दिल्ली में रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ASI ने मांगी 2 लाख की रिश्वत, विजिलेंस ब्रांच ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस ब्रांच ने सनसनीखेज ऑपरेशन में मॉडल टाउन थाने के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) सुदेश कुमार यादव को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. हैरान करने वाली बात यह रही कि जिससे रिश्वत ली जा रही थी, वह कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस का ही सेवानिवृत्त निरीक्षक निकला. सूत्रों के मुताबिक, सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर, जो महेन्द्रू एनक्लेव, मॉडल टाउन में रहते हैं, अपने घर में मरम्मत कार्य करवा रहे थे. तभी ASI सुदेश और उसके बीट स्टाफ ने आकर निर्माण कार्य रुकवा दिया. इसके बाद शुरू हुआ रिश्वत का खेल, जिसमें 4 लाख रुपये की डिमांड की गई. काम दोबारा शुरू करने की इजाजत सिर्फ उसी सूरत में मिल सकती थी, जब पैसे दिए जाते. 14 अप्रैल की शाम को रकम देने की हुई डील पक्की शिकायतकर्ता ने SHO से भी मदद मांगी लेकिन वहां से भी ASI सुदेश से बात करने की सलाह मिली. आखिरकार मामला 2 लाख में सेटल हुआ और 14 अप्रैल की शाम को रकम देने की डील पक्की हुई. सभी बातचीत का कर रहा था रिकॉर्ड लेकिन ASI सुदेश को अंदाज़ा नहीं था कि सामने वाला कोई आम शख्स नहीं, पुराने खाकीदार की चालें जानने वाला रिटायर्ड अफसर है, जो सभी बातचीत रिकॉर्ड कर रहा था. शिकायत के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग्स से भरी पेन ड्राइव सतर्कता शाखा को सौंपी गई. उसके बाद सतर्कता यूनिट ने फुलप्रूफ ट्रैप प्लान किया. ASI की जेब से पूरे 2 लाख की रकम हुई बरामद शाम 6:30 बजे, मॉडल टाउन थाने की पहली मंजिल पर स्थित कमरे में जैसे ही ASI सुदेश ने रिश्वत की गड्डी हाथ में ली, बाहर खड़ी सतर्कता टीम ने तुरंत धावा बोल दिया. रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए ASI की जेब से पूरे 2 लाख की रकम बरामद हुई. फौरन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज हुआ और आरोपी को गिरफ्तार कर राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज के समक्ष पेश किया गया. गौरतलब है कि ASI सुदेश 1995 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था, और वर्तमान में बीट अफसर के तौर पर तैनात था. अब उसकी भूमिका की गहन जांच हो रही है. ऑडियो रिकॉर्डिंग्स में और कौन-कौन पुलिस अधिकारी शामिल हैं, इसकी भी फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है.

दिल्ली में रिटायर्ड इंस्पेक्टर से ASI ने मांगी 2 लाख की रिश्वत, विजिलेंस ब्रांच ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
Netaa Nagari
दिल्ली में आयकर विभाग के एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर के साथ हुई एक घटना ने भ्रष्टाचार की पुरानी परंपरा को फिर से उजागर कर दिया है। विशिष्ट रूप से, एक एएसआई (असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर) ने उनसे दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मामला तब सामने आया जब विजिलेंस ब्रांच ने छापा मारा और आरोपी एएसआई को रंगे हाथों पकड़ लिया।
घटना का विवरण
रविवार को, रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने विजिलेंस टीम के समक्ष शिकायत दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि एएसआई उनकी प्रॉपर्टी के संबंध में कार्रवाई करने की धमकी दे रहे थे। बताया जा रहा है कि एएसआई ने प्रॉपर्टी संबंधित मामलों में धांधली करने की कोशिश की थी। जब इंस्पेक्टर ने पैसे देने से मना किया, तो एएसआई ने सीधा दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
विजिलेंस ब्रांच की कार्रवाई
विजिलेंस ब्रांच ने तुरंत कार्रवाई करते हुए, इंस्पेक्टर द्वारा बताई गई जगह पर जाल बिछाया। जैसे ही एएसआई ने रिश्वत की राशि को हाथ में लिया, विजिलेंस अधिकारियों ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ऐसा करने से न केवल गिरफ्तार एएसआई की करतूत उजागर हुई, बल्कि पूरे सिस्टम में भ्रष्ट्राचार पर विराम लगाने का संदेश भी गया।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर प्रशासन की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही है। अधिकारियों ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कार्रवाई जारी रहेगी और इस प्रकार के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे ऐसे मामलों की रिपोर्ट करें ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर से दर्शाती है कि भारत में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है, और इसे समाप्त करने के लिए सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता है। विजिलेंस ब्रांच की कार्रवाई इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। रिटायर्ड इंस्पेक्टर की साहसिकता के कारण एक अधिकारी की आपराधिक गतिविधि का पर्दाफाश हुआ है। ऐसे मामलों को उजागर करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।
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