सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पीजी मेडिकल एडमिशन के लिए डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पीजी मेडिकल प्रवेश के लिए अधिवास-आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया और इसे अधिकारों का उल्लंघन बताया।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पीजी मेडिकल एडमिशन के लिए डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण खारिज
लेखिका: सुषमा शर्मा
टीम: नेता नगरी
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पीजी मेडिकल एडमिशन के लिए डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण को खारिज कर दिया है। इस फैसले से पूरे देश के मेडिकल छात्रों में हड़कंप मच गया है। छात्रों का कहना है कि इस फैसले ने उनके भविष्य पर गहरा असर डाला है।
क्या है डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण?
डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण वह नीति है जिसके तहत किसी राज्य का निवासी उस राज्य के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आरक्षण का लाभ उठा सकता है। इस नीति को कई राज्यों में लागू किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे संविधान के खिलाफ मानते हुए खारिज कर दिया।
फैसले की मुख्य बातें
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताया गया कि डोमिसाइल बेस्ड आरक्षण से न केवल अन्य राज्यों के छात्रों के साथ भेदभाव होता है, बल्कि यह मेडिकल शिक्षा के अधिकार को भी प्रभावित करता है। कोर्ट ने कहा, "शिक्षा का अधिकार सभी का है और इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
छात्रों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद, छात्रों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ छात्रों का मानना है कि यह फैसला सही है, क्योंकि यह सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करता है। दूसरी ओर, कई छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और इसे उनके भविष्य के लिए खतरा मान रहे हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया
सरकारी स्तर पर भी इस फैसले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वे छात्रों की चिंताओं को समझते हैं और इस पर जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
निष्कर्ष
यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस निर्णय ने ना केवल मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में धारा को बदलने का काम किया है, बल्कि यह अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए, यह सभी का अधिकार है।
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