सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI की चार्जशीट:जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप, 6 अन्य लोगों के भी नाम
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत 6 लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी को लेकर है। CBI ने इसी मामले को लेकर 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा था। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की थी। दरअसल, सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते 300 करोड़ की रिश्वत ऑफर हुई थी। लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद CBI ने अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार के कहने पर मामला दर्ज किया था। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। सत्यपाल मलिक बोले- अस्पताल में भर्ती हूं चार्जशीट दाखिल होने के बाद, सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया पर कहा कि वो अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि उन्हें शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन वो जवाब नहीं दे पा रहे। पिछले साल CBI की रेड के बाद मलिक ने कहा था, "CBI ने मेरा घर छापा लेकिन जिन लोगों के खिलाफ मैंने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, उनकी जांच नहीं की गई। उन्हें मेरे पास 4-5 कुर्ता-पायजामा ही मिलेंगे। मैं किसान का बेटा हूं, डरूंगा नहीं।" मलिक ने 2021 में लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं। मलिक ने ये भी कहा था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, 'मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।' CBI ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की FIR CBI ने इस मामले में 2 FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी। दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है। --------------------------------------------- सत्यपाल मलिक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... पूर्व राज्यपाल ने कहा- पुलवामा अटैक के वक्त शूटिंग में बिजी थे मोदी, मुझे कुछ बोलने नहीं दिया पुलवामा अटैक के वक्त PM नरेंद्र मोदी कॉर्बेट नेशनल पार्क में अपनी शूटिंग करवा रहे थे। बाहर आकर PM ने एक ढाबे से फोन कर मुझे पूछा- क्या हुआ? मैंने कहा था- ये हमारी गलती से हुआ। मलिक ने यह भी कहा था, देश बहुत गलत आदमी के हाथ में है। यदि किसान एक नहीं हुआ और केंद्र में बैठी सरकार दोबारा सत्ता में आ गई तो किसान नहीं बचेंगे। उनका बस चला तो सबसे पहले खेती को खत्म कर देंगे। पढ़ें पूरी खबर...

सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI की चार्जशीट: जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में 2200 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप, 6 अन्य लोगों के भी नाम
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और 6 अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में कुल लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
CBI ने 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापे मारे थे और दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की थी। यह मामला तब शुरू हुआ जब मलिक ने अक्टूबर 2021 में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते 300 करोड़ की रिश्वत ऑफर की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। इस भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद CBI ने अप्रैल 2022 में मामला दर्ज किया। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।
चार्जशीट में कौन-कौन शामिल हैं
चार्जशीट में शामिल उन 6 व्यक्तियों में विभिन्न सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों के नाम भी हैं। CBI अब इन सभी के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी हुई है। मलिक का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और यह उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाने का प्रयास है।
सत्यपाल मलिक की प्रतिक्रिया
चार्जशीट दाखिल होने के बाद, सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया पर कहा कि वो अस्पताल में भर्ती हैं और इस समय किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि उन्हें शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन वह जवाब नहीं दे पा रहे। उन्होंने कहा, "CBI ने मेरा घर छापा, लेकिन जिन लोगों के खिलाफ मैंने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, उनकी जांच नहीं की गई।"
भ्रष्टाचार के आरोपों का विस्तार
मलिक ने राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें राज्यपाल रहते हुए दो महत्वपूर्ण फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर किया गया था। उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि मैं सिर्फ उतना ही लेकर चला जाऊँगा, जितना मैंने अपनी ईमानदारी से हासिल किया है।" इस तरह के आरोप और उनके द्वारा दिए गए बयान मामले की गंभीरता को बढ़ाते हैं। CBI ने इस मामले में 2 अलग-अलग FIR भी दर्ज की हैं। पहली FIR 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित है, जबकि दूसरी FIR कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2200 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है।
अंतिम विचार
यह मामला न केवल सत्यपाल मलिक की राजनीतिक यात्रा को प्रभावित करेगा, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचलों के लिए भी महत्वपूर्ण उठापटक का कारण बन सकता है। भ्रष्टाचार के आरोपों और CBI की जांच से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति में निगरानी और पारदर्शिता की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे और क्या घटनाक्रम सामने आएगा।
लेखक: टीम नेटानागरी
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