Azamgarh News: ओटीएस स्कीम में आजमगढ़ मंडल की स्थिति की खराब, मुख्य अभियंता ने जताई नाराजगी
Azamgarh News: एक मुश्त समाधान योजना यानी ओटीएस के पंजीकरण और राजस्व की वार्षिक वसूली में मंडल की खराब प्रगति को मुख्य अभियंता विद्युत वितरण मंडल नरेश ने कुमार गंभीरता से लिया है. उन्होंने आजमगढ़, बलिया के तीन अधीक्षण अभियंता, सात अधिशासी अभियंता, मंडल के 16 अवर अभियंता जिसमे आजमगढ़ के विद्युत वितरण खंड फूलपुर के दो, लालगंज के दो व कप्तानगंज के दो अवर अभियंता व 10 एसडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यदि संबंधित अधिकारियों ने एक सप्ताह में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया तो संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी. मंडल में पांच हजार रुपये से अधिक के 9,49,635 बकायेदार उपभोक्ता है. इन पर बिजली बिल का 2713 करोड़ रुपये बकाया है. ओटीएस योजना के तहत 11 फरवरी तक उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया और 173 करोड़ रुपये जमा किए. बकायेदार उपभोक्ताओं का ओटीएस योजना में अधिक से अधिक पंजीकरण कराने के लिए उपकेंद्र के एसडीओ व अवर अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गई है. ओटीएस के दूसरे चरण में मंडल के 13 विद्युत वितरण खंडों के 10 एसडीओ और 16 अवर अभियंताओं की प्रगति ख़राब मिली. एसडीओ व जेई को कारण बताओ नोटिसइसी तरह वित्तीय वर्ष 2023 24 के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2024 ,25 में जनवरी तक कम राजस्व वसूली पर मंडल के सात विद्युत वितरण खंडों अधिशासी अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें आजमगढ़ के तीन, मऊ और बलिया के दो दो एक्सईएन शामिल हैं. इनके क्षेत्र में पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष कम राजस्व आया है. अधीक्षण अभियंता की जिम्मेदारी क्षेत्र के कार्यों का निरीक्षण और प्रबंधन करना है. वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों की दक्षता सुनिश्चित करते हैं. इनकी तकनीकी ओटीएस की खराब प्रगति पर मंडल के एसडीओ व जेई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस संबंध में मुख्य अभियंता विद्युत वितरण मंडल आजमगढ़ इंजीनियर नरेश कुमार ने बताया कि ओटीएस योजना 15 दिसंबर 2024 से शुरू हुई थी और यह योजना 15 फरवरी 2025 तक लागू है. जिसमें 9 लाख 49हजार 635 उपभोक्ता एप्लीकेबल थे. जिसमें से 2 लाख 20 हजार 92 उपभोक्ताओं ने इस योजना का लाभ लिया. ओटीएस योजना में अभी तक हमें आजमगढ़ मंडल में 172 लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि कुल बकाया 2713 करोड रुपए था. आगे कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने अभी भी ओटीएस योजना का लाभ नहीं लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, कनेक्शन काटे जाएंगे और अगर वह विद्युत चोरी करते हुए पाए गए तो मुकदमा भी पंजीकृत कराया जाएगा. ये भी पढ़ें: 'बेटी मंदिरों में जल चढ़ा रही थी', अफजाल अंसारी के महाकुंभ स्नान वाले बयान पर भड़के बीजेपी नेता

Azamgarh News: ओटीएस स्कीम में आजमगढ़ मंडल की स्थिति की खराब, मुख्य अभियंता ने जताई नाराजगी
Team Netaa Nagari
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश – आजमगढ़ मंडल में ओटीएस स्कीम (ओपन टाप सिडिंग स्कीम) की स्थिति को लेकर मुख्य अभियंता ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की है। इस योजना का उद्देश्य विभिन्न विकास कार्यों को तेजी से पूरा करना है, लेकिन हालिया रिपोर्टों के अनुसार, आजमगढ़ मंडल में इसे लागू करने में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
ओटीएस स्कीम का महत्व
ओटीएस स्कीम का उद्देश्य सरकारी विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता देना है। इसके अंतर्गत, नागरिकों को काम पूरा करने में झंझटों से मुक्ति दिलाने और परियोजना की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके बावजूद, आजमगढ़ मंडल में इस स्कीम की प्रगति संतोषजनक नहीं है।
मुख्य अभियंता की नाराजगी
मुख्य अभियंता ने हाल ही में एक बैठक में स्पष्ट किया कि आजमगढ़ मंडल की मौजूदा स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा, "अगर यही स्थिति बनी रही, तो हम विकास कार्यों के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकेंगे। सभी संबंधित विभागों को सुविधाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।"
बाधाएं और समाधान
विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी, कार्य में देरी, और नकारात्मक रिपोर्टिंग कुछ ऐसी बाधाएं हैं जिनका सामना मंडल को करना पड़ रहा है। अधिकारियों द्वारा दिये गए सुझावों के आधार पर, मुख्य अभियंता ने आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सही समय पर संसाधनों की उपलब्धता और कार्यकर्ताओं का सहयोग भी इस योजना की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वो इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सभी को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा।
निष्कर्ष
आजमगढ़ मंडल की ओटीएस स्कीम की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन सही दिशा में उठाए गए कदम इसे सुधार सकते हैं। मुख्य अभियंता की नाराजगी एक संकेत है कि यहां कुछ परिवर्तन की आवश्यकता है। यह उम्मीद की जा रही है कि सभी संबंधित विभाग मिलकर इस समस्या को हल करने के लिए कार्य करेंगे।
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