'जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा बताएं अमित शाह', कांग्रेस ने पूछा सवाल
Jammu Kashmir News: कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने रविवार (6 अप्रैल) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस केंद्र शासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा की मांग की. पार्टी ने शाह से आतंकवादी गतिविधियों को फैलने से रोकने में उनके मंत्रालय की कथित ‘पूर्ण विफलता’ के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा, ‘‘गृह मंत्री को अपने दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा बतानी चाहिए. लोग जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल होते हुए देखना चाहते हैं.’’ रविंद्र शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार द्वारा बार-बार किये गये वादे के मुताबिक राज्य का दर्जा बहाल किये जाने के लिए दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के तहत शासन की ‘‘दोहरी प्रणाली आम लोगों के हितों के लिए हानिकारक है और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक अशांति पैदा कर रही है.’’ कांग्रेस नेता ने मांगा स्पष्टीकरण जम्मू क्षेत्र की समग्र सुरक्षा स्थिति को ‘गंभीर’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने गृह मंत्री से हाल के वर्षों में शांतिपूर्ण क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के प्रसार को रोकने में उनके मंत्रालय की कथित ‘पूर्ण विफलता’ के बारे में स्पष्टीकरण मांगा. 'बीजेपी को देश को जवाब देना चाहिए'शर्मा ने कहा कि जब बीजेपी विपक्ष में थी, तो वह सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं के लिए मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर निशाना साधती थी, इसलिए अब बीजेपी को देश को जवाब देना चाहिए कि वह अपने शासन के पिछले 11 वर्षों में आतंकवाद को रोकने में विफल क्यों रही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति नहीं करती है और इस खतरे को खत्म करने के लिए सेना और सुरक्षा बलों के साथ पूरी तरह खड़ी है. ये भी पढ़ें: SC कॉलेजियम की सिफारिश, जस्टिस अरुण पाली होंगे जम्मू-कश्मीर HC के अगले चीफ जस्टिस, जानें- उनके बारे में सबकुछ

जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की समय सीमा बताएं अमित शाह, कांग्रेस ने पूछा सवाल
Netaa Nagari
लेखिका: प्रिया सिंह और टीम Netaa Nagari
परिचय
जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर नागरिकों और राजनीतिक दलों में गहमागहमी बढ़ गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा है कि वह इस प्रक्रिया की समय सीमा क्या निर्धारित करते हैं। जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन हुए हैं, जिनका असर आम जनता पर पड़ा है। यह स्पष्ट है कि कई लोग अब इस राज्य के पहले के दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस का सवाल और उसका महत्व
कांग्रेस के प्रवक्ता ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कहा कि, "केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से लोगों को नुकसान पहुंचाया है।" उन्होंने अमित शाह से अपील की कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करें और बता दें कि राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया कब शुरू होगी।
कांग्रेस का यह सवाल केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ है। राज्य का दर्जा बहाल होने से स्थायी रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा में सुधार की संभावना बढ़ जाएगी।
राज्य का दर्जा बहाल करने की ज़रूरत
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद, राज्य की स्वायत्तता और स्थानीय स्वशासन में कमी आई है। इससे वहां की स्थानीय जनता में न केवल असंतोष बढ़ा है, बल्कि पलायन की प्रक्रिया भी तेज हुई है। राज्य का दर्जा बहाल करने से न केवल वहां की सुरक्षा स्थिति बेहतर होगी, बल्कि स्थानीय विकास में भी तेजी आएगी।
संभावित राजनीतिक परिणाम
यदि राज्य का दर्जा बहाल किया जाता है, तो यह न केवल कांग्रेस को बल्कि अन्य राजनीतिक दलों को भी एक नई धार दे सकता है। भाजपा के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, क्योंकि लोग केंद्र सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हो रहे हैं। इस संदर्भ में, यह देखना होगा कि केंद्रीय सरकार क्या कदम उठाती है।
निष्कर्ष
जम्मू और कश्मीर के लोगों की धारणा को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर जल्दी से निर्णय ले। कांग्रेस का सवाल निस्संदेह महत्वपूर्ण है, और इस पर विचार करना और जवाब देना आवश्यक है। हमें देखना होगा कि अमित शाह इस मुद्दे पर कब और क्या प्रतिक्रिया देते हैं। अंततः, यह जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए एक नई सुबह का संकेत हो सकता है।
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