यूपी में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रगति का नया दौर, सीएम योगी बोले- अडानी, टाटा स्टील जैसी कंपनियां करना चाह रहीं निवेश
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खनन क्षेत्र अब केवल खनिज उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. रविवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने खनन नीति को पारदर्शी और तकनीक-सक्षम […] Source Link: यूपी में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रगति का नया दौर, सीएम योगी बोले- अडानी, टाटा स्टील जैसी कंपनियां करना चाह रहीं निवेश

यूपी में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रगति का नया दौर, सीएम योगी बोले- अडानी, टाटा स्टील जैसी कंपनियां करना चाह रहीं निवेश
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खनन क्षेत्र अब केवल खनिज उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रविवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने खनन नीति को पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र निवेश, रोजगार और आर्थिक प्रगति का मजबूत आधार बन रहा है।
खनिज राजस्व में जबरदस्त वृद्धि
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि खनिज राजस्व में पिछले कुछ वर्षों में 18.14% की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों में ही 623 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो 2024-25 में पूरे साल के 608.11 करोड़ रुपये से अधिक है। फॉस्फोराइट, लौह अयस्क और स्वर्ण जैसे खनिजों की नीलामी सफलतापूर्वक हुई है, जिससे जेएसडब्ल्यू, अडानी, टाटा स्टील और अल्ट्राटेक जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहती हैं।
अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने अवैध खनन पर सख्ती के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नदी के कैचमेंट क्षेत्र में खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा और उल्लंघन करने वालों की जवाबदेही तय होगी। विभाग ने 57 तकनीकी चेकगेट स्थापित किए हैं और 21,477 वाहनों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (VTS) और व्हाइट टैगिंग जैसी तकनीकों से खनन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
प्रौद्योगिकी का उपयोग
ड्रोन सर्वे और PGRS तकनीक से 99 संभावित खनन क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें 23 खनन के लिए उपयुक्त पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस के जरिए खनन के वैज्ञानिक मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए भी निर्देश दिए हैं। ईंट भट्ठों से 2024-25 में 258.61 करोड़ रुपये और 2025-26 में अब तक 70.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
खनन गतिविधियों की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मानसून के दौरान उपखनिज पट्टों की प्रक्रिया पूरी हो, ताकि 15 अक्टूबर से खनन शुरू हो सके। जिला खनन निधि का उपयोग आंगनबाड़ी, खेल मैदान, स्वास्थ्य और जल संरक्षण जैसे कार्यों में प्राथमिकता से करने को कहा गया। स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स में ‘कैटेगरी-A’ हासिल करने के लिए शेष सुधारों को समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
निर्णय और कार्यान्वयन में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि उत्तर प्रदेश का खनन क्षेत्र तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है। इस पहल से न केवल स्थानीय विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही, पारदर्शिता और तकनीकी क्षमता से खनन क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
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