मेरठ में आय से अधिक संपत्ति में फंसा रिटायर दरोगा:विजिलेंस टीम की छापेमारी में आमदनी से 147% अधिक खर्च का खुलासा, 30 जमीनों और बैंक खातों की मिली डिटेल
मेरठ के जाग्रति बिहार में न्यू दिल्ली पब्लिक स्कूल के संचालक और रिटायर दरोगा महेंद्र सिंह सैनी ने अपनी इनकम से 147 फीसद ज्यादा खर्च किया है। दरोगा के घर बुधवार को पूरे 7 घंटे तक विजिलेंस टीम की छापेमारी चलती रही। टीम ने छापेमारी में दरोगा के घर में रखे कागजात, कंप्यूटर, लैपटॉप का रिकार्ड सब खंगाला। उसके 2 मकानों और स्कूल में टीमों ने एक साथ रेड डाली। छापेमारी के दौरान टीम को प्रापर्टी के जो डॉक्यूमेंट्स मिले उसे देखकर अफसरों के होश उड़ गए। महेंद्र सिंह सैनी ने अपनी इनकम से 147% अधिक रुपया खर्च किया है। ये रुपया कहां से आया अब टीम इसकी जांच कर रही है। वहीं रिटायर दरोगा से इस सवाल पर जबाव तलब किया है। साथ ही विजिलेंस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कमाए 58 लाख और 1.43 करोड़ का खर्चा दरअसल बुधवार को सुबह ही विजिलेंस की टीमों ने रिटायर दरोगा महेंद्र सिंह सैनी के घर और स्कूलों में छापामारा। जांच में महेंद्र सिंह सैनी की आय से 147% अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। विजिलेंस जांच में पाया गया कि उनकी कुल कमाई ₹58 लाख थी लेकिन उन्होंने ₹1.43 करोड़ खर्च किए। छापेमारी में ₹14.5 करोड़ की संपत्ति 30 जमीनों की खरीदी के दस्तावेज 10 बैंक खातों की जानकारी और वाहन मिले। रिटायरमेंट के बाद उजागर हुई काली कमाई बुधवार को एएसपी इंदू सिद्धार्थ के नेतृत्व में महेंद्र सिंह के स्कूल, दो घरों पर छापामारी की। जांच में पाया कि घर और स्कूल की संपत्ति साढ़े 14 करोड़ है।करोड़ों की संपत्ति का सच सामने आने के बाद विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया। साल 2019 में रिटायर्ड होने के बाद शासन ने मेडिकल थाने के कीर्ति पैलेस में रहने वाले रिटायर्ड दारोगा महेंद्र सिंह सैनी के खिलाफ विजिलेंस ने जांच खोल दी। विजिलेंस की जांच में पाया कि महेंद्र सिंह सैनी ने यूपी पुलिस में नौकरी करते हुए वैध सोर्स से कुल 58,04,666 की कमाई की और कमाई से 147 प्रतिशत ज्यादा खर्च किया है। 3 करोड़ के 2 मकान, साढ़े 11 करोड़ का स्कूल जांच में सामने आया कि महेंद्र सैनी के दोनों मकानों की कीमत करीब 3 करोड़ है। इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण, आभूषण और अन्य सामान भी मिला है। एक कार, तीन स्कूटी भी घर पर मिली। इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंकों के 10 खातों के अभिलेख प्राप्त किए गए। 30 भूमि क्रय संबंध कागजात भी हासिल कए गए है। न्यू देहली पब्लिक स्कूल की कीमत हाल में साढ़े 11 करोड़ मानी गई है। विजिलेंस थाने में हुआ मुकदमा दर्ज जांच में यह सामने आया कि इस दौरान उन्होंने 1,43,84,668 रुपए खर्च भी किए है, जो उसकी आय से 85,79,802 अधिक थे, यानि कमाई से 147 प्रतिशत अधिक खर्च है। विजिलेंस मेरठ सेक्टर इंस्पेक्टर मंजू गुप्ता की जांच के बाद महेंद्र सिंह सैनी को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 13 (1) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 13 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। 22 सदस्यों की टीम पहुंची छापा मारने विजिलेंस एएसपी इंदू सिद्धार्थ ने बताया कि विवेचना के दौरान 22 सदस्यों की टीम बनाकर बुधवार की सुबह महेंद्र सैनी के आवास कीर्ति पैलेस के ए-63, ए-3 और उनके जागृति विहार स्थित न्यू देहली पब्लिक स्कूल में एक साथ छापामारी की गई। करीब 7 घंटे तक चली जांच पड़ताल चली है। पत्नी, बेटों के नाम किया है स्कूल जांच में सामने आया कि न्यू दिल्ली पब्लिक स्कूल की सोसायटी की अध्यक्ष महेंद्र सैनी ने अपनी पत्नी शकुंतला को बनाया है। दरोगा का बेटा अनुराग सैनी प्रबंधक और महामंत्री पद है। स्कूल में लगे सभी उपकरण एवं फर्नीचर की सूची तैयार की गई है। यहां खड़ी टाटा सफारी व ब्रेजा कार की जानकारी भी टीम ने की है। एएसपी ने बताया कि रिटायर्ड दारोगा पर साढ़े 14 करोड़ की संपत्ति छापामारी में अतिरिक्त मिली है। उससे पहले भी उनके पास आय से 147 प्रतिशत संपत्ति अधिक पाई गई थी। विजिलेंस की टीम ने महेंद्र सिंह सैनी को पूरी संपत्ति के बारे में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। विजिलेंस टीम की वो रिपोर्ट पढ़िए जिसमें भ्रष्टाचार सामने आया... आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में श्री महेन्द्र