सनातन, आस्था व विकास को समर्पित योगी सरकार का बजट
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए सनातन को समर्पित करते हुए सामाजिक सरोकारों वाला व्यापक बजट प्रस्तुत किया है जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग तथा जीवन के हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है। सर्वसमावेशी होने के कारण छात्र, किसान, व्यापारी, महिलाएं, विषय विशेषज्ञ और उद्योगपति सभी इस बजट की सराहना कर रहे हैं। बजट में धर्मस्थलों के विकास व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त धन दिया गया है। प्रदेश सरकार के बजट में हर उस क्षेत्र तक पहुंच बनाने का प्रयास किया गया है जो आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बजट में अयोध्या, मथुरा, नैमिषारण्य और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण का प्रारम्भ महाकुंभ के आयोजन से किया और फिर धर्मस्थलों के विकास के लिए अपना खजाना खोल दिया। श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर व मां विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर की स्थापना के बाद सरकार मथुरा में श्री बांकेबिहारी जी महाराज मंदिर, मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर का निर्माण करायेगी। इसके लिए भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 100 करोड़ और निर्माण के लिए 50 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। नैमिषारण्य में वेद विज्ञान केंद्र की स्थपना के लिए 100 करोड़ रु. खर्च किये जायेंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पहले ही 25 करोड़ बजट के साथ पांच एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है। इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के केंद्र में वैदिक पर्यावरण, वैदिक गणित, वैदिक विधिशास्त्र, वैदिक योग विज्ञान, वैदिक वन औषधियां वनस्पति आदि पाठ्यक्रम होंगे। यहां पर बड़े वैदिक पुस्तकालय का भी निर्माण कराया जाएगा, साथ ही वेदशाला,वैदिक संग्रहालय, तारा मंडल, संगोष्ठी कक्ष बनाये जाएंगे। केंद्र में गुरुकुल व आधुनिक पद्धति के अंतर्गत कक्षाएं बनायी जायेंगी।इसे भी पढ़ें: कितनी उचित है गंगाजल पर बयान बाजीमुख्यमंत्री पर्यटन स्थल विकास योजना के तहत 400 करोड़ रु. खर्च किये जायेंगे। अयोध्या में पर्यटन अवस्थापना विकास के लिए 150 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। इसी तरह मथुरा में 125 करोड़ नैमिषारण्य मे 100 करोड़ चित्रकूट में 50 करोड़ खर्च करने का प्रावधान किया गया है। मिर्जापुर में मां विन्ध्यवासिनी मंदिर, मां अष्टभुजा मंदिर मां काली खोह मंदिर के परिक्रमा पथ व जनसुविधा स्थलों का विकास किया जायेगा। संरक्षित मंदिरो के जीर्णोद्वार के लिए 30 करोड़, महाभारत सर्किट के पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़, जैन सर्किट के विकास के लिए भी धन उपलब्ध कराया गया है। विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी धन का प्रावधान किया गया है। गुरुस्वामी हरिदास की स्मृति में अंतरराष्ट्रीय संगीत समारोह के लिए एक करोड़ और अयोध्या में जिला स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के लिए भी एक करोड़ की धनराशि रखी गई है। योगी सरकार ने वर्तमान बजट से धार्मिक पर्यटन के माध्यम से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की लौ प्रदीप्त की है। बजट में महापुरुषों पर भी ध्यान दिया गया है जिसके अंतर्गत बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर लखनऊ में स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही हर जिले में 100 एकड़ में पीपीपी मॉडल पर सरदार पटेल जनपदीय आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जायेगा। संत कबीर के नाम पर 10 वस्त्रोद्योग पार्क तथा संत रविदास के नाम पर दो चर्मोद्योग स्थापित किये जाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके सम्मान में नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। लखनऊ स्थित अटारी कृषि प्रक्षेत्र पर 251 करोड़ रु. की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह के नाम पर सीड पार्क की स्थापना होगी। प्रत्येक कृषि मंडी में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालाय स्थापित किये जायेंगे।