, तो यह सिर्फ निषाद समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि भाजपा के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है कि बदलाव आवश्यक है।
निष्कर्ष
भाजपा और संजय निषाद के बीच यह वार्ता उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नयापन लाती है। चुनावी मैदान में निषाद समुदाय की सक्रियता न केवल उनकी स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि भाजपा के लिए भी एक अवसर प्रस्तुत करेगी। क्या भाजपा संजय निषाद की माँगों को मानने के लिए तैयार है? यह सवाल आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
अंत में, आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और अधिक बहस तेज़ होने की उम्मीद है। भाजपा की रणनीतियों और निषाद समुदाय की माँगों की पूरी तस्वीर चुनावों से पहले साफ़ हो जाएगी।
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