प्रयागराज में बीटेक के छात्र ने हॉस्टल की 5वीं मंजिल से लगाई छलांग, बर्थडे से पहले की खुदकुशी
Prayagraj News: प्रयागराज की इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) में बीटेक के छात्र ने संस्थान के हॉस्टल की पांचवी मंजिल से छलांग लगा दी. इलाज के दौरान एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान बीटेक छात्र राहुल मंडला की मौत हो गई है. मृतक छात्र ने अपनी मां को मैसेज भेजने के बाद शनिवार की रात 11:55 पर बिल्डिंग से छलांग लगा दी. बीटेक छात्र की मौत के बाद साथी छात्रों ने हंगामा भी किया. छात्रों ने आईटी प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए, खुदकुशी करने वाला छात्र राहुल मंडला तेलंगाना का रहने वाला था. वह बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी फर्स्ट ईयर का छात्र था, पहले सेमेस्टर में 6 विषयों में बैक पेपर आने पर वह फेल हो गया था, जिसके चलते वह पिछले कई दिनों से डिप्रेशन में था. मृतक छात्र राहुल मंडला मूक बधिर था, लेकिन वह पढ़ने में तेज था. मृतक की मां स्वर्ण लता ने मीडिया को बताया कि, ट्रिपल आईटी प्रशासन का कहना है कि राहुल 6 महीने से क्लास नहीं जा रहा था, लेकिन ट्रिपल आईटी प्रशासन ने कभी इसकी सूचना परिजनों को नहीं दी थी. आरोप लगाया है कि अटेंडेंस शार्ट होने की बात कह कर उसका उत्पीड़न किया गया, उसकी दिव्यांग कैटेगरी में ऑल इंडिया 52 रैंक आई थी. पिछले साल 13 अगस्त को लिया था एडमिशनमां के मुताबिक आज रविवार को राहुल का बर्थडे भी है, दोस्त उसके बर्थडे के जश्न की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इस मनहूस खबर के बाद ट्रिपल आईटी के विभिन्न हास्टलों में सन्नाटा पसर गया है. मृतक ने 13 अगस्त 2024 को ट्रिपल आईटी प्रयागराज में एडमिशन लिया था. फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा देकर दिसंबर में वह घर चला गया था, 4 जनवरी 2025 को वापस ट्रिपल आईटी आ गया था. मृतक छात्र मूक बधिर था इसलिए वह मोबाइल पर चैट से बातचीत करता था. मां का कहना है कि 7 महीने पहले बेटा इलाहाबाद आया था, उसने यहां पर आकर सुसाइड क्यों कर लिया यह उन्हें भी नहीं समझ में आ रहा है, वहीं एसीपी धूमनगंज अजेंद्र यादव के मुताबिक एयरपोर्ट थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी. पुलिस ने घायल छात्र को एस आर एन अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था, लेकिन इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई. एसीपी के मुताबिक छात्र की मौत के बाद अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है, उनके मुताबिक मौके पर शांति व्यवस्था बनी हुई है. हालांकि छात्रों ने प्रबंधन पर उत्पीड़न और लापरवाही के आरोप लगाए हैं. बीटेक छात्र राहुल मंडला की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है, सुसाइड के पीछे सही वजह क्या रही है. पुलिस इसकी वजह तलाशने में जुटी हुई है. आईटी प्रशासन ने गठित की जांच समितिवहीं इस घटना के बाद ट्रिपल आईटी मौत के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की. ट्रिपल आईटी के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर जी सी नंदी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. कमेटी में प्रोफेसर यू.एस. तिवारी, प्रोफेसर ओ.पी. व्यास और प्रोफेसर पवन चक्रवर्ती, डीन (एसए) शामिल हैं, जांच समिति एक हफ्ते में अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपेगी. इसके अलावा एक उपसमिति गठित करने की भी सिफारिश की गई है, इसमें सीओडब्ल्यू अध्यक्ष, सभी वार्डन, वरिष्ठ संकाय सदस्य, छात्रों के प्रतिनिधि, जिमखाना के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस समिति में 50 फीसदी सदस्य छात्र समुदाय से होंगे, यह उपसमिति कैंपस में सहानुभूतिपूर्ण और सहायक वातावरण बनाने में मदद करेगी. फैकल्टी के दुर्व्यवहार के आरोपों का समाधान करेगी, संचार चैनलों में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाऐगी. विशेष रूप से राज्य के बाहर के छात्रों के लिए, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. कमेटी के सदस्यों ने बैठक के तुरंत बाद छात्रावासों का दौरा करने का फैसला किया, ताकि छात्रों को आश्वस्त किया जा सके कि संस्थान उनके साथ खड़ा है. ये भी पढ़ें: नोएडा में लेम्बोर्गिनी ने मजदूरों को रौंदा, दो श्रमिकों के पैर की हड्डी टूटी, देखें वीडियो

प्रयागराज में बीटेक के छात्र ने हॉस्टल की 5वीं मंजिल से लगाई छलांग, बर्थडे से पहले की खुदकुशी
Netaa Nagari द्वारा: साक्षी शर्मा और प्रियंका यादव, टीम नेता नगरी
प्रयागराज: प्रयागराज के एक हॉस्टल में एक बीटेक छात्र की आत्महत्या की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। छात्र ने अपने बर्थडे से एक दिन पहले ही हॉस्टल की 5वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। यह घटना उच्च शिक्षा के मुद्दों और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना का क्रम
प्रयागराज के एक प्रख्यात इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्र का नाम रवि (काल्पनिक नाम) था। उसकी आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन दोस्तों का कहना है कि रवि पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव का सामना कर रहा था। वे उसे अक्सर उदास और चिंतित देखते थे।
छात्र की मानसिक स्थिति
बीटेक के विद्यार्थियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे अब आम हो गए हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा और असहनीय पाठ्यक्रमों का दबाव युवा छात्रों में मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रवि जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। परिवार का भी ध्यान रखना चाहिए और छात्रों के भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।
परिवार की प्रतिक्रिया
रवि के परिवार वालों ने इस घटना को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वे उसकी मानसिक स्थिति को समझ नहीं पाए। उन्होंने यह भी कहा कि हॉस्टल में बेहतर मदद उपलब्ध होनी चाहिए ताकि अन्य छात्र भी ऐसी स्थिति का सामना ना करें।
विशेषज्ञों की राय
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को मानसिक तनाव से निपटने के लिए बेहतर मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके लिए कॉलेजों में काउंसलिंग सेवा का विस्तार करना आवश्यक है। छात्रों से संवाद स्थापित करने के लिए नियमित सेमिनार और वर्कशॉप्स आयोजित करने की आवश्यकता है।
समापन
इस घटना ने फिर से एक महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जो युवा छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य भी प्राथमिकता में हो। किसी भी छात्र को ऐसा अनुभव नहीं करना चाहिए, जिससे उनका जीवन समाप्त हो। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है।
अंत में, सभी को रवि की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि शिक्षण संस्थान और परिवार बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, ताकि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों।
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