वक्फ बोर्ड संशोधित कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, असंवैधानिक घोषित करने की मांग
उत्तर प्रदेश के रहने वाले तैय्यब खान सलमानी एंड अंजुम कादरी ने ये याचिका दायर की है। इसमें कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।

वक्फ बोर्ड संशोधित कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, असंवैधानिक घोषित करने की मांग
Netaa Nagari - भारत में वक्फ बोर्ड से संबंधित संशोधित कानून को लेकर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि यह कानून असंवैधानिक है और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। इस याचिका के माध्यम से न्यायालय से इस कानून को निरस्त करने की मांग की गई है। इस बार मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है, जिसे कई संगठनों और जनसमुदाय का समर्थन प्राप्त है।
संशोधित कानून की विशेषताएँ
वक्फ बोर्ड का संशोधित कानून 2022 में पारित हुआ है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण को प्रभावित करता है। इस कानून में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान हैं, जैसे कि वक्फ संपत्तियों के धार्मिक और सामाजिक उपयोग के लिए संशोधन। हालांकि, कई गैर सरकारी संगठनों और नागरिकों ने इसे गलत ठहराते हुए कहा है कि यह समुदाय के अधिकारों का हनन करता है। इसके पीछे यह तर्क है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और स्थानीय समुदायों के अधिकारों पर असर डालता है।
याचिकाकर्ता के तर्क
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा है कि इस कानून के लागू होने के साथ ही वक्फ संपत्तियों का अनियंत्रित प्रबंधन शुरू होगा। इस याचिका में न केवल विधि की दृष्टि से इस कानून को चुनौती दी गई है, बल्कि इसके पीछे जो सामाजिक प्रभाव हैं, उन पर भी जोर दिया गया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन करने के बजाय इस कानून से समाज में असंतोष बढ़ने की संभावना है।
सरकार की प्रतिक्रिया
वहीं, सरकार ने इस कानून को अधिकतर सकारात्मक बताया है और कहा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए बनाया गया है। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि एक संपूर्ण व्यवस्था के तहत ही वक्फ संपत्तियों का उपयोग किया जाएगा। हालांकि, समाज का एक बड़ा वर्ग इस बात से असंतुष्ट है और मानता है कि इस तरह के कानून जनहित में नहीं हैं।
भविष्य की राह
सुप्रीम कोर्ट में अब इस याचिका की सुनवाई होगी और इसके परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया, तो इससे वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर बड़ा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि कानून के बारे में विभिन्न पक्षों की राय को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिया जाएगा।
निष्कर्ष
वक्फ बोर्ड संशोधित कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई यह याचिका असंवैधानिक होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ना केवल कानूनी बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। क्या सुप्रीम कोर्ट इस कानून को असंवैधानिक घोषित करेगा? इसके लिए हम सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा।
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