बजट में युवाओं और छात्राओं को आकर्षित करने के लिए भी प्रावधान किये गये हैं। अब प्रदेश की हर मेधावी छात्रा को स्कूटी दी जायेगी छात्राओं के लिए 400 करोड़ रु. रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना का ऐलान किया गया है। यही नही माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर श्रमजीवी महिलाओं के लिए छात्रावास भी बनेंगे। प्रदेश के बजट में युवा उद्यमी अभियान के लिए भी 1000 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। संपूर्ण उत्तर प्रदेश के व्यापक विकास का विस्तृत खाका बजट में रखा गया है। बजट के अनुसार अवध में केवल अयोध्या का ही विकास नहीं हो रहा अपितु अवध के हर जिले के विकास की अद्भुत पटकथा लिखी जायेगी। बजट के प्रावधान इस प्रकार से बनाये गये हैं कि एक प्रकार से यह आगामी 25 वर्षों के विकास का रोडमैप प्रस्तुत कर रहा है। उत्तर प्रदेश में चार नए एक्सप्रेस वे के निर्माण से तीन तीर्थस्थलों काशी, प्रयागराज व हरिद्वार की यात्रा सरल हो जायेगी। चार नए एक्सप्रेस वे के लिए बजट में 1,050 करोड़ रु. की व्यवस्था कर दी गई है। गंगा एक्सप्रेस वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ने के लिए विन्ध्य लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जायेगा। इससे इस क्षेत्र के विकास की गति दोगुनी हो जायेगी व धार्मिक पर्यटन और बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह युवाओं को रोजगार देने वाला बजट है। बजट में एमएसएमई, नई तकनीक, एआई व साइबर सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। नए एक्सप्रेस- वे बनने से दूर की यात्रा आसान होगी। नए एक्सप्रेस वे बनने से व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। एआई सिटी बनाने की घोषणा से स्टार्टअप और आईटी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।प्रदेश का बजट इंफ्रास्टक्चर को बढ़ावा देने के साथ बेरोजगारों को रोजगारपरक बनाने वाला बजट है। यह बजट राज्य की तकनीकी प्रगति औद्योगिक विकास और स्वास्थ्य अवसंरचना के लिए प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है। प्रदेश के बजट में सड़क राजमार्ग के चौड़ीकरण पर भी पर्याप्त फोकस किया गया है। इसका सर्वाधिक लाभ राजधानी लखनऊ व उसके आसपास के जिलों व कस्बों आदि को मिलेगा। मोहनलालगंज -गोसाईगंज होते ह

सनातन, आस्था व विकास को समर्पित योगी सरकार का बजट
Netaa Nagari, इस बार योगी सरकार ने अपने बजट में सनातन संस्कृति, आस्था और विकास को विशेष महत्व दिया है। यह बजट ना सिर्फ आर्थिक विकास के रास्ते खोलेगा, बल्कि इससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा मिलेगा। इस समाचार का लेखन किया है सुषमा शर्मा, टीम Netaa Nagari।
बजट की मुख्य बातें
इस बजट में विभिन्न विभागों को बड़े पैमाने पर फंड आवंटित किया गया है। सबसे पहले बात करें संस्कृति मंत्रालय की, जहाँ 2000 करोड़ रुपये का बजट सुनिश्चित किया गया है ताकि धार्मिक स्थलों का विकास और संरक्षण किया जा सके। साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी विशेष फंड का प्रावधान किया गया है जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर मिल सकें।
आस्था और संप्रदायिक एकता के पहलू
योगी सरकार ने इस बजट में आस्था को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया है। मंदिरों के विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। विशेषकर काशी, अयोध्या और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो न केवल आस्थावान लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगे।
विकास की दिशा में कदम
विकास के स्तर पर, योगी सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए भी कई योजनाएँ प्रस्तुत की हैं। 5000 करोड़ रुपये का बजट कृषि को समर्पित किया गया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा, जैसे कि उन्नत बीजों का वितरण और सिंचाई के लिए नए संसाधनों की व्यवस्था। यह कदम न केवल किसानों के लिए लाभदायक रहेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान करेगा।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
युवाओं के लिए रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से भी इस बजट में कई योजनाएँ शामिल हैं। 3000 करोड़ रुपये का बजट कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए निर्धारित किया गया है, ताकि युवा को उचित प्रशिक्षण मिल सके और वे विभिन्न उद्योगों में रोजगार प्राप्त कर सकें।
निष्कर्ष
इस बार का बजट वास्तव में एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह ना केवल आर्थिक विकास को प्राथमिकता देता है, बल्कि सांस्कृतिक और आस्थावान पहलुओं को भी महत्व देता है। योगी सरकार का यह प्रयास निश्चित ही राज्य की समृद्धि में योगदान करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि इस बजट से जनहित में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
Netaa Nagari के द्वारा हर अफसर और नीतियों पर नजर रखी जा रही है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया netaanagari.com पर जाएँ।
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