'ये सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक', महाकुंभ को लेकर ऐसा क्यों बोले सीएम योगी? बताई इसके पीछे की वजह
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सीएम योगी ने लोगों में इस समय महाकुंभ के प्रति खासा आकर्षण है।

ये सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक', महाकुंभ को लेकर ऐसा क्यों बोले सीएम योगी? बताई इसके पीछे की वजह
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानगरी
महाकुंभ, जो भारत की सबसे महान धार्मिक आस्था का प्रतीक है, एक बार फिर से चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ को 'ये सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक' करार दिया। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और महाकुंभ के महत्व के बारे में विस्तार से।
महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में चार पवित्र नदियों—गंगा, यमुना, सरस्वती और व्यापारिक नदियों के संगम पर किया जाता है। यह भारतीय संस्कृति के लिए न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक महत्व भी रखता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु स्नान करने और अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं।
योगी आदित्यनाथ का बयान
सीएम योगी ने कहा, "महाकुंभ को देखना केवल एक धार्मिक समारोह नहीं है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग एकत्र होते हैं और आपसी स्नेह एवं भाईचारे का परिचय देते हैं।" उन्होंने आगे इस आयोजन को भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक बताया।
क्यों खास है इस बार का महाकुंभ?
इस बार का महाकुंभ विशेष प्राथमिकताओं के साथ आयोजित किया जा रहा है। कोविड-19 के बाद, यह एक ऐसा अवसर है जब समाज फिर से एकत्रित होकर अपनी आस्था को व्यक्त कर पा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस महाकुंभ में सामाजिक एकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
महाकुंभ की तैयारियाँ
महाकुंभ के आयोजन के लिए सरकार ने विशेष तैयारियाँ की हैं। सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता और यातायात के लिए व्यापक योजनाएँ बनाई गई हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष
महाकुंभ केवल एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की एक महाकक्षा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शब्दों में, "इस प्रकार के आयोजनों से हम अपनी जड़ों को पहचानते हैं और एक-दूसरे से जुड़ते हैं।" इस महत्वपूर्ण आयोजन का इंतजार हर साल श्रद्धालुओं को रहता है।
इस तरह की दुर्लभ घटनाएं हमें एकजुट करने में मदद करती हैं और हमें अपने सांस्कृतिक मूल्य को याद दिलाती हैं। महाकुंभ आने वाले समय में भी भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
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