मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान

ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के जवाबी हमले तथा युद्ध विराम के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़े एवं स्पष्ट शब्दों में न केवल पाकिस्तान को चेताया बल्कि उसको उसकी जमीन भी दिखायी। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ़ भारत की प्रखर एवं प्रभावी नीति को पूरी दुनिया के सामने बड़ी स्पष्टता और दृढ़ता के साथ रखा। उनका संबोधन न केवल भारत की भावना की अभिव्यक्ति है, बल्कि यह हमारे देश के सैन्य, कूटनीतिक, नैतिक बल की प्रस्तुति एवं दो सौ अस्सी करोड़ तनी हुई मुट्ठियों की चेतावनी भी है। यह कोरा उद्बोधन नहीं, बल्कि एक जागृत राष्ट्र के साहस एवं हौसलों की उड़ान है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नई लकीर खींची और नये पैमाने तय किये। पाकिस्तान की समझौते की गुहार को भी सुना, एक बड़े मकसद और व्यापक हित में भारत ने शांति की राह चुनी। पहले से ही युद्धों में उलझे विश्व के लिए भारत का यह कदम आशा एवं उम्मीद की बहुत बड़ी किरण है। लेकिन पाकिस्तान पर एक्शन सिर्फ स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं। 22 मिनट का यह संबोधन पाकिस्तान के लिये एक सीख भी है और सबक भी। साथ ही यह एक विशाल एवं विराट इतिहास को समेटे हुए नये भारत के नये संकल्पों की सार्थक प्रस्तुति है।  प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी साफ़ कर दिया है कि भविष्य में अगर पाकिस्तान से कभी बात होगी तो केवल आतंकवाद और पीओके पर ही बात होगी। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि टेरर और टॉक, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं हो सकते। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं के शौर्य और पराक्रम की भी उन्होंने खुल कर सराहना की एवं वीरगाथा सुनाई है। भारतीय सेनाओं पर जहां पूरे देश को नाज है, वहीं प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व पर समूचे देश को भरोसा है और आज हमारा देश समृद्धशाली और शक्तिशाली होने के साथ ही विकसित भारत के रूप में तेजी से उभर रहा है। प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। आतंकवाद के समूल नाश के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। सिंदूर पोंछने का अंजाम अब हर आतंकी को पता चल गया है। मोदी ने साफ किया कि अब वो दौर चला गया जब भारत परमाणु हमले के नाम पर ब्लैकमेल होता था। अब अगर फिर से हमला हुआ तो पाकिस्तान व आतंकवादियों को अलग-अलग नहीं देखा जाएगा। आतंक की जड़ों पर फिर से प्रहार किया जाएगा और इस बार का प्रहार विनाशकारी एवं विध्वंसक होगा।इसे भी पढ़ें: Jan Gan Man: पहलगाम का बदला Operation Sindoor ने ले लिया, मगर मौत के इन कारणों पर कब स्ट्राइक होगी?पाकिस्तान द्वारा पोषित एवं पल्लवित आतंकवाद उसी के सर्वनाश का कारण बनेगा। पाक को बचना है तो उसे आतंकी ढांचे नष्ट करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी मिसाइले एवं ड्रोन ने पाक में न सिर्फ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया बल्कि इसके साथ सौ से अधिक खुंखार आतंकियों को भी मार गिराया। पाक में आतंकवादियों के लिये जो जगह एवं संवेदनाएं हैं, उसको दुनिया ने भी देखा। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक में मरे दुर्दांत आतंकवादियों को अंतिम विदाई देने को पाक सेना के बड़े अधिकारी उतावले थे। पिछले तीस में पाकिस्तान ने आतंकवाद की फसल को सींचने के लिये जो संरचना अपने देश में तैयार की है, उससे निकले आतंकवादियों ने भारत को ही बार-बार लहूलुहान नहीं किया बल्कि ब्रिटेन तथा अमेरिका के 9/11 जैसे हमलों को दुनिया के दूसरे हिस्सों में अंजाम दिया है। मोदी ने स्पष्ट किया कि पहलगाम आतंकी हमले में धर्म पूछकर निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादी भारतीय समाज के साम्प्रदायिक सौहार्द एवं समरसता को नुकसान पहुंचाने में पूरी तरह विफल रहे हैं।प्रधानमंत्री ने साहस एवं निर्भीकता से पाक की आतंकी मानसिकता को दुनिया के सामने उजागर किया। आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखा जाएगा। बुद्ध पूर्णिमा के दिन देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन आतंकवाद का भी नहीं है। भारत सदियों से बुद्ध की संस्कृति व विचारों का पक्षधर रहा है। लेकिन शांति का रास्ता शक्ति के रास्ते से ही होकर जाता है और भारत ने अपनी शक्ति को दिखाते हुए न केवल पाकिस्तान को पस्त किया बल्कि दुनिया को चौंकाया भी है। बिना लाग-लपेट के प्रधानमंत्री ने साफ किया कि भारतीय शांति की नीति को कमजोरी न माना जाए, वक्त आने पर हम शक्ति दिखाने से भी नहीं चूकेंगे। अंधेरों को चीर कर उजाला की ओर बढ़ते भारत की महान यात्रा के लिये सबके जागने, संकल्पित होने एवं आजादी के अमृतकाल काल को अमृतमय बनाने के लिये दृढ़ मनोबली एवं सकारात्मक होने का आह्वान है।मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों की मेधा को सराहते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक ने बता दिया है कि भारत आधुनिक तकनीक से युद्ध के लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम है। भारत ने स्वदेशी प्रयासों व आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ देश को सुरक्षा कवच देने में कामयाबी हासिल की है। ये तकनीकें इक्कीसवीं सदी की सामरिक चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम हैं। पाक द्वारा विश्व शक्तियों से हासिल मिसाइलों व ड्रोन को भारतीय वायु प्रतिरक्षा तंत्र ने जिस तरह नाकाम किया, उसने भारत के रक्षा उत्पादों की विश्वसनीयता पर मोहर लगाई है। हम न्यू इरा के वारफेयर मानकों की कसौटी पर खरे उतरे हैं। जो मेड इन इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता को वैश्विक स्तर पर स्थापित करेगा। हमें आने वाले कल के लिए संघर्ष करना है। हमें विश्व की ओर ताकने की आदत छोड़नी होगी, राजनीतिक संकीर्णता से भी ऊपर उठना होगा, जिन्हें भारत पर विश्वास है, अपनी संस्कृति, अपनी बुद्धि और विवेक पर अभिमान है, उन्हें कहीं अंतर में अपनी शक्ति का भान है, वे जानते हैं कि भारत आज पीछे पीछे चलने की मानसिकता से मुक्ति की ओर कदम बढ़ा चुका है और ये स्थितियां हमने पाक के खिलाफ एक्शन में देख ली है।मोदी ने भारतीय समाज में एकजुटता को अपरिहार्य बताया और कहा कि जब हमारी संप्रभुता और नागरिकों के जीवन पर संकट आएगा तो मुंहतोड़ जवाब जरूर

