मथुरा-वृंदावन की होली में मुस्लिमों की एंट्री हो बैन, CM योगी को लिखा खून से पत्र

Muslim ban in mathura: होली के त्योहार को लेकर श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले के वादी फलाहरी दिनेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने ब्रज में होली के मौके पर मुसलमानों के आने पर बैन लगाने की बात कही है. दिनेश शर्मा ने पत्र में लिख कि, 'होली जैसे पवित्र त्यौहार पर मुसलमान की दुकान नहीं लगनी चाहिए. क्योंकि मुसलमान हिंदुओं से नफरत करते हैं और यह लोग होली के त्योहार पर व्यंजनों और रंगों में थूक सकते हैं. इन लोगों को हमारे त्योहार से दूर रखना चाहिए.' हम अपने त्यौहार से उनका बहिष्कार करते हैं. धर्म रक्षा संगठन ने सीएम योगी को लिखा पत्रइसी क्रम में आज श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की एक बैठक चिंतामणि आश्रम वृंदावन में आयोजित की गई. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि, किसी भी विधर्मी को होली के पावन त्यौहार में किसी भी प्रकार से घुसने नहीं दिया जाएगा ना किसी प्रकार की गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी. बैठक में प्रमुख रूप से महंत डॉक्टर आदित्यानंद गिरीजी, श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले के वादी दिनेश फलहारी, आचार्य बद्री जी महाराज, धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गॉड आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इसी कड़ी में धर्म रक्षा संघ संगठन की तरफ से भी सीएम योगी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें संगठन ने कहा कि, निवेदन है कि होली के ज्यादातर कार्यक्रम हमारे ब्रज मंडल में ही है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग ब्रज की होली का आनंद उठाने आते हैं. ऐसे में जिहादी मानसिकता वाले मुस्लिम समुदाय के कुछ अराजक तत्वों को होली में रंग, गुलाल और मिठाई आदि किसी भी प्रकार की सामग्री बेचने से प्रतिबंधित किया जाए. वृंदावन के दिनेश शर्मा फलाहारी ने क्या बोला? होली के मौके पर मुस्लिम समुदाय को ब्रज में किसी भी तरह की गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए वृंदावन के दिनेश शर्मा फलाहारी ने कहा कि, वृंदावन में सभी संत महात्मा की मीटिंग कर ये फैसला लिया गया है कि होली के मौके पर किसी भी मुसलमान को ब्रज में एंट्री नहीं दी जाए. ये लोग कलर में मिलावट कर सकते हैं, खाद्य पदार्थों में मिलावट कर सकते हैं, इसलिए हम उन्हें इस गतिविधि से दूर रखना चाहते हैं. मामले में आचार्य बद्रशी महाराज ने कहा कि, 'होली का त्योहार सनातन धर्म का पवित्र त्यौहार है. ऐसे में जिहादी मानसिकता के लोगों को इस पर्व से दूर रहना चाहिए. जैसे कि इस बार बरेली से हमें धमकी मिली है कि इस बार खून की होली खेली जाएगी, तो हम इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. इसलिए हमारे सभी त्योहारों से हम इस समुदाय का बहिष्कार करते हैं.' यह भी पढ़ें- आकाश आनंद के खिलाफ एक्शन पर शिवपाल यादव बोले- 'मायावती जाने और BJP जाने'

Mar 3, 2025 - 16:37
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मथुरा-वृंदावन की होली में मुस्लिमों की एंट्री हो बैन, CM योगी को लिखा खून से पत्र
मथुरा-वृंदावन की होली में मुस्लिमों की एंट्री हो बैन, CM योगी को लिखा खून से पत्र

मथुरा-वृंदावन की होली में मुस्लिमों की एंट्री हो बैन, CM योगी को लिखा खून से पत्र

Netaa Nagari

इससे पहले उत्तर प्रदेश में विभिन्न धार्मिक विषयों पर कई बार विवाद उठ चुके हैं। हाल ही में मथुरा-वृंदावन में होली के दौरान मुस्लिमों की एंट्री पर बैन लगाने का मामला सामने आया है। इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखा गया है। इसके पीछे धार्मिक भावनाएँ और सुरक्षा चिंताएँ हैं।

सुरक्षा और धार्मिक भावनाएं

पिछले कुछ समय से मथुरा और वृंदावन में होली के उत्सव के दौरान समुदायों के बीच टकराव की घटनाएँ बढ़ी हैं। इसलिए, कुछ संगठनों ने सुझाव दिया है कि इस बार उत्सव में मुस्लिम समुदाय के प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। उनका यह मानना है कि इससे होली के दौरान शांति बनी रहेगी।

खून से लिखे पत्र का प्रभाव

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में संगठन ने खुलकर अपनी चिंताएँ जताई हैं। पत्र में लिखा गया है कि “हम अपनी धार्मिक परंपराओं को सुरक्षित रखना चाहते हैं।” पत्र के विशेष पहलू यह है कि इसे खून से लिखा गया है, जो कि उनकी भावनाओं को दर्शाता है। इससे यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है।

खुदाई पर सवाल उठते हैं

इस मामले पर समाज के विभिन्न वर्गों में मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक सहिष्णुता के खिलाफ मानते हैं, जबकि अन्य इसे समाज में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी कदम समझते हैं। इस विषय पर बिनती की जा रही है कि सभी समुदायों के साथ मिलकर इसे सुलझाया जाए।

राज्य सरकार की स्थिति

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। जो लोग इस बैन का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि राज्य सरकार को सुरक्षा प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

मथुरा-वृंदावन में होली की बेला पर धार्मिक भिन्नता के न्यायसंगत समाधान के लिए सभी वर्गों को एक-दूसरे के विश्वास और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। सभी को अपनी-अपनी धार्मिक छुट्टियों का आनंद लेना होगा।

अंततः, यह मुद्दा एक आधिकारिक निर्णय के बिना हल नहीं हो सकता। सभी को मिलकर इस पर विचार करना होगा ताकि समाज में परस्पर भाईचारा बना रहे।

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