"हम हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते", बंगाल विधानसभा में गूंजा नारा, स्पीकर पर शुभेंदु अधिकारी का बड़ा आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को बवाल देखने को मिला। बीजेपी विधायकों ने "हम अब हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते हैं" का नारा लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

हम हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते", बंगाल विधानसभा में गूंजा नारा, स्पीकर पर शुभेंदु अधिकारी का बड़ा आरोप
Netaa Nagari द्वारा रिपोर्टिंग। टीम: सुमिता रॉय, अनामिका शर्मा
प्रस्तावना
बंगाल विधानसभा में हाल ही में एक गरमागरम बहस हुई, जब शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर हिंदू विरोधी राजनीति का आरोप लगाया। "हम हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते" का नारा विधानसभा में गूंजा। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस लेख में, हम इस घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी, शुभेंदु अधिकारी के आरोप और बंगाल की राजनीतिक हलचल को समझेंगे।
बंगाल विधानसभा में क्या हुआ?
बंगाल विधानसभा के सत्र के दौरान, भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंदू समुदाय के खिलाफ कार्य कर रही है। उनके अनुसार, विधानसभा में कई बार हिंदू पर्वों और धार्मिक मुद्दों की अनदेखी की गई है, जिससे जमीनी स्तर पर हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया है।
शुभेंदु अधिकारी का आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा, "हम हिंदू विरोधी सरकार नहीं चाहते।" यह नारा सुनकर विधानसभा में मौजूद सभी सदस्यों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। अधिकारी ने स्पीकर पर भी गंभीर आरोप लगाए और कहा कि विधानसभा में विपक्षी दलों को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। उनका मानना है कि यह शासक दल की तानाशाही का एक उदाहरण है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने भी ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। नेताओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू समुदाय अपनी आवाज उठाए और संविधान के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ खड़ा हो।
जनता की राय
बंगाल की जनता भी इस मुद्दे पर काफी बात कर रही है। कई लोग इस घटना को राजनीतिक ड्रामे के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि सरकार को हिंदू समुदाय की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। विभिन्न धार्मिक संगठनों ने भी इस बयान का समर्थन किया है और कहा है कि हिंदू पहचान और संस्कृति को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
बंगाल में इस प्रकार की राजनीतिक हलचल यह दर्शाती है कि धर्म और राजनीति का गहरा संबंध है। शुभेंदु अधिकारी का यह बयान इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गर्मा सकता है। जनता अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है और देखना होगा कि इस पर सरकार और अन्य राजनीतिक दल किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं।
इस प्रकार, बंगाल की राजनीति में जो चल रहा है, उसका प्रभाव न केवल राज्य बल्कि समूचे देश पर पड़ेगा। इस विषय पर और अधिक अपडेट के लिए, netaanagari.com पर जाएं।
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