सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर के DM की लोकसभा अध्यक्ष से की शिकायत, क्या है मामला?
Sudama Prasad Complaint Against Bhojpur DM: बिहार के आरा से सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर डीएम की शिकायत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से की है. उन्होंने इसकी जानकारी एक पत्र के माध्यम से मीडिया को दी है. दरअसल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए सुदामा प्रसाद आर के रमना मैदान गए थे, उन्हें निमंत्रण दिया गया था लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद उनके बैठने के लिए कोई स्थान आरक्षित नहीं था. इसके बाद उन्होंने वहां पूछा कि मेरी सीट कहां है तो उन्हें एसपी के बगल में बैठा दिया गया. हालांकि डीएम के आने के बाद वह सीट भी उनसे खाली करवा दी गई. सुदामा प्रसाद का सवाल है कि क्या यह संसद को दिए गए प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं है? संसद और जनता का अपमान- सुदामा प्रसाद उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि ये कोई अकेली घटना नहीं है. ऐसे अन्य उदाहरण भी हैं, जहां डीएम ने मेरी उपस्थिति को स्वीकार नहीं किया और यहां तक की जिले में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी देने से भी इनकार कर दिया. उनका कहना है कि किसी नवनिर्वाचित प्रतिनिधि के साथ प्रोटोकॉल के साथ व्यवहार करने से इनकार करना न केवल उस संसद का अपमान है बल्कि सांसद और उन्हें चुनने वाली जनता का भी अपमान है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से डीएम पर कार्रवाई की मांग सुदामा प्रसाद ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मांग करते हुए कहा, ''मुझे बुनियादी प्रोटोकॉल और सम्मान देने में भी विफल रहने के लिए डीएम के खिलाफ कार्रवाई करें और इसमें हस्तक्षेप करते हुए मेरे निर्वाचन क्षेत्र में लोकतंत्र और निर्वाचित प्रतिनिधि की गरिमा को पुनर्स्थापित किया जाए. भोजपुर डीएम पर कार्रवाई के लिए सांसद ने गुरुवार (6 फरवरी) को लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भोजपुर डीएम, आईएएस तनय सुल्तानिया पर न्यूनतम विशेषाधिकार के उल्लंघन और संसद के निर्वाचित सदस्य को दिए जाने वाले प्रोटोकॉल के बुनियादी मानदंडों पर खरा नहीं उतरने का आरोप लगाया है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया, ''हमने 7 दिसंबर 2024 को दिशा की बैठक में विकास की कई योजनाओं का लिस्ट दिया, 4 और 7 जनवरी 2025 को कई विकास योजनाओं की जानकारी के संबंध में पत्र दिया, लेकिन इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई. हमने फिर 27 जनवरी 2025 को एक रिमाइंडर दिया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. ये भी पढ़ें: नीतीश सरकार की 25000 वाली स्कीम, किसे मिलेगा योजना का लाभ? पढ़ लीजिए पूरी खबर

सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर के DM की लोकसभा अध्यक्ष से की शिकायत, क्या है मामला?
Netaa Nagari
लेखिका: छाया वर्मा, टीम नेटानगरी
परिचय
भोजपुर के सांसद सुदामा प्रसाद ने हाल ही में प्रदेश के DM के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष से औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। यह मामला तेजी से चर्चा में आने लगा है और राजनीतिक गलियारे में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर सुदामा प्रसाद ने DM के खिलाफ शिकायत क्यों की और इसके पीछे की वजह क्या है।
शिकायत का कारण
sudama prasad की शिकायत का मुख्य कारण DM द्वारा प्रमुख परियोजनाओं को लेकर की गई कार्यवाई है। सांसद ने कहा है कि DM ने कई योजनाओं में गड़बड़ी की है, जिसके चलते विकास कार्य ठप हो गए हैं। इसके अलावा, सांसद का मानना है कि DM ने विभिन्न स्थानीय मुद्दों को हल करने में भी लापरवाही दिखाई है। यह शिकायत उनकी विकट स्थिति को बयान करती है जिसमें नेतृत्व के स्तर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
DM का बचाव
DM ने सांसद की शिकायत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी कार्रवाई कानून के अनुसार की गई हैं। उन्होंने कहा कि सांसद के आरोप निराधार हैं और कोई भी विकास कार्य पक्षपातपूर्ण नहीं किया गया है। DM ने कहा कि वे हमेशा से ही स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते रहे हैं और जनहित में निर्णय लेते हैं।
राजनीतिक conséquences
इस मामले का असर भोजपुर की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। सांसद और DM के बीच की यह तनातनी स्थानीय जनता के बीच सियासी तापमान को बढ़ा सकती है। विपक्षी दल इस मामले का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनौतियाँ बढ़ जाएंगी। हालात को देखते हुए लगता है कि इससे संबंधित कई अन्य मुद्दे भी उभर सकते हैं।
आगे का रास्ता
कानूनी प्रक्रिया एक तरफ, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का क्या नतीजा निकलता है। सांसद सुदामा प्रसाद ने अपने आरोपों को लेकर जनता का ध्यान आकर्षित कर लिया है, जिससे आगे चलकर इस मामले में उनकी राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। ये सभी घटनाक्रम जनता के रुख को भी प्रभावित करेंगे और लोग यह जानने के लिए उत्सुक रहेंगे कि अगले चरण में क्या होने वाला है।
निष्कर्ष
भोजपुर के सांसद सुदामा प्रसाद और DM के बीच की यह टकराव राजनीति में नए सवाल खड़े करने के लिए काफी है। आने वाले दिनों में इस मामले की गहराई में जा कर विमर्श होगा और यह देखना होगा कि क्या सांसद अपनी शिकायत को सही साबित कर पाते हैं। इस मामले के कई पहलू जनता की निगाहों के सामने आ सकते हैं।
फिलहाल हमें इस मामले पर नजर रखनी होगी, क्योंकि यह न केवल भोजपुर की राजनीति बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में बदलाव ला सकता है।
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