Bihar Assembly Session: बिहार विधानसभा में क्यों होने लगी मोतिहारी के SP की चर्चा? सदन में छा गए IPS स्वर्ण प्रभात

Bihar News: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज (गुरुवार) पांचवां दिन है. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हो गई. इस दौरान सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर जोरदार हंगामा हुआ. सत्र के दौरान मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात की चर्चा शुरू हो गई. वे सदन में छा गए. बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल विपक्ष को घेरते हुए जवाब दे रहे थे. इसी दौरान उन्होंने सदन में मोतिहारी के एसपी की तारीफ कर दी. पवन जायसवाल ने कहा कि इनके (आरजेडी) समय जंगलराज था. सीएम हाउस में अपराधी बैठते थे. अपहरणकर्ता को संरक्षण मिलता था. सुशासन की सरकार में अपराधियों की कोई जगह नहीं है. जाइए मोतिहारी में स्वर्ण प्रभात एसपी हैं. एक दिन में 200-200 घर की कुर्की जब्ती होती है. बता दें कि स्वर्ण प्रभात 2017 बैच, बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से भोजपुर के रहने वाले हैं. 'भूमिहीन विद्यालय… भवनहीन विद्यालय से इनकी पहचान' पवन जायसवाल ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आपके समय में अपराधी मुख्यमंत्री के बगल में बैठते थे. बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि जंगलराज वाली सरकार ने अंतिम बजट 23 हजार 885 करोड़ का प्रस्तुत किया था. उस समय शिक्षा पर 1311 करोड़ का बजट था. इनकी शिक्षा में पहचान भूमिहीन विद्यालय, भवनहीन विद्यालय, चरवाहा विद्यालय से है. आज हमारी एनडीए की पहचान सुंदर भवनों से है. अनुमंडल स्तर पर डिग्री कॉलेज खोल दिए गए. अब प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज खोलने की हमारी सरकार ने घोषणा की है.  बीजेपी विधायक यहीं नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि इनके (आरजेडी) समय में लोग सरकारी अस्पताल में जाने से डरते थे कि अगर सरकारी अस्पताल में गए तो जान चली जाएगी. आज विधायकों को सरकारी अस्पताल में पैरवी करनी पड़ती है. हम लोग कभी कभी नाराज हो जाते हैं कि हम लोग की पैरवी के बाद भी सरकारी अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं हो पाता है. हमारे समय में दवा फ्री में दी जा रही है. इनके समय सड़क नहीं बनती थी, अलकतरा घोटाला होता था. इनको काम से मतलब नहीं है.  आरजेडी विधायक सतीश कुमार ने क्या कहा था? दरअसल पवन जायसवाल आरजेडी के विधायक सतीश कुमार के उठाए गए सवालों पर भड़के थे. सदन में सतीश कुमार ने सरकार को घेरते हुए यह कहा कि आज लोग बीपीएससी को बोलते हैं 'बिहार पेपर स्कैम कमिशन' बन गया है. बीपीएससी के छात्र महीनों से धरना पर हैं कि परीक्षा रद्द हो, दोबारा परीक्षा ली जाए, लेकिन उनकी इस मांग को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है. परीक्षा को कैंसिल कर फिर परीक्षा ली जाए. बापू परीक्षा परिसर का एग्जाम लेकर 12 हजार छात्रों को विशेष अवसर दिया गया है.  सतीश कुमार ने यह भी कहा कि आज बिहार की स्थिति ये हो गई है कि बेरोजगार नौजवान स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लेने के बाद नौकरी ढूंढ रहा है और सर्टिफिकेट केस हो गया है तो उसको पुलिस खोज रही है. ये हर स्टूडेंट को आज कर्जदार बना रहा है. इसी तरह उन्होंने कई और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरा.  यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव का बड़ा ऐलान, शराबबंदी कानून में होगा बदलाव, 'हमारी सरकार आई तो...'

Mar 6, 2025 - 16:37
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Bihar Assembly Session: बिहार विधानसभा में क्यों होने लगी मोतिहारी के SP की चर्चा? सदन में छा गए IPS स्वर्ण प्रभात
Bihar Assembly Session: बिहार विधानसभा में क्यों होने लगी मोतिहारी के SP की चर्चा? सदन में छा गए IPS स्वर्ण प्रभात

Bihar Assembly Session: बिहार विधानसभा में क्यों होने लगी मोतिहारी के SP की चर्चा? सदन में छा गए IPS स्वर्ण प्रभात

Netaa Nagari

लेखिका: पूनम शर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

बिहार विधानसभा का वर्तमान सत्र मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात की चर्चा से सज गया है। सदन में उनके कार्यों और उपलब्धियों पर चर्चा हो रही है, जो कि सामाजिक उत्थान और कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों एक आईपीएस अधिकारी सदन में इतनी चर्चा का विषय बन गए हैं।

स्वर्ण प्रभात का पुलिस सेवा में अनुभव

स्वर्ण प्रभात ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी सख्त और प्रभावी कार्यशैली ने न केवल मोतिहारी बल्कि पूरे बिहार में उनकी पहचान बनाई है। उन्होंने असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जो उनकी कार्यशैली की एक और मुख्य वजह है।

कानून व्यवस्था में सुधार

स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में मोतिहारी में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। उन्होंने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिससे अपराध का ग्राफ नीचे आया है। सदन में उनकी इस सफलता की चर्चा होते हुए देखने को मिली, जहां विधायकगण उनके प्रयासों की सराहना कर रहे थे।

लोकप्रियता का कारण

स्वर्ण प्रभात की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है उनका आम जनता के साथ संवाद स्थापित करना। वे खुद को योग, खेलकूद और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रखते हैं। उनकी इस कार्यशैली ने युवा पीढ़ी में एक सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है।

सदन में चर्चा का महत्व

सदन में एसपी स्वर्ण प्रभात की चर्चा ने एक नई दिशा दी है। यह न केवल पुलिस बल की उपलब्धियों का जश्न है बल्कि यह सम्मान भी है जो आम जनता के लिए उनकी मेहनत का फल है। बिहार की राजनीति में ऐसे अधिकारियों की चर्चा होना एक सकारात्मक संकेत है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात की चर्चा ने बिहार विधानसभा के सदन में एक नई ऊर्जा भरी है। समाज में कानून व्यवस्था और सामाजिक सुधार को लेकर उनकी दिशा प्रशंसा का विषय बन गई है। उनके योगदान की सराहना से यह स्पष्ट होता है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए सही दिशा और नीयत का होना कितना आवश्यक है।

फिर इस चर्चा का प्रभावी उपयोग बिहार के अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणा का काम करेगा। हमें ऐसे अधिकारियों का समर्थन करना चाहिए जो सामाजिक बदलाव में सहायक हों।

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