संसद के बजट सत्र का दूसरा फेज आज से:10 मार्च से 4 अप्रैल तक 16 बैठकें, मणिपुर बजट; वक्फ समेत 36 बिल आ सकते हैं
संसद के बजट सत्र का दूसरा फेज आज से शुरू हो रहा है। 4 अप्रैल तक चलने वाले इस सेशन में 16 बैठकें होंगी। इस दौरान सरकार वक्फ संशोधन समेत 36 बिल ला सकती है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राज्य का बजट पेश करेंगी। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रपति शासन पर संसद की मंजूरी के लिए प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। बजट सत्र के दूसरे फेज में सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव होने की आशंका है। विपक्ष इलेक्शन वोटर ID में गड़बड़ी, मणिपुर में ताजा हिंसा और अमेरिकी टैरिफ को लेकर सरकार पर हमलावर है। इस फेज में सरकार का फोकस 3 विषयों पर... चुनाव गड़बड़ियों से लेकर वक्फ बिल पर हंगामे के आसार संसद के बजट सेशन के दूसरे फेज से पहले विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह सरकार को इलेक्शन वोटर ID कार्ड से जुड़ी गड़बड़ियों पर घेरेगा। इधर टीएमसी के हंगामे के बाद चुनाव आयोग ने तीन महीने में सुधार करने का आश्वासन दिया। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया कि वोटर ID में नंबर भले ही कुछ मतदाताओं के एक जैसे हों, लेकिन उनकी अन्य जानकारी अलग-अलग है। इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाने के लिए तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, डीएमके और शिवसेना (UBT) के नेता आज चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे। वक्फ संशोधन बिल पर भी टकराव तय सरकार की प्राथमिकता वक्फ संशोधन बिल को जल्द से जल्द पास कराने की है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की कई समस्याओं का समाधान करेगा। हालांकि, कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस बिल का विरोध करने के लिए एकजुट रणनीति बना रहे हैं। विपक्ष के 3 मुद्दे जिस पर हंगामे के आसार वक्फ बिल पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि INDIA गठबंधन वक्फ बिल पर संयुक्त रणनीति बनाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में चुनाव अब निष्पक्ष और स्वतंत्र नहीं रह गए हैं, बल्कि सरकार द्वारा नियंत्रित किए जा रहे हैं। ----------------------------- यह खबर भी पढ़ें… वक्फ बिल में 14 बदलावों को केंद्र की मंजूरी:रिपोर्ट्स में दावा-10 मार्च से होने वाले संसद सत्र में लाना संभव केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 फरवरी को हुई बैठक में बिल को कैबिनेट की रजामंदी मिल गई थी। संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार इसे पेश कर सकती है। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। पूरी खबर पढ़ें... मणिपुर में कुकी संगठनों ने अनिश्चितकालीन बंद बुलाया, हिंसा के बाद एक्स्ट्रा फोर्स तैनात मणिपुर में फ्री ट्रैफिक मूवमेंट के पहले दिन शनिवार को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 40 लोग घायल हुए हैं। राज्य में 8 मार्च से सभी इलाकों में सामान्य आवाजाही शुरू की गई, जिसका कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया। पूरी खबर पढ़ें...

संसद के बजट सत्र का दूसरा फेज आज से: 10 मार्च से 4 अप्रैल तक 16 बैठकें, मणिपुर बजट; वक्फ समेत 36 बिल आ सकते हैं
Netaa Nagari
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। यह सत्र 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कुल 16 बैठकें होने की संभावना है। इस दौरान मणिपुर की आर्थिक स्थिति पर चर्चा के साथ-साथ 36 बिलों पर मतदान होने की उम्मीद है।
सत्र की सारांश
इस बजट सत्र का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा करना और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करना है। बजट सत्र के पहले चरण में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हुई, और अब दूसरे चरण में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ सरकार की योजनाओं पर भी ध्यान दिया जाने वाला है।
मणिपुर बजट पर ध्यान
मणिपुर का बजट इस सत्र का एक प्रमुख बिंदु होगा। राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए यह बजट अहम है। चर्चा के दौरान मणिपुर के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मणिपुर को आवश्यक फंडिंग मिलेगी ताकि राज्य की विकास दर में सुधार हो सके।
विधानसभा में पेश किए जाने वाले बिल
इस सत्र में वक्फ और अन्य 35 बिलों का प्रस्तुतीकरण हो सकता है। वक्फ का मुद्दा भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके माध्यम से उनकी संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की संभावनाएं हैं। इसके अलावा, अन्य विधेयकों में सामाजिक कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर आधारित प्रस्ताव भी शामिल हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस सत्र में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। कई विपक्षी दलों ने बजट के पहले चरण से असंतोष व्यक्त किया था, और वे आगामी सत्र में सरकार से अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की मांग कर सकते हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह सत्र न केवल नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सरकार की नीतियों और योजनाओं की सच्चाई को भी उजागर करेगा।
निष्कर्ष
संसद के बजट सत्र का यह दूसरा फेज राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। मणिपुर का बजट और 36 विधेयकों का प्रस्तुतीकरण सभी के साथ-साथ देश के विकास पर भी असर डालेगा। उम्मीद की जाती है कि इस सत्र में ठोस और सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे।
कुल मिलाकर, भारतीय लोकतंत्र में संसद का यह बजट सत्र हमें नई नीतियों और योजनाओं के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, यदि अधिक जानकारी चाहिए, तो हमारे साथ बने रहें। अधिक अपडेट्स के लिए, visit netaanagari.com.
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