मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
Milkipur By Elections: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए नाक का सवाल बन गई है. मिल्कीपुर उपचुनाव में दोनों ही दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. पांच फरवरी को होने वाले मतदान के लिए सभी दिग्गज चुनावी मैदान में हैं और अपनी-अपनी पार्टियों के नेता को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. शनिवार (1 फरवरी, 2025) को भाजपा पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि मिल्कीपुर में हर 100 वोटों में 95 वोट भाजपा के होंगे. न्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में अयोध्या हारने के कारण इस बार मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर है. जीतने के लिए बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. लिहाजा, दलितों और पिछड़ों को साधने के साथ ही ब्राह्मण वोटरों को भी हर कीमत पर बीजेपी अपने साथ रखना चाहती है. यही कारण है कि पार्टी से नाराज बताए जा रहे गोसाईगंज के पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को लखनऊ बुलाकर सीएम योगी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है. खब्बू तिवारी को ब्राह्मण वोटरों को साधने के निर्देश दिए गए हैं. बीजेपी नेताओं के पोस्टर में खब्बू तिवारी की फोटो न होने पर कयास लगाए जा रहे थे कि खब्बू तिवारी बीजेपी से नाराज हैं. '100 में 95 वोट बीजेपी को मिलेंगे' चुनाव को लेकर खब्बू तिवारी ने कहा, “पहले हम कहीं बाहर जाते थे तो अयोध्या धाम को लेकर कहीं ना कहीं सवाल उठता था कि आप लोगों ने प्रभु राम के लिए क्या किया. अब हम लोग तभी संतुष्ट होंगे, जब यहां विरोधियों की जमानत जब्त हो जाएगी. हम एक लाख वोटों से जीत जाएं. इस बार मिल्कीपुर में जो 100 वोट पड़ेंगे, उनमें कम से कम 95 वोट बीजेपी को मिलेंगे.” वहीं पोस्टर विवाद को लेकर खब्बू तिवारी ने कहा कि पोस्टर में नाम होना या न होना ये कोई मुद्दा नहीं है. मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी प्रत्याशी को मेरा पूरा समर्थन रहेगा. अनुसूचित जाति पर दांव दिलचस्प बात ये है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी और सपा दोनों ने ही अनुसूचित जाति के प्रत्याशी को टिकट दिया है. एक ओर जहां बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है तो वहीं सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव लगाया है. मिल्कीपुर में अनुसूचित जाति खासकर पासवान समाज के लोगों की अच्छी खासी तादाद है. इस सीट पर पासवान समाज हार-जीत में बड़ी भूमिका अदा करता है. सीएम योगी और अखिलेश यादव करेंगे रोड शो मिल्कीपुर उपचुनाव में जीत के लिए इस बार खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल रखी है. सीएम योगी ने 6 मंत्रियों को यहां की जिम्मेदारी सौंपी है. 2 फरवरी को सीएम योगी की 2 सभाएं हैं और 3 फरवरी को रोड शो होना है. 3 फरवरी को ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी रोड शो करेंगे. यह भी पढ़ें- संसद में निर्मला सीतारमण ने ऐसा क्या कहा, जिस पर पीएम मोदी लगातार थपथपाते रहे मेज?

मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी ने निकाला 'तुरुप का इक्का'! किया दावा- ‘100 में 95 वोट होंगे हमारे’
नेता नगरी की टीम ने हाल ही में मिल्कीपुर उप चुनाव के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण खबर पेश की है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस उप चुनाव के लिए अपनी तैयारियों का खुलासा करते हुए 'तुरुप का इक्का' निकाला है। पार्टी का दावा है कि उन्हें इस चुनाव में 100 में से 95 वोट मिलने की उम्मीद है। आइए, इस खबर की गहराई में जाकर समझते हैं बीजेपी की रणनीति और चुनावी दावे।
बीजेपी की चुनावी रणनीति
मिल्कीपुर में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा के साथ ही चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए कई रणनीतियों पर काम किया है। बीजेपी की पूरी कोशिश होगी कि वे सभी वर्गों के वोट को अपने पाले में लाने में सफल हों। पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने स्थानीय मुद्दों को अपनी प्राथमिकता में रखा है, जिससे मतदाता उनसे जुड़ाव महसूस करें।
स्थानीय मुद्दे और वोटरों की समस्याएं
मिल्कीपुर क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार जैसी बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने इन मुद्दों को समझते हुए चुनावी घोषणा पत्र में कई योजनाओं का जिक्र किया है। उनका कहना है कि यदि उन्हें जीत मिलती है, तो वे इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
बीजेपी के इस दावे पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नेताओं का कहना है कि बीजेपी जनता के मुद्दों से ध्यान भटका रही है और असलियत से दूर जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, राजनीति में तीव्रता आ रही है।
चुनाव प्रचार का तरीका
बीजेपी ने चुनाव प्रचार में आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया है। सोशल मीडिया का उपयोग कर पार्टी ने युवाओं को जोड़ने की कोशिश की है। साथ ही, पार्टी की महिलाओं की शाखा भी सक्रिय रूप से मतदाताओं के संपर्क में है।
निष्कर्ष
मिल्कीपुर उप चुनाव के लिए बीजेपी का 'तुरुप का इक्का' न केवल उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह दर्शाता है कि वे कितनी गंभीरता से इस चुनाव को लेना चाहती हैं। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी अपने दावे को सच कर पाती है या नहीं। वोटरों के हाथ में अब यह निर्णय है कि वे किस पार्टी पर विश्वास करते हैं।
कम शब्दों में कहें तो, मिल्कीपुर उप चुनाव में बीजेपी का दावा है कि 100 में से 95 वोट उनके पक्ष में होंगे।
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