होशियारपुर के विपश्यना केंद्र में रहेंगे केजरीवाल:बाजवा-सिरसा ने सुरक्षा और काफिले पर साधा निशाना, कहा- केजरीवाल सत्ता के लालची
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंच गए हैं। बुधवार 5 मार्च को वे महिलांवाली गांव के पास आनंदगढ़ में धम्म-धज विपश्यना योग केंद्र पहुंच गए हैं और 15 मार्च तक वहीं रहकर ध्यान साधना में लीन रहेंगे। लेकिन उनके सुरक्षा काफिले का वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी नेताओं ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। केजरीवाल के काफिले पर दिल्ली और पंजाब के भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा, प्रवेश वर्मा और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के अलावा पंजाब के विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और विधायक प्रगट सिंह जैसे नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाए हैं। दिल्ली मंत्री मनिंदर सिरसा ने गाड़ियों पर उठाए सवाल मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल विपश्यना के लिए पंजाब गए हैं। उनके काफिले में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत की कारें, 50 से ज्यादा गाड़ियों का काफिला, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और 100 से ज्यादा कमांडो हैं। अरविंद केजरीवाल पंजाब का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल का उद्देश्य विपश्यना का नहीं बल्कि पंजाब का सीएम बनने का है। ना विपश्यना होगी और ना ही सीएम बनने का सपना पूरा होगा। लुधियाना के लोग न ही संदीप अरोड़ा को जीतने देंगे और न ही केजरीवाल का सीएम बनने का सपना पूरा होगा। प्रताप बाजवा बोले- विपश्यना की जरूरत सीएम भगवंत मान को पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा- जब यह पार्टी (AAP) अस्तित्व में आई थी, तो उन्होंने देश से वादा किया था कि वे वीआईपी कल्चर खत्म करेंगे। जब पंजाब में सरकार बनाने जा रहे थे, तब अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने कहा था कि जो सुरक्षा की मांग करता है, उसे राजनीति छोड़ देनी चाहिए। लेकिन अफसोस की बात है कि कल अरविंद केजरीवाल के काफिले में 32 गाड़ियां थीं। यहां तक कि आज भी 80 पंजाब पुलिस कमांडो कपूरथला हाउस में केजरीवाल जी की सुरक्षा में तैनात हैं। भगवंत मान, जो न तो मानसिक रूप से स्थिर हैं और न ही शारीरिक रूप से, वास्तव में विपश्यना ध्यान के सबसे ज्यादा जरूरतमंद व्यक्ति हैं। AAP ने हर उस बात के उलट किया है, जो उन्होंने जनता से वादा किया था।" कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह ने लगाया पंजाब के संसाधनों का दुरुपयोग के आरोप कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह ने कहा कि विपश्यना ध्यान का उद्देश्य शांति और साधना है। लेकिन अरविंद केजरीवाल इस पूरे भव्य आयोजन के जरिए क्या साबित करना चाहते हैं? जो केजरीवाल कभी एक वैगनआर के साथ ड्रामा किया करते थे, वही अब पंजाब के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे नेता केवल जनता के राजनीति पर विश्वास को और कमजोर करते हैं। PWD व जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कसा तंज भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसा कि मैं चुनाव प्रचार के दौरान कह रहा था, दिल्ली में हारने के बाद अरविंद केजरीवाल पंजाब भाग जाएंगे। अब वहां उनकी सरकार है, वह उसे बचाना चाहते हैं। अब, क्या वह राज्यसभा सांसद बनेंगे या पंजाब के मुख्यमंत्री, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। संदीप दीक्षित ने कहा- इन्हें शान-शौकत की आदत हो गई कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को दिखावे की शान-शौकत की आदत हो गई हैं। मैं तो 10 सालों से कह रहा हूं कि केजरीवाल को सत्ता का लालच है। जब उन्हें सादगी के नाम पर वोट मिलते थे, तब भी हम कहते थे कि वह सादगी का दिखावा करते हैं। अरविंद केजरीवाल को सत्ता के साथ मिलने वाली फिजूलखर्ची की इतनी ज्यादा आदत हो गई है कि विपश्यना के लिए जाते समय भी उनके काफिले में 100 गाड़ियां होती हैं।

होशियारपुर के विपश्यना केंद्र में रहेंगे केजरीवाल: बाजवा-सिरसा ने सुरक्षा और काफिले पर साधा निशाना, कहा- केजरीवाल सत्ता के लालची
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेता नागरी
हाल ही में, होशियारपुर के विपश्यना केंद्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रवास को लेकर राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर केजरीवाल के समर्थक इस पहल को ध्यान साधना मानकर सराह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देना शुरू कर चुके हैं।
केजरीवाल का विपश्यना केंद्र में प्रवास
अरविंद केजरीवाल ने विपश्यना ध्यान केंद्र में कुछ दिन बिताने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि ध्यान और साधना से मन की शांति और शक्ति मिलती है। वह कह चुके हैं कि इस अनुभव से उन्हें और बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलेगी। लेकिन इस फैसले के लेकर उनके विपक्षी नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं।
बाजवा-सिरसा की प्रतिक्रियाएँ
पंजाब के नेता सुखबीर बादल और रामवीर सिंह सिरसा ने केजरीवाल के इस निर्णय पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह सिर्फ सत्ता की लालसा का एक और उदाहरण है। उनके अनुसार, एक नेता को ध्यान साधने की बजाय अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने केजरीवाल के सुरक्षा काफिले की भी आलोचना की और कहा कि यह दिखाता है कि वह जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
राजनीतिक बयानों की बौछार
सिरसा ने कहा, "अगर केजरीवाल वास्तव में दिल्ली के लोगों की परवाह करते, तो उन्हें योग और ध्यान के बजाय लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल का यह ध्यान सेंटर में रहना आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गेमिंग का हिस्सा है।
सुरक्षा मुद्दे पर गंभीरता
केजरीवाल के काफिले की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए हैं। विपक्षी नेता यह सवाल कर रहे हैं कि जब वह खुद को ध्यान में लीन करने के लिए एक शांत स्थान चुन रहे हैं, तब उनकी सुरक्षा का यह इतना बड़ा तामझाम क्यों है? यह मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि राजनीतिक सीन में केजरीवाल के निर्णय को लेकर कितना उत्पात है।
निष्कर्ष
फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल का यह ध्यान साधना उनके राजनीतिक सफर को कैसे प्रभावित करता है। विपक्ष की आलोचनाएँ उनकी योजनाओं को कितना प्रभावित करती हैं, यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। ध्यान और साधना के महत्व को नजरअंदाज करते हुए, राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ने इस विषय को एक और नई दिशा में मोड़ दिया है।
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