सिंह सैनी (वर्तमान में सेवानिवृत्त उप निरीक्षक) के जनपद मेरठ स्थित आवासीय भवन एवं स्कूल पर दिनांक 12-02-2025 को उ०प्र० सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर मेरठ (विजिलेंस ) द्वारा सर्च की कार्यवाही की गयी । श्री महेन्द्र सिंह रोगी (वर्तमान मे सेवानिवृत्त उप निरीक्षक ) के जनपद मेरठ के विरुद्ध जाँच के उपरान्त आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना पाये जाने पर खुली जाँच आख्या शासन को प्रेषित की गयी। अंतिम आख्या मे की गयी संस्तुति को स्वीकार करते हुये शासन द्वारा श्री महेन्द्र सिंह सैनी (वर्तमान में सेवानिवृत्त उप निरीक्षक) जनपद मेरठ के विरुद्ध सुसंगत धाराओं मे अभियोग पंजीकृत कर विवेचना के आदेश दिये गये, जिसके अनुपालन मे मु0अ0सं0-02 / 2022 अन्तर्गत धारा - 13 (1) (वी) रापठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 ( यथासंशोधित 2018 ) थाना उ०प्र० सतर्कता अधिष्ठान, मेरठ शेक्टर पर पंजीकृत किया गया, जिसकी विवेचना प्रचलित है। विवेचना के दौरान विवेचक द्वारा मा० न्यायालय से आरोपी के ठिकानों का सर्च वारण्ट प्राप्त कर दिनांक 12.02.2025 को उ०प्र० सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर की टीमों का गठन कर सर्च की कार्यवाही करायी गयी । सर्च के दौरान आरोपी श्री महेन्द्र सिंह रौनी ( वर्तमान मे सेवानिवृत्त उप निरीक्षक) के म0न0 ए-63 व ए-03 कीर्ति पैलेस जनपद मेरठ स्थित आवासीय परिसर जो कि दो-दो मंजिला इमारत है। उक्त दोनो भवनों की वर्तमान कीमत करीब 3 करोड है। आवासीय परिसर में लगे भौतिक सुख सुविधा के सामान व इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों, आरोपी तथा आरोपी के परिजनों के पास मौजूद बहुमूल्य आभूषणों की इन्वेन्ट्री तैयार कर ली गयी है। आवासीय परिसर के बाहर मौजूद मिली चार पहिया वाहन रवीफट डिजायर कार व तीन स्कूटी के सम्बन्ध मे जानकारी की जा रही है। इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंको

मेरठ में आय से अधिक संपत्ति में फंसा रिटायर दरोगा: विजिलेंस टीम की छापेमारी में आमदनी से 147% अधिक खर्च का खुलासा, 30 जमीनों और बैंक खातों की मिली डिटेल
Netaa Nagari
लेखिका: सृष्टि मेहता, रिया शर्मा, टीम NetaaNagari
परिचय
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक रिटायर दरोगा का नाम अब चर्चा का विषय बन गया है, जो आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच एजेंसियों की नजर में आ गए हैं। विजिलेंस टीम ने जब छापेमारी की, तो उनकी वित्तीय स्थिति की चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। बताया जा रहा है कि ये पूर्व दरोगा अपनी आमदनी से 147% अधिक संपत्ति रखता था। इस लेख में हम आपको इस मामले के सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताएंगे।
योजना और प्रदर्शन
विजिलेंस की टीम ने शुरुआत में रिटायर दरोगा के मेरठ स्थित निवास पर दबिश डाली। वहां उन्हें 30 कृषि भूमि और विभिन्न बैंक खातों की जानकारी प्राप्त हुई। इन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है कि रिटायरमेंट के बाद भी इनकी आय में निरंतर वृद्धि हो रही थी, जो कि जांच अधिकारी के लिए एक बड़ा सवाल बन गया।
आवश्यक जांच प्रक्रिया
विजिलेंस टीम ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जांच की प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया है। पहले ही टीम ने उन जमीनों का कागजात, बैंक खाता विस्तृत जानकारी और अन्य संपत्तियों का सही-सही ब्योरा इकट्ठा किया है। सभी तथ्यों की पुष्टि होने के बाद, विभिन्न धाराओं में इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इसी घटनाक्रम को लेकर स्थानीय समुदाय में निरंतर चर्चा बनी हुई है। कुछ नागरिकों का मानना है कि यह कार्रवाई सिस्टम पर विश्वास बढ़ाने के लिए आवश्यक है। वहीं, कुछ का कहना है कि पूर्व दरोगा को अधिकारियों की मदद से यह संपत्ति मिलना संभव हो पाया। चाहे जो भी हो, यह मामला सभी के लिए एक उदाहरण बन गया है कि किसी भी स्थिति में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जांच और कार्रवाई से ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करेंगे। इस तरह के मामलों का खुलासा हमारे समाज में एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह विश्वास मिलता है कि सर्ववर्गीय सदस्यों की आर्थिक स्थिति में पारदर्शिता लाना आवश्यक है।
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