भाजपा को होली से पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा:दक्षिण भारत से हो सकता है नया नेशनल प्रेसिडेंट, नड्डा एक और कार्यकाल नहीं लेंगे
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत मार्च के पहले हफ्ते तक शुरू हो जाएगी। होली (14 मार्च) से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बन सकती है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है। फरवरी के आखिरी तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होगा। भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी कराया जा सकता है जब देश के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक और कार्यकाल देने की जगह पार्टी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनेगी। हालांकि, भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई व्यक्ति लगातार दो टर्म के लिए चुना जा सकता है। इस लिहाज से नड्डा तकनीकी रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की योग्यता रखते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने दोबारा अध्यक्ष बनने की जगह किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी देने की बात कही है। दक्षिण भारत से किसी को मौका संभव, 20 साल से नहीं बना इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण भारत से किसी नेता के नाम पर सहमति बनाने का विचार है। क्योंकि, भाजपा का फोकस अब दक्षिणी राज्यों पर है। 20 साल से वहां से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना है। 2002-2004 के बीच वेंकैया नायडू (आंध्र) आखिरी थे। इस पर आरएसएस व आनुषंगिक संगठनों से भी चर्चा हो चुकी है। ये तय है कि जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा अगला लोकसभा चुनाव 2029 उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल होता है, ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी 2028 तक होगा। ठीक 14 महीने बाद लोकसभा चुनाव होंगे। जिसके चलते उनका कार्यकाल लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से पहले भाजपा में सभी प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव होते हैं। यह चुनाव मंडल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक होता है। प्रदेश स्तर पर चुनाव की प्रक्रिया जारी है। जून में बढ़ा था जेपी नड्डा का कार्यकाल नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2024 में खत्म हुआ था। पिछले साल लोकसभा चुनाव के लिए जून तक उनके कार्यकाल को 6 महीने का विस्तार दिया गया था। नड्डा अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं। अब तक चुनाव निर्विरोध... भाजपा में अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता आया है। यानी सिर्फ एक ही व्यक्ति नामांकन करता है और बिना वोटिंग अध्यक्ष चुन लिया जाता है। इस बार भी यही परंपरा रहने की उम्मीद है। हालांकि, 2013 में जब नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब यशवंत सिन्हा ने नामांकन पर्चा लिया था। इससे बवाल मच गया था, लेकिन जब गडकरी ने अनिच्छा दिखाई, तब सिन्हा ने पर्चा वापस लिया था और राजनाथ सिंह को अध्यक्ष चुना गया था। अभी कौन, कहां प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा को होली से पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा: दक्षिण भारत से हो सकता है नया नेशनल प्रेसिडेंट, नड्डा एक और कार्यकाल नहीं लेंगे
लेखक: सुमन शर्मा, टीम नेता नगरी
परिचय
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए इन दिनों एक महत्वपूर्ण मुड़ आ रहा है। होली से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने वाला है। वर्तमान अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे एक और कार्यकाल नहीं लेंगे। इस टर्निंग पॉइंट के पीछे की राजनीतिक गतिविधियाँ और संभावित उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आइए हम इस विषय पर गहराई से नज़र डालते हैं।
जे. पी. नड्डा का कार्यकाल
जे. पी. नड्डा का कार्यकाल पार्टी की उन्नति और विभिन्न चुनौतियों के बीच महत्वपूर्ण रहा है। उनकी नेतृत्व शैली ने पार्टी को कई चुनाव जीतने में मदद की है। लेकिन, नड्डा ने यह साफ कर दिया है कि वे अपनी अध्यक्षता में एक और कार्यकाल नहीं लेने वाले हैं। इससे पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
नई अध्यक्षता की संभावना
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। दक्षिण भारत से संभावित Kandidates पर चर्चा चल रही है। इस क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति को और मजबूती देने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण हो सकता है। हो सकता है कि नेतृत्व परिवर्तन के साथ भाजपा अपने विस्तार के नए अवसरों की तलाश में हो।
दक्षिण भारत से अध्यक्ष का चयन
दक्षिण भारत की राजनीति में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए, पार्टी इस मंगलवार को विशेष बैठक आयोजित करने की योजना बना रही है। इसमें संभावित उम्मीदवारों की चर्चा होगी। कई महत्वपूर्ण नेता इस क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और चुनौतियाँ
भाजपा के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, खासकर जब चुनावी मोर्चा सामने हो। पार्टी को राज्यों में हाल के चुनावों में मिली हार और विपक्षी दलों की बढ़ती ताकत का सामना करना है। ऐसे में नया नेतृत्व और रणनीति अपनाना आवश्यक है।
निष्कर्ष
भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करेगा। जे. पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, दक्षिण भारत से आए नए नेता की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यह सभी की नज़रें होंगी कि क्या भाजपा इस नए नेतृत्व के तहत अपनी चुनौतियों का सामना कर पाएगी।
अतः, भाजपा के आगामी चरण में यह परिवर्तन महत्वपूर्ण है और सभी की आशाएँ इस नए अध्यक्ष के साथ जुड़ी हुई हैं। नई ऊर्जा और सोच के साथ पार्टी कैसे आगे बढ़ती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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