'साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली', भंवर जितेंद्र पर ज्ञानदेव आहूजा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

Rajasthan News: पिछले दिनों अलवर के नौगांवा थाना क्षेत्र अंतर्गत तोलियाबास गांव में पुलिस ने सुबह करीब छह बजे दबिश दी थी. साइबर अपराधी की तलाश में पुलिस इमरान नामक व्यक्ति के घर पहुंची. इमरान का मोबाइल जब्त कर पुलिस ने कार्यवाही शुरू की. कार्यवाही के दौरान चारपाई पर सो रही डेढ़ माह की बच्ची मौत हो गई. परिजनों ने बच्ची की मौत का जिम्मेदार पुलिस को ठहराया. उन्होंने बताया कि इमरान को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी चारपाई पर चढ़ गए. चारपाई पर सो रही बच्ची की पुलिसकर्मी के कुचलने से मौत हो गई. पिता इमरान ने हेड कांस्टेबल गिरधारी और जगबीर के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दी है. अब मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. घटना की जानकारी लेने माकपा नेता वृंदा करात भी रामगढ़ पहुंची. उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि एफआईआर में सिर्फ दो पुलिसकर्मियों के नाम लिखे गए जबकि पूरा थाना दोषी है. बिना वारंट के घर में घुसी पुलिस ने बच्ची को पैरों से कुचल कर मार डाला. पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था फेल हो गया है. डेढ़ माह की बच्ची की मौत का मामला भंवर जितेंद्र सिंह पूर्व विधायक साफिया जुबेर खान योगेश प्रधान ,आर्यन जुबेर, पूर्व मंत्री शकुंतला रावत के साथ पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी का नेता पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं पहुंचा. पुलिस घरों में डकैतों की तरह घुस रही है. पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने भंवर जितेंद्र सिंह पर पलटवार किया. उन्होंने जितेंद्र सिंह को तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ने की सलाह दी. गौरतलब है कि बच्ची की मौत के विरोध में परिजनों ने प्रदर्शन किया. 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शव के साथ नौगांवा थाने के बाद एसपी आवास पहुंचे. परिजनों के साथ ग्रामीणों ने भी प्रदर्शन कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की. सीओ सिटी अंगद शर्मा ने परिजनों और ग्रामीणों से वार्ता कर जांच का भरोसा दिलाया. एएसपी डॉक्टर तेजपाल ने बताया कि दबिश टीम में शामिल हेड कांस्टेबल जगवीर, गिरधारी, कांस्टेबल शाहीद, ऋषिकेश और सुनील सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. थाना अधिकारी अजीत बड़सरा के खिलाफ जांच का आदेश जारी हुआ है.  जुगल किशोर गांधी की रिपोर्ट ये भी पढ़ें- होली पर रेलवे चलाएगा जोधपुर से बांद्रा, हरिद्वार और गोरखपुर के लिए स्पेशल ट्रेनें, इन स्टेशनों पर रहेगा ठहराव

Mar 7, 2025 - 18:37
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'साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली', भंवर जितेंद्र पर ज्ञानदेव आहूजा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप
'साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली', भंवर जितेंद्र पर ज्ञानदेव आहूजा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली, भंवर जितेंद्र पर ज्ञानदेव आहूजा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप

Netaa Nagari

भारतीय राजनीति में तुष्टिकरण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हाल ही में, भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने भंवर जितेंद्र पर साइबर अपराधियों के नाम पर वसूली करने का आरोप लगाया है। आहूजा के अनुसार, जितेंद्र ने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य किया है।

साइबर अपराधियों का मामला

पिछले कुछ महीनों में साइबर क्राइम के मामलों में तेजी आई है। तकनीकी विकास के साथ ही साइबर अपराधियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में, ज्ञानदेव ने जितेंद्र पर आरोप लगाया कि वे इन अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, जिससे वे बेखौफ अपना साम्राज्य फैला रहे हैं। आहूजा ने बताया कि यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

तुष्टिकरण का आरोप

ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि जितेंद्र का बर्ताव तुष्टीकरण की ओर ले जाता है। उनके अनुसार, अगर ऐसे नेताओं को सजा नहीं दी गई, तो अपराधियों के हौंसले और बढ़ेंगे। तीखे शब्दों में आहूजा ने कहा कि यह समय है जब हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस आरोप पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कुछ नेता आहूजा के आरोपों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे केवल राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रहे हैं। जितेंद्र ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे सच्चाई के साथ खड़े हैं और उनके खिलाफ ऐसे आरोप केवल दूसरों को भटकाने की कोशिश हैं।

निष्कर्ष

साइबर अपराधी और तुष्टिकरण का मुद्दा भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। ज्ञानदेव आहूजा द्वारा लगाए गए आरोपों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। क्या वास्तव में भंवर जितेंद्र का तुष्टिकरण का रवैया सही है, या यह राजनीति का एक और खेल है? इस पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया और जनता की राय में स्पष्टता आने की आवश्यकता है।

फिलहाल, यह देखना महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे पर प्रशासन क्या कदम उठाता है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकारी कदमों को भी उचित तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

विस्तृत जानकारी के लिए, देखते रहिए netaanagari.com

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