अब सता रहा अकाल का डर, सिंधु जल संधि के निलंबन को पाकिस्तानी नेता ने बताया 'वाटर बम', शहबाज सरकार से की खास अपील
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को भी नष्ट किया है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि के निलंबन को पाकिस्तान 'वाटर बम' बता रहा है।

अब सता रहा अकाल का डर, सिंधु जल संधि के निलंबन को पाकिस्तानी नेता ने बताया 'वाटर बम', शहबाज सरकार से की खास अपील
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भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में नए मोड़ आ गए हैं, जब भारत ने पूर्व क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। इस फैसले को पाकिस्तान का एक नेता, जिसका नाम अभी तक ज्ञात नहीं है, ने 'वाटर बम' कहा है। उन्होंने शहबाज सरकार से अपील की है कि वह इस मामले में गंभीरता से विचार करें।
सिंधु जल संधि का महत्व
सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जो इन दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के वितरण को नियंत्रित करती है। संधि के मुताबिक, पाकिस्तान को अपने नदियों का पानी स्वतंत्रता से उपयोग करने का अधिकार है। हाल ही में भारत द्वारा इसे निलंबित करने के फैसले से पाकिस्तान में डर और चिंता का माहौल है।
भारत का यह कदम क्यों?
भारत ने इस निर्णय को अपने आत्मरक्षा के अंतर्गत लिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ यह एक आवश्यक कदम है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने भारत में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। भारत ने न केवल जल संधि को निलंबित किया है, बल्कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भी हमले किए हैं। यह निर्णय भारत सरकार की ओर से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का संकेत देता है।
पाकिस्तान का प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के नेता ने भारत के इस कदम को 'वाटर बम' की संज्ञा दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि उन्हें इस निलंबन का गंभीर अर्थ समझ में आया है। उन्होंने कहा, "अगर सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, तो पानी का संकट आ जायेगा और इसका सीधा प्रभाव हमारे कृषि और जनजीवन पर पड़ेगा।" शहबाज सरकार से अपील की गई है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर बात करें।
संभावित प्रभाव
अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को स्थायी रूप से निलंबित करता है, तो यह न केवल दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करेगा बल्कि पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर डालेगा। सिंधु नदी के जल का उपयोग पाकिस्तानी लोग अपने दैनिक जीवन और कृषि के लिए करते हैं। अगर जल का प्रवाह कम होता है, तो इससे खाद्य सुरक्षा के मुद्दे भी उठ सकते हैं।
समाप्ति विचार
यह स्पष्ट है कि सिंधु जल संधि के निलंबन से भारत-पाकिस्तान संबंधों में और अधिक तनाव बढ़ने की संभावना है। दोनों देशों के बीच बातचीत और समझौता करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। हमें उम्मीद है कि इस संकट का समाधान निकाला जाएगा ताकि दोनों देशों में शांति और सहयोग कायम हो सके।
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