फिर गरमाने लगा संजौली मस्जिद मामला! 15 दिन का अल्टीमेटम, बड़े आंदोलन की चेतावनी
Himachal Pradesh News: साल 2024 के सितंबर महीने में गरमाया संजौली मस्जिद मामला एक बार फिर तूल पकड़ता हुआ नज़र आ रहा है. सिविल सोसाइटी संजौली ने मंगलवार को नगर निगम शिमला आयुक्त से मुलाकात की. संजौली सिविल सोसाइटी की मांग है कि नगर निगम शिमला आयुक्त अदालत की ओर से जारी फैसले पर अमल करे. अक्टूबर महीने में मस्जिद के दो अवैध फ्लोर को हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन अब चार महीने का वक्त हो चुका है और मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. बड़े आंदोलन की चेतावनीनगर निगम शिमला की ओर से कार्रवाई न करने की स्थिति में संजौली सिविल सोसाइटी और देवभूमि संघर्ष समिति ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. संजौली सिविल सोसाइटी के सह-संयोजक विजय शर्मा और मीडिया प्रभारी विकास थापटा ने बताया कि सोसाइटी के सदस्यों ने नगर निगम शिमला आयुक्त से मुलाकात की है. यह मुलाक़ात संजौली मस्जिद मामले से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि चार महीने पहले नगर निगम आयुक्त की अदालत ने फैसला दिया था कि दो अवैध फ्लोर को हटाया जाए. इसके लिए दो महीने का वक्त दिया गया था. नगर निगम शिमला आयुक्त अदालत ने यह भी कहा था कि अगर मस्जिद कमेटी ख़ुद अवैध निर्माण नहीं हटाती है, तो नगर निगम शिमला से हटाएगा और फिर इसकी वसूली संजौली मस्जिद कमेटी से की जाएगी. विजय शर्मा ने कहा कि अब तक अवैध निर्माण हटाने का काम 15 फीसदी तक भी पूरा नहीं हुआ है. विजय शर्मा ने कहा कि अपने ही फ़ैसले पर नगर निगम शिमला की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द पूरे मामले का निपटारा किया जाए. नगर निगम शिमला को 15 दिन का अल्टीमेटमसंजौली सिविल सोसायटी के सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि अगर नगर निगम शिमला 15 दिनों के भीतर इस पूरे मामले पर कार्रवाई नहीं करता है, तो आने वाले वक़्त में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले संजौली सिविल सोसाइटी संजौली में बाजार को बंद करेगी. अगर तब भी मांग नहीं मानी गई, तो बड़े आंदोलन का रुख अख्तियार किया जाएगा. विजय शर्मा ने शिमला शहर में अवैध रूप से बसे हुए रेहड़ी-फड़ी धारकों का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जब मस्जिद मामले ने तूल पकड़ा था, तब वेंडर पॉलिसी की बात भी कही की जा रही थी. आज तक इस बारे में भी कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं. ये भी पढ़ें: हिमाचल में BDO ने पंचायत प्रधान से मांगी 10 हजार रुपये की रिश्वत, विजिलेंस ने किया गिरफ्तार

फिर गरमाने लगा संजौली मस्जिद मामला! 15 दिन का अल्टीमेटम, बड़े आंदोलन की चेतावनी
लेखिका: सुमित्रा वर्मा, टीम नेता नगरी
परिचय
संजौली मस्जिद विवाद एक बार फिर गर्माता नजर आ रहा है। स्थानीय समुदाय ने प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें कार्रवाई न होने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। यह मामला समाज में असहिष्णुता और धारा-दर्पण का प्रतीक बन चुका है, जो क्षेत्र में विवाद को और बढ़ा रहा है।
मामले का पृष्ठभूमि
संजौली मस्जिद का विवाद कुछ महीनों पहले शुरू हुआ था जब जानकारी मिली कि मस्जिद पर सरकार द्वारा कुछ निर्माण कार्य किए जाने की योजना है। इसके बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई। इसके तार सीधे तौर पर धार्मिक भावनाओं से जुड़े हैं, जिसके चलते स्थिति और बिगड़ गई। स्थानीय नेताओं ने अब आलाकमान से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
15 दिन का अल्टीमेटम
स्थानीय मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने प्रदर्शन में शामिल लोगों से कहा कि यदि प्रशासन ने 15 दिन के भीतर मस्जिद का मुद्दा हल नहीं किया, तो वे एक बड़े आंदोलन का आयोजन करेंगे। यह चेतावनी उस समय दी गई जब उनके प्रतिनिधियों ने संवाददाताओं से बात की। नेता लोगों ने कहा कि प्रशासन द्वारा की गई अनदेखी उनके विश्वास को ठेस पहुंचा रही है।
समाज का विभाजन
इस मुद्दे पर स्थानीय समुदाय में दो धड़े बन गए हैं। एक तरफ वे लोग हैं जो मस्जिद के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह विवाद केवल धार्मिक है या इसके पीछे राजनीतिक लहर भी छुपी हुई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने मामले में कुछ बयान जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे सभी पक्षों की बात सुनने के लिए तैयार हैं। लेकिन समुदाय के नेता इस बात से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि प्रशासन को जल्द ही ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
बड़े आंदोलन की तैयारी
स्थानीय नेता अब आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो वे इलाके के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए धर्मगुरुओं के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आंदोलन में शामिल हो सकें।
निष्कर्ष
संजौली मस्जिद विवाद समाज में तनाव को बढ़ा रहा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाएगा। 15 दिन का अल्टीमेटम विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों के बीच संवाद की आवश्यकता को दर्शाता है। कोई भी ऐतिहासिक समझौता न केवल धार्मिक विवाद को समाप्त कर सकता है बल्कि समाज में सौहार्द की भावना को भी बनाए रख सकता है।
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