टोरेस घोटाला मामले में सातवीं गिरफ्तारी, पुलिस से बचने के लिए प्रयागराज भाग गया था आरोपी
Maharashtra Torres Investment Scam: करोड़ों रुपये के कथित टोरेस घोटाला मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को एक और सफलता मिली है. ईओडब्ल्यू की टीम ने टोरेस निवेश घोटाले के सातवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान 58 वर्षीय लल्लन सिंह के रूप में हुई है. ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने बताया कि लल्लन सिंह को नवी मुंबई से पकड़ा गया है. पूछताछ से पता चला कि आरोपी निवेशकों से प्राप्त कैश को डमी कंपनी की मदद से वापस टोरेस के अकाउंट में भेजा करता था. सूत्रों ने बताया कि आरोपी ने 13.78 करोड़ रुपये ब्लैक को व्हाइट किया. गिरफ्तारी के बाद लल्लन सिंह को पुलिस ने आज कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आरोपी को 25 तारीख तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया. टोरेस निवेश घोटाला मामला हिरासत मिलने के बाद पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी हुई है. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रयागराज चला गया था. आर्थिक अपराध शाखा की टीम आरोपी पर नजर बनाए हुए थी. नवी मुंबई पहुंचने पर आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने आरोपी को कॉफी शॉप से धर दबोचा. आपको बता दें कि लल्लन सिंह पिछले डेढ़ महीने से फरार चल रहा था. ईओडब्ल्यू को मिली सफलता पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी कंसल्टेंट का काम करता था. उसने इंटरनेट पर नाम और नंबर डाल रखा था. इंटरनेट पर नंबर देखने के बाद टोरेस वालों ने आरोपी से संपर्क किया. इस तरह लल्लन सिंह टोरेस के लिए कंसल्टेंट का काम करने लगा. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में टोरेस निवेश घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा कर रही है. लल्लन सिंह के रूप में सातवीं गिरफ्तारी से और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है. टोरेस निवेश घोटाले में अब तक सातवीं गिरफ्तारी है. ये भी पढ़ें- शिंदे गुट के 'ऑपरेशन टाइगर' के जवाब में उद्धव ठाकरे का 'ऑपरेशन सेव टाइगर', शिवसेना ने किया ये दावा

टोरेस घोटाला मामले में सातवीं गिरफ्तारी, पुलिस से बचने के लिए प्रयागराज भाग गया था आरोपी
Netaa Nagari
लेखिका: सुमन शर्मा, टीम नेतानगरी
परिचय
टोरेस घोटाला मामले में एक बार फिर से रंगीन खबर सामने आई है। हाल ही में, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया जो पहले से ही पुलिस से बचने के लिए प्रयागराज भाग गया था। इस खबर ने सभी को चौका दिया है क्योंकि यह घोटाला काफी बड़ा और जटिल है। आइए जानते हैं इस मामले की गहराई में जाकर कि क्या हुआ और आरोपी का किस तरह से पकड़ा गया।
घोटाले का संक्षेप विवरण
टोरेस घोटाला एक वित्तीय धोखाधड़ी का मामला है जिसमें व्यापारी और कुछ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। अनुमानित तौर पर, इस घोटाले में लाखों रुपये के चूना लगाया गया है। यह घोटाला तब सजग हुआ जब कुछ पीड़ितों ने इसकी शिकायत की और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि मामला बहुत गंभीर है।
सातवीं गिरफ्तारी
पुलिस ने अब तक कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें हाल ही में पकड़ा गया आरोपी भी शामिल है। बताया जा रहा है कि आरोपी, जो प्रयागराज का रहने वाला है, पुलिस के डर से वहां भाग गया था। उसे पकडने के लिए पुलिस ने रणनीतिक रूप से उसके अन्य ठिकानों पर छापे मारे। अंततः, उसे फिर से गिरफ्तार किया गया और अब वह पुलिस की हिरासत में है।
पुलिस कार्यवाही
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी बरामद किए हैं जो इस मामले में गवाह के रूप में काम कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने अपने भागने के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूतों को छिपाने की कोशिश की थी। इस बार पुलिस ने एक ठोस रणनीति के तहत काम किया और पूरे मामले की जड़ तक पहुंचने में सफल रही।
निष्कर्ष
टोरेस घोटाला एक ऐसा मामला है जिसने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। सभी नज़रें अब पुलिस पर हैं कि वह इस मामले को संपूर्णता में कैसे निपटाती है। साथ ही, यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या और आरोपी इस जाल में फंसे हुए हैं। इस पूरे मामले पर नज़र रखने के लिए हम आपको सुझाव देते हैं कि आप हमारे वेबसाइट को विज़िट करें netaanagari.com.
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