'कुंभ में सनातन के नाम पर हुआ धन का दुरुपयोग', शिवपाल यादव का योगी सरकार पर हमला
UP Budget Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत जबरदस्त हंगामे के साथ हुई. समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सदन की शुरुआत होने के साथ ही जोरदार हंगामा किया, जिसकी वजह से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का अभिभाषण भी नहीं हो पाया और सदन को 12.30 बजे तक स्थगित करना पड़ा. जिस पर सपा नेता शिवपाल यादव ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये सरकार झूठी हैं. वो झूठा भाषण पढ़ रही थीं, इसलिए उन्होंने उसे पूरा नहीं पढ़ा. शिवपाल यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि "ये सरकार का बनाया हुआ पूरा झूठा भाषण था. इसलिए राजपाल महोदय ने इस झूठे भाषण को पूरा पढ़ा ही नहीं और सपा विधायकों की जो मांग की थी कि इस झूठे भाषण को न पढ़ा जाए तो उन्होंने इस बात को माना और इसलिए नहीं पढ़ा और वो चली गईं. सपा नेता ने योगी सरकार को झूठा बताया और कहा कि ये अनैतिक सरकार है जो कुंभ की व्यवस्था और श्रद्धा के बीच समन्वय नहीं बना सकी है. #WATCH | Lucknow: On the speech of Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel in the assembly, Samajwadi Party leader Shivpal Yadav says, "This was a completely false speech prepared by the government. The Governor did not read this false speech completely. All the MLAs of Samajwadi… pic.twitter.com/8bDyKVy3ID — ANI (@ANI) February 18, 2025 सरकार पर झूठ बोलने का आरोपसपा नेता ने कहा कि कुंभ में सनातन के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है और ये खुद सनातनी नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के लोग ढोंगी हैं. ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. महाकुंभ में जो मरे हैं उनकी अभी तक सूची जारी नहीं हुई है कि कितने मरे हैं और न उन्हें कोई मदद दी गई है. ये केवल झूठ बोलते हैं सरकार धन का जो दुरुपयोग हुआ है, उन्होंने अपना पीआर बढ़ाने के लिए धन का दुरुपयोग किया है. जब ये अपने बजट को खर्च ही नहीं कर पाते हैं तो बड़ा बजट लाकर क्या करेंगे. [yt]https://www.youtube.com/watch?v=syWphrehzmo[/yt] बता दें कि मंगलवार को जैसे ही यूपी विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत हुआ सपा विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की. सदन की शुरुआत में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने अभिभाषण शुरू किया लेकिन विपक्ष ने महाकुंभ, महंगाई, बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों को लेकर हंगामा किया, जिसके चलते राज्यपाल अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ नहीं पाई और सदन को 12.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया. महाकुंभ में नहाने लायक नहीं है संगम का पानी, सामने आई ये वजह, CPCB ने NGT को दी रिपोर्ट

कुंभ में सनातन के नाम पर हुआ धन का दुरुपयोग, शिवपाल यादव का योगी सरकार पर हमला
Netaa Nagari - उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने हाल ही में कुंभ मेले में सनातन धर्म के नाम पर हुए धन के कथित दुरुपयोग पर योगी सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि यह सरकारी धन का एक गंभीर मामला है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
क्या है मामला?
कुंभ मेला हर 12 वर्ष में आयोजित होता है और यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक माना जाता है। शिवपाल यादव ने दावा किया है कि इस मेले में सनातन धर्म के नाम पर बड़े पैमाने पर धन का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी फंड का इस्तेमाल धार्मिक गतिविधियों के बजाय राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है।
शिवपाल यादव के आरोप
शिवपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "योगी सरकार ने कुंभ मेला के आयोजनों को लेकर करोड़ों रुपये जारी किए हैं, लेकिन ये पैसे किस दिशा में जा रहे हैं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।" उनका मानना है कि इस धन का प्रयोग आम जनता के विकास में किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक समारोहों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए।
सरकार की प्रतिक्रिया
योगी सरकार ने शिवपाल यादव के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी धनराशियों का उपयोग पारदर्शिता के साथ किया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कुंभ मेले का आयोजन एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, और सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए गए थे कि श्रद्धालुओं को कोई सुविधा न हो।
जनता की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर आम जनता की भी मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग शिवपाल यादव के आरोपों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य सरकार के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस विषय पर काफी चर्चा कर रहे हैं।
निष्कर्ष
कुंभ मेले में धन के दुरुपयोग के आरोप से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक समारोहों को लेकर राजनीति कितनी सक्रिय हो जाती है। क्या वाकई में इस धन का उपयोग धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए किया जा रहा है, या फिर यह केवल एक राजनीतिक उपकरण बन गया है? यह सवाल महत्वपूर्ण है और इसके जवाब जनता को खोजने होंगे।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर किया है कि धार्मिक आयोजनों में धन का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि धर्म का उपयोग राजनीति में न किया जाए।
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