'राज्यसभा में जाने के लिए संजीव अरोड़ा से हुई डील', केजरीवाल पर मनजिंदर सिंह सिरसा का बड़ा आरोप
Delhi Politics: दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल पंजाब की सत्ता पर कब्जा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. सिरसा ने कहा कि पहले केजरीवाल ने पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की. सफलता नहीं मिलने पर अब राज्यसभा के जरिए पंजाब में एंट्री करना चाहते हैं. सिरसा ने दावा किया, ''केजरीवाल ने राज्यसभा में जाने के लिए आप सांसद संजीव अरोड़ा से सीट खाली कराने की योजना बनाई है. बदले में संजीव अरोड़ा को लुधियाना-वेस्ट उपचुनाव जिताने और कैबिनेट मंत्री बनाने का वादा किया गया है''. सिरसा ने सत्ता की भूख बताते हुए पंजाब के लोगों से साजिश को नाकाम करने की अपील की. मंत्री सिरसा ने कहा, “केजरीवाल सत्ता के बिना एक दिन नहीं रह सकते. पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की कोशिश नाकाम हो गई. आप के बड़े नेता मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढा और दुर्गेश पाठक ने मिलकर भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद से हटाने की योजना बनाई.” As I always said… Kejriwal can’t live a day without power. He first planned to be the CM of Punjab and his team, including Sisodia ji, Raghav Chadha Ji and Durgesh Pathak Ji tried their best to dethrone Bhagwant Mann Ji… but that plan didn’t workNow, he is planning backdoor… pic.twitter.com/bW8KBrEZPZ — Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) February 26, 2025 सिरसा ने केजरीवाल पर लगाया गंभीर आरोप सिरसा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल राज्यसभा के जरिए पंजाब में एंट्री चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी संजीव अरोड़ा की राज्यसभा सीट खाली करवा रही है. बदले में लुधियाना-वेस्ट उपचुनाव जिताने और मंत्री पद देने का संजीव अरोड़ा से सौदा हुआ है. मनजिंदर सिंह सिरसा ने लुधियाना-वेस्ट के मतदाताओं से आप की साजिश को समझकर संजीव अरोड़ा को चुनाव में हराने की अपील की. उन्होंने कहा, “जनता को दिखाना होगा कि पंजाब की राजनीति किसी बाहरी व्यक्ति के इशारों पर नहीं चलेगी.” क्या है लुधियाना-वेस्ट उपचुनाव का मामला? लुधियाना-वेस्ट महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है. उपचुनाव राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद लुधियाना-वेस्ट की सीट काफी चर्चित रही है. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जीत से पार्टी की पकड़ मजबूत होगी. सिरसा की अपील पर आप प्रत्याशी को हार मिलने का मतलब केजरीवाल की रणनीति को बड़ा झटका लग सकता है. मंत्री सिरसा के बयान से पंजाब की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है. अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी का क्या जवाब आता है. क्या वाकई केजरीवाल राज्यसभा के जरिए पंजाब की राजनीति में एंट्री करना चाहते हैं? लुधियाना-वेस्ट का उपचुनाव अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है. ये भी पढ़ें- दिल्ली में सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज, IMD ने 27 फरवरी के लिए बारिश पर दिया ये अपडेट

राज्यसभा में जाने के लिए संजीव अरोड़ा से हुई डील, केजरीवाल पर मनजिंदर सिंह सिरसा का बड़ा आरोप
Netaa Nagari
लेखिका: कृति शर्मा, टीम Netaa Nagari
परिचय
दिल्ली में राजनीतिक हलचल के बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर मनजिंदर सिंह सिरसा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिरसा का कहना है कि राज्यसभा में जाने के लिए संजीव अरोड़ा से एक डील हुई है। इस डील के पीछे के राजनीतिक घमासान ने एक बार फिर से राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में चर्चा का विषय बना दिया है।
आरोपों का आधार
मनजिंदर सिंह सिरसा ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राज्यसभा में संजीव अरोड़ा का समर्थन पाने के लिए भ्रष्टाचार से भरी एक डील की है। सिरसा का कहना है कि यह डील न केवल राजनीति की नैतिकता को चुनौती देती है, बल्कि यह दिल्ली के जनता के साथ भी धोखा है। सिरसा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और अरोड़ा के बीच यह समझौता एक गैर-संवैधानिक तरीके से हुआ है।
संजू अरोड़ा की भूमिका
संजू अरोड़ा, जो की AAP के एक प्रमुख नेता हैं, इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि राजनीति में ऐसी बातें सिर्फ विरोधियों का एक हथियार हैं। वह इसे तुच्छ बताते हुए कहते हैं कि उनकी मेहनत और निष्ठा का कोई मोल नहीं है। अरोड़ा का कहना है कि उनका ध्यान केवल पार्टी के विकास और दिल्ली की क्रांति पर है।
राजनीतिक प्रवृत्तियों का प्रभाव
दिल्ली में आगामी चुनावों की तैयारी के मद्देनजर इस तरह के आरोप सांसदों और राजनीतिक दलों के बीच सम्बन्धों को प्रभावित कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस तरह की डीलों का खुलासा चुनावी वातावरण को गर्माते हैं। आम आदमी पार्टी की स्थिति इस बार के चुनाव में अपने समर्थन को बनाए रखने के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
निष्कर्ष
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार यह आरोप राजनीति की नैतिकता को चुनौती देने वाले दृष्टिकोण प्रदान करता है। मनजिंदर सिंह सिरसा का आरोप बुहत संगीन है और यह ए.ए.पी के नेतृत्व की साख पर गहरा सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटेंगे। इस मुद्दे पर ताज़ा अपडेट के लिए, netaanagari.com पर जाएं।
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