May 14, 2025 - 00:37
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मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान
मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान

मोदी-उद्बोधन जागृत राष्ट्र के हौसलों की उड़ान

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महत्वपूर्ण उद्बोधन राष्ट्रीय चेतना और आत्मनिर्भरता के मुद्दों पर केंद्रित था। इस भाषण ने न केवल लोगों के हौसले को ऊँचा किया, बल्कि एक जागृत राष्ट्र के गठन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी उठाए। आज के इस लेख में हम इस उद्बोधन की गहराई में जाएंगे और यह जानेंगे कि कैसे यह एक नई ऊर्जा का संचार करता है।

उद्बोधन की महत्वपूर्ण बातें

मोदी जी ने अपने उद्बोधन में कई मुद्दों का जिक्र किया, जैसे कि आत्मनिर्भर भारत, शिक्षा, और युवा शक्ति। उन्होंने कहा, "हम एक जागृत राष्ट्र हैं, जो अपने हौसले और संकल्प से कुछ भी कर सकते हैं।" इस संवाद में उन्होंने युवाओं को अपनी क्षमताओं और संभावनाओं पर विश्वास करने का संदेश दिया।

इसके साथ ही उन्होंने तकनीकी विकास और डिजिटल इंडिया पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि "डिजिटल इंडिया ने हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दिया है।" इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने देशवासियों से निर्भीक रहने की अपील की और सकारात्मक सोच का माध्यम बनने का आग्रह किया।

जागृत राष्ट्र की दिशा में कदम

अपने उद्बोधन के माध्यम से मोदी जी ने न केवल उम्मीद की किरण जगाई, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी लोगों से जुड़ने का प्रयास किया। इसने ध्यान दिलाया कि एक राष्ट्र की शक्ति उसके नागरिकों के आत्मविश्वास में निहित होती है। इस समय, जब दुनिया अनेकों चुनौतियों का सामना कर रही है, एक जागृत राष्ट्र की आवश्यकता महसूस हो रही है।

मोदी जी के इस संदेश ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि हम देश की तरक्की में व्यक्तिगत रूप से क्या भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम एक मजबूत एवं जागृत समाज का निर्माण कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इस उद्बोधन का मुख्य संदेश यही है कि एक जागृत राष्ट्र के लिए सभी को आगे आना होगा। अगर हम सभी अपने स्तर पर प्रयास करें तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, मोदी जी का यह उद्बोधन न केवल हौसले की उड़ान है, बल्कि प्रेरणा का भी स्रोत है।

इस प्रकार से, प्रधानमंत्री मोदी का उद्बोधन हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि हम सब मिलकर एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

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