दिल्ली विधानसभा चुनाव अपडेट्स:पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने घर से डाला वोट; अब तक 6399 बुजुर्गों, 1050 दिव्यांगों ने घर से वोटिंग की
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने घर से ही मोबाइल पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान किया। 23 जनवरी को दिल्ली के मुख्य चुनाव कार्यालय ने 85 साल और उससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन के साथ-साथ दिव्यांग लोगों के लिए घर से वोटिंग शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव आयोग ने यह पहल शुरू की थी। अब तक, दिल्ली में 6399 सीनियर सिटीजन और 1050 दिव्यांग मतदाताओं ने वोटिंग के लिए इस विकल्प को चुना है। घर से वोटिंग करने वालों को दिल्ली जिला निर्वाचन कार्यालय के प्रतिनिध पौधे भी दे रहे हैं। साथ ही उनका हेल्थ चेकअप भी किया जा रहा है। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को रिजल्ट दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। दिल्ली चुनाव से जुड़े आज के अपडेट्स जानने के लिए ब्लॉग से गुजर जाइये...

दिल्ली विधानसभा चुनाव अपडेट्स: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने घर से डाला वोट; अब तक 6399 बुजुर्गों, 1050 दिव्यांगों ने घर से वोटिंग की
Netaa Nagari की तरफ से सारा अली की रिपोर्ट
दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतदान का एक खास दिन रहा, जब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने घर से मतदान किया। इस चुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा दी गई, और अब तक 6399 बुजुर्गों और 1050 दिव्यांगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और भी समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
घर से मतदान की प्रक्रिया
भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने विशेष पहल की है। घर से मतदान करने वाले मतदाताओं के लिए एक विशेष प्रणाली विकसित की गई है, जिससे उन्हें अपने घर से ही वोट डालने की सुविधा मिल रही है। हामिद अंसारी ने इस प्रक्रिया की सराहना की और इसे चुनावी लोकतंत्र का एक सकारात्मक कदम बताया।
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए मतदान का महत्व
दिल्ली के चुनावों में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए मतदान की इस विशेष व्यवस्था ने उन्हें भी अपने मतदान अधिकार का उपयोग करने का एक मंच दिया है। यह उन लोगों के लिए एक अवसर है, जो चलने-फिरने में असमर्थ होते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि चुनावी प्रक्रिया में inclusivity कितनी महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा के उपाय
चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के लाभों के साथ-साथ, घर से मतदान के तरीकों को भी सुनिश्चित किया गया है। चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित एवं पारदर्शी हो, जिससे सभी वोटर सहज अनुभव कर सकें।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनावों में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए घर से मतदान एक सकारात्मक शुरुआत है। इसे देखते हुए अन्य राज्यों को भी इस प्रक्रिया को अपनाने की दिशा में विचार करना चाहिए। Netaa Nagari ऐसे ही महत्वपूर्ण अपडेट्स के लिए हमारे साथ रहें और अपने विचार साझा करें।
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