नागपुर हिंसा पर बसपा सुप्रीमो मायावती का पहली प्रतिक्रिया आई सामने, जानें- क्या कहा?
Aurangzeb Controversy: महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा को लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का बयान सामने आया है. बसपा सुप्रीमो ने सरकार से ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है. उन्होंने कहा कि इस तरह से हालात बेहद खराब हो सकते हैं. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि किसी की कब्र या मजार को तोड़ना ठीक नहीं. इससे आपसी सौहार्द को नुकसान हो रहा है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर नागपुर में हुई हिंसा को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा- 'महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मज़ार आदि को क्षति पहुँचाना व तोड़ना ठीक नहीं, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शान्ति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है. सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं.' महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मज़ार आदि को क्षति पहुँचाना व तोड़ना ठीक नहीं, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शान्ति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं। — Mayawati (@Mayawati) March 18, 2025 इमरान मसूद ने किया सरकार पर हमलाउत्तर प्रदेश की सहारनपुर सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी नागपुर में हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधा और नफरत की राजनीति करने के आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि "पुलिस तो मूकदर्शक बनी हुई है. पुलिस क्या देखेगी.. मुख्यमंत्री का गृह जनपद है, उन्हें देखना चाहिए कि ये क्या हो रहा है. क्या आगजनी हो रही है. नफरत के नाम पर कहां तक लेकर जाओगे. नफरत के नाम पर अगर आग लगाओगे तो देश में शांति और अमन खराब होगा. इससे तरक्की का रास्ता नहीं खुल सकता. [yt]https://www.youtube.com/watch?v=FKyW1ccU5vs[/yt] उन्होंने कहा कि आप मोहब्बत से काम करना क्यों नहीं चाहते, अब सरकार बनाई है तो सरकार में लोगों के हित का काम कीजिए. लोगों का काम करें. क्यों जो मुंबई औद्योगिक गलियारा हुआ करता था वो अब मंदी की चपेट में आ गया है? क्यों लोगों को नौकरी नहीं मिल रही हैं? अब आप 400 साल पुराने गढ़े मुर्दे उखाड़ने चल दिए हैं. कुछ लोगों का काम देश में नफरत फैलाना है और वो नफरत फैला रहे हैं. उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है और ये देश के लिए बहुत घातक है. दरअसल महाराष्ट्र में इन दिनों ने औरंगजेब की कब्र को लेकर हो रही बयानबाजी के बीच नागपुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई. जिसके बाद उपद्रवियों ने कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया. इस दौरान कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई. जिसमें डीएसपी समेत कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं. इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव हैं. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. यूपी में इनपर दांव लगाने की तैयारी में BJP, रेस में ये नाम, इसी महीने होगा ऐलान

नागपुर हिंसा पर बसपा सुप्रीमो मायावती का पहली प्रतिक्रिया आई सामने, जानें- क्या कहा?
Netaa Nagari
हाल ही में नागपुर में हुई हिंसक घटनाओं ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। इस संदर्भ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका बयान न केवल समाज को एकजुट करने का प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह कैसे अपनी पार्टी के उद्देश्यों को प्राथमिकता देती हैं।
मायावती का बयान
मायावती ने कहा, "नागपुर में जो हुआ, वह अत्यंत निंदनीय है। हमें ऐसे हिंसक कृत्यों की कड़ी निंदा करनी चाहिए और समाज में शांति और सुरक्षा की स्थापना के लिए मिलकर काम करना चाहिए।" उन्होंने इस हिंसा के पीछे की राजनीतिक और सामाजिक कारणों पर चर्चा की और लोगों से अपील की कि वे कानून-व्यवस्था का पालन करें।
हिंसा के कारण
नागपुर में हाल ही में हिंसा की घटनाएँ सामने आई हैं जो उपद्रवियों के बीच आपसी संघर्ष का परिणाम बताई जा रही हैं। प्रशासन ने बताया कि निर्धारित समय के भीतर शांति को बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की गई है ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।
बसपा का दृष्टिकोण
मायावती ने अपने बयान में यह भी कहा कि बसपा हमेशा से समाज में समानता, न्याय और शांति की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा से समाज में बिखराव होता है, और इसके लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
दूसरी प्रतिक्रियाएँ
बसपा सुप्रीमो के बयान के बाद अन्य नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई पार्टियों ने उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएँ लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकती हैं। इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
नागपुर की हिंसा पर मायावती की यह पहली प्रतिक्रिया समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास है। उनका यह कदम न केवल शांति की स्थापना का है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राजनीति में सामुदायिक संगठनों का क्या महत्व है। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए एकजुटता जरूरी है। आगे चलकर हमें इसी दिशा में काम करना होगा।
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