अखिलेश यादव के बयानों पर भड़के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कहा- 'इनका हाजमा हुआ खराब'
Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने महाकुंभ को लेकर उठाए जा रहे सवालों को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश की जनता खुशी से झूम रही है, चारों और विकास कार्य दिखाई दे रहा है लेकिन ये सब देखकर उनका हाजमा खराब हो गया है. मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव हों या ममता बनर्जी जो भी कुंभ का विरोध कर रहा है वो अपनी पार्टी को रसातल में ले जा रहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि "समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के लोग ज्ञान न दे तो अच्छा है. जिस तरह से देश प्रदेश की सेवा हो रही है. देश-प्रदेश की जनता खुशी से झूम रही है, विकास का कार्य दिखाई दे रहा है. ये समाजवादी पार्टी को दिखाई नहीं दे रहा है उनका हाजमा खराब है. कुंभ की सफलता से ये जैसे विक्षिप्त अवस्था में पहुंच गए हैं बार-बार कुंभ..कुंभ करते हैं." केशव मौर्य की विरोधियों पर हमलाकेशव मौर्य ने आगे कहा कि कुंभ इतना सफल हुआ उसका स्वागत करिए. आप यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हो, यहां के सांसद हो.. एक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो लेकिन, उनकी तुष्टिकरण की राजनीति इसमें नहीं सधती इसलिए वो ऐसी बात करते हैं. चाहे अखिलेश यादव हो या ममता बनर्जी या फिर मल्लिकार्जुन खडगे हों जो कुंभ का विरोध कर रहे हैं वो अपने आप को और अपनी पार्टी को रसातल की ओर ले जा रहे हैं. श्री अखिलेश यादव और सुश्री ममता बनर्जी को सिर्फ माफिया,मोहर्रम, मौलाना और मुस्लिम तुष्टीकरण पसंद है, इसलिए उन्हें भारतीय संस्कृति के विराट स्वरूप महाकुंभ से चिढ़ हो रही है।महाकुंभ को “मृत्युकुंभ” कहना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है।इस तरह के बयान विक्षिप्त मानसिकता को… — Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) February 19, 2025 [yt]https://www.youtube.com/watch?v=H4OOs6E7-T4[/yt] इससे पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर विरोधी दलों के नेताओं का आड़े हाथों लिया था उन्होंने पोस्ट किया- 'श्री अखिलेश यादव और सुश्री ममता बनर्जी को सिर्फ माफिया, मोहर्रम, मौलाना और मुस्लिम तुष्टीकरण पसंद है, इसलिए उन्हें भारतीय संस्कृति के विराट स्वरूप महाकुंभ से चिढ़ हो रही है. महाकुंभ को “मृत्युकुंभ” कहना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है. इस तरह के बयान विक्षिप्त मानसिकता को प्रदर्शित करता है.' बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार महाकुंभ को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो महाकुंभ को मृत्युकुंभ तक बता दिया. उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद हो गया है. बीजेपी समेत तमाम साधु-संतों और धार्मिक गुरुओं ने इस वक्तव्य पर नाराजगी जाहिर की है. क्या महाकुंभ 2025 वाकई 144 वर्षों बाद हो रहा है? पहले भी हो चुके हैं ऐसे दावे, जानें क्या है सच

अखिलेश यादव के बयानों पर भड़के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कहा- 'इनका हाजमा हुआ खराब'
Netaa Nagari - यह समाचार उन राजनीतिक घटनाक्रमों पर आधारित है जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर रहे हैं। हाल ही में, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
परिचय
राजनीतिक संग्राम के बीच, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव द्वारा किए गए कुछ विवादास्पद बयानों पर अपनी नाराजगी प्रकट की है। केशव ने कहा कि यादव के आरोप राजनीतिक हाजमा खराब होने का नतीजा हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य केवल समाज को बांटना और भ्रम फैलाना है।
अखिलेश यादव के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने हाल ही में सरकार पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें नौकरियों की कमी, किसानों की समस्याएं, और विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में प्रगति का ना होना शामिल है। इन सभी आरोपों का जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने यादव की आलोचना की, कहते हुए कि "इनका हाजमा हुआ खराब," जो उनके बयानों को बेतुका और अपमानजनक मानते हैं।
सत्य और जानकारी का महत्वपूर्ण पहलू
राज्य की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, केशव ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की राजनीति केवल मुद्दों को भटकाने का काम करती है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में कई विकासात्मक परियोजनाएं जारी की हैं, जिनका लाभ आम जनता को मिल रहा है। मौर्य ने यह भी आश्वासन दिया कि जो लोग भ्रांतियों को फैलाते हैं, उन्हें जनता की भावनाओं का ध्यान रखना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिकृया और भविष्य की संभावनाएं
उपमुख्यमंत्री के जवाब ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सर्कलों में हलचल मचाई है। उनके बयानों का समर्थन और विरोध दोनों ही हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह ताजा बयान आगामी चुनावों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश के राजनीति में आगामी चुनाव सीधे तौर पर युवा वोटरों को आकर्षित करने का प्रयास कर सकते हैं।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच का यह मतभेद न केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह उस दिशा को भी निर्धारित करेगा, जिसमें आगामी चुनावी माहौल को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य की जनता को इन बयानों का पुनरावलोकन करना होगा और राजनीतिक निर्णय लेते समय तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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