गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं सारी याचिकाएं, बेट द्वारका में मस्जिदों-मजारों पर फिर चले बुलडोजर
गुजरात हाईकोर्ट ने बेट-द्वारका में सरकारी जमीन पर स्थित दरगाहों और मस्जिदों के ढहाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसके बाद अवैध कब्जे को हटाने के लिए बुलडोजर चलाए जा रहे हैं।

गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं सारी याचिकाएं, बेट द्वारका में मस्जिदों-मजारों पर फिर चले बुलडोजर
नेता नगरी की टीम द्वारा
गुजरात में पिछले कुछ दिनों में बेट द्वारका के मस्जिदों और मजारों पर बुलडोजर चलने की खबरें सामने आई हैं। अदालत ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस मामले पर चर्चा करते हुए, कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है।
अदालत का फैसला
गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें बेट द्वारका के मस्जिदों एवं मजारों को संरक्षित करने की मांग की गई थी। अदालत के इस फैसले ने स्थानीय समुदायों में बेचैनी पैदा कर दी है। इस निर्णय के बाद, प्रशासन ने तय किया कि बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि ये प्रयास अवैध निर्माण को हटाने के लिए किए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह उनकी धार्मिक आस्थाओं का उल्लंघन है। उन्होंने प्रशासन के इस कदम के खिलाफ आवाज उठाई है और मामले को लेकर उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बनाई है। कई लोगों का मानना है कि यहाँ पर लंबे समय से धार्मिक स्थल हैं और इनका हटाया जाना गलत है।
सामाजिक संगठनों की भूमिका
इस मामले में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने हस्तक्षेप किया है। उनका कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। कई संगठनों ने एकजुट होकर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से एक समिति बनाकर इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया है।
राजनीतिक टिप्पणी
राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे को लेकर गर्मागर्म चर्चाएँ हो रही हैं। विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक खेल करार दिया है। उनका कहना है कि सरकार आम जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे।
निष्कर्ष
बेट द्वारका में मस्जिदों और मजारों के खिलाफ चल रहे इस प्रशासनिक कार्रवाई ने सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भारत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्थानीय जनता और सामाजिक संगठनों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान कैसे किया जाएगा। आने वाले दिनों में इस पर और अधिक चर्चा होने की संभावना है। इस विषय पर लगातार अपडेट पाने के लिए, कृपया netaanagari.com पर विजिट करें।
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