हिसार में यूपी के युवक को 4 साल की सजा:35 क्विंटल गोमांस समेत पकड़ा गया, पिकअप से दिल्ली कर रहा था सप्लाई
हिसार की कोर्ट ने गोमांस तस्करी के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश खत्री सौरभ की कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी शान मोहम्मद को दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा और 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह मामला मार्च 2022 का है। सिटी थाना पुलिस ने बरवाला निवासी महिपाल सोनी की शिकायत पर केस दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में बरवाला निवासी महिपाल सोनी ने बताया कि उसे व उसकी टीम के साथियोंं को सूचना मिली कि एक पिकअप गाड़ी हिसार के गांव ढंढुर के पास से गोमांस भरकर निकलेगी। इस बारे में डायल 112 को सूचना दी। बताए गए स्थान पर पुलिस ने ढंढूर के पास एक सफेद रंग की पिकअप ढंढुर गांव की तरफ से आती दिखाई दी, जिसको सफेद रंग की क्रेटा गाड़ी एस्कॉर्ट कर रही थी। सिरसा चुंगी के पास पिकअप को रुकवाया तो देखा की उसमे लगभग 30-35 क्विंटल गोमांस भरा हुआ था। पकड़े गए ड्राइवर ने अपना नाम शान मोहमद निवासी ईस्लाम नगर जिला मेरठ उत्तर प्रदेश बताया। शिकायतकर्ता ने बताया था कि ड्राइवर ने खुद बताया कि उसकी पिकअप में गोमांस भरा हुआ है, जो यहां नजदीक से ही ढंढुर के पास से भरकर लाया है। गाजीपुर दिल्ली में लेकर जा रहा है। सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

हिसार में यूपी के युवक को 4 साल की सजा: 35 क्विंटल गोमांस समेत पकड़ा गया, पिकअप से दिल्ली कर रहा था सप्लाई
Netaa Nagari
लेखिका: प्रियंका शर्मा, टीम नेतानगरि
परिचय
हाल ही में हिसार के एक युवक को 35 क्विंटल गोमांस के साथ पकड़े जाने के बाद 4 साल की सजा दी गई है। गिरफ्तार युवक दिल्ली में गोमांस की सप्लाई करने की कोशिश कर रहा था। इस घटना ने एक बार फिर से गोमांस पर भारत में चल रहे विवादों को तेज कर दिया है।
घटना का विवरण
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिसार में एक युवक संजय सिंह पर पकड़े जाने का आरोप है, जब वह अपने पिकअप वाहन में 35 क्विंटल गोमांस लेकर दिल्ली की ओर जा रहा था। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायालय ने युवक को 4 साल की सजा सुनाई।
कानूनी पहलू
भारत में गोमांस के सेवन पर कई राज्यों में सख्त कानून हैं। हरियाणा में गोमांस की बिक्री और परिवहन पर कड़े प्रतिबंध हैं। इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर सामाजिक और धार्मिक विवादों का कारण बनती हैं। आरोपी युवक ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर यह दावा किया कि वह मात्र काम के सिलसिले में गोमांस ले जा रहा था। लेकिन अधिकारियों ने इसे कानून का उल्लंघन मानते हुए कड़ी सजा दी।
समाज में प्रभाव
इस घटना के बाद विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आई हैं। कुछ का मानना है कि इस प्रकार की सजा से समाज में कानून के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, जबकि कुछ इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हैं।
निष्कर्ष
संजय सिंह की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से यह प्रश्न उठाया है कि भारत में गोमांस के व्यापार पर कानून कितना प्रभावी है। इस मामले ने फिर से समाज में गोमांस के सेवन के प्रति लोगों की धारणाओं को चुनौती दी है। निष्कर्ष के तौर पर, हमें यह समझना होगा कि कानून का पालन करना आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही हमें एक व्यक्ति के अधिकारों का भी सम्मान करना चाहिए।
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