डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले आरोपी गिरफ्तार, प्राइवेट बैंक का मैनेजर भी शामिल, विदेशों में जुड़े है तार
UP News: आगरा पुलिस ने दो ऐसे शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. शातिर अभियुक्त लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग जैसे मामलों में फसाने का डर दिखाकर लाखों रुपए की ठगी को अंजाम देते थे. शातिर व्हाट्सएप कॉल और टेलीग्राम कॉल के जरिए खुद को पुलिस सीबीआई का अधिकारी बता कर पैसे ट्रान्सफर करा लेते. शातिर अपराधियों के तार विदेशों तक जुड़े हुए है जिन्हें अब पुलिस ने दबोच लिया है जिसमें एक आरोपी प्राइवेट बैंक का मैनेजर है. दरअसल. 20 जनवरी को आगरा साइबर सेल में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके पास इंटरनेशनल कॉल आया जिसमें शख्स ने खुद को बांदा पुलिस का बड़ा अधिकारी बताया. मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी. कैसे किया डिजिटल अरेस्टकॉल पर सामने दिखाई दे रहा शख्स पुलिस अधिकारी बनकर बात कर रहा था. वादी महिला से कहा कि तुम्हारे ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग स्मगलिंग का मामला है और जल्द पुलिस तुम्हें गिरफ्तार करने आयेगी. ये सब सुनकर महिला डर गई. कॉल करने वाले शातिर ने महिला से कहा कि कॉल कट मत करना वरना पुलिस तुम्हें पकड़ने आएगी. कॉल करने वाले शातिर ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. शातिर कॉल पर लगातार महिला को धमका रहे थे और महिला घबरा गई. शातिर व्यक्ति ने महिला से कहा कि अगर बचना है तो हमारे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर दो और महिला से 2 लाख 80 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए. शातिर ने डिजिटल अरेस्ट कर महिला को ठगी का शिकार बनाया. डिजिटल अरेस्ट का शिकार महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद एसीपी हरिपर्वत आदित्य कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. साइबर सेल ने जांच पड़ताल शुरू की, साइबर सेल ने कॉन्टेक्ट और जिस बैंक खाते में पैसे ट्रासंफर हुए उसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी. साइबर सेल की जांच में सामने आया कि गैंग के तार विदेशों तक जुड़े है. तकनीक के सहारे गैंग का तार कंबोडिया वियतनाम तक जुड़े है. आगरा साइबर सेल ने डिजिटल अरेस्ट के दो शातिर अभियुक्त को राजस्थान के कोटा से गिरफ्तार किया है. अखिलेश यादव बोले- 'महाकुंभ कोई शब्द नहीं, लोगों को गुमराह किया कि 144 साल बाद कुंभ हो रहा है' बैंक खाता कराया फ्रीजपुलिस की गिरफ्त में आए शातिर अभियुक्त आरिफ और दिव्यांश है जिनके खाते में पैसे ट्रांसफर हुए थे. गिरफ्त में आया दिव्यांश एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर पद पर कार्यरत है और इसी के जरिए सारा काम होता था. पुलिस ने 80 हजार रुपए वाले बैंक खाते को फ्रीज कराया है. शातिर अभियुक्तों के मोबाइल फोन , चेक बुक , आधार कार्ड , डेबिट क्रेडिड कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुआ है. खुलासा करते हुए डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 2 लाख 80 हजार रुपए की ठगी की थी. अभियुक्त ने खुद को अधिकारी बता कर महिला को फसाने की बाद कही थी, जिसके बाद महिला ने पैसे ट्रान्सफर कर दिए, साइबर सेल ने पूरी जांच पड़ताल कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले आरोपी गिरफ्तार, प्राइवेट बैंक का मैनेजर भी शामिल, विदेशों में जुड़े है तार
**Netaa Nagari** द्वारा प्रस्तुत इस न्यूज़ में हम आपके लिए लाए हैं एक महत्वपूर्ण खबर, जहाँ डिजिटल ठगी के आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इस घटना में एक प्राइवेट बैंक के मैनेजर का भी नाम सामने आया है। आइए जानते हैं इस मामले के सभी पहलुओं को विस्तार से।
अपराध की पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में, डिजिटल ठगी की घटनाओं में तेजी आई है। खासकर वे लोग जो ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा का उपयोग कर रहे हैं, वे इस प्रकार के धोखाधड़ी के शिकार बन रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में, पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर ऑपरेशन चलाया और इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में एक प्राइवेट बैंक का मैनेजर भी शामिल था, जो इस ठगी में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्यरत था।
विदेशों से जुड़ाव
गिरफ्तार आरोपियों की जांच से यह पता चला है कि इनके तार विदेशों से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी तकनीकी रूप से निपुण थे और ये मनी लॉन्डरिंग के तरीकों का उपयोग कर थे। उनकी सामग्री और बिजली-पंक्तियों की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत भी मिले हैं।
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक ने बताया, "हमने इन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह हमारी प्राथमिकता है कि हम ऐसे गिरोहों को खत्म करें जो आम जनता को ठगी का शिकार बनाते हैं।" पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान संख्याओं से आने वाले कॉल्स और मैसेजस से सतर्क रहें।
निष्कर्ष
डिजिटल ठगी के मामलों में बढ़ोतरी के बीच यह गिरफ्तारी एक सराहनीय प्रयास है। इसके जरिए न केवल आरोपी पकड़े गए हैं, बल्कि इससे अन्य संभावित ठगों के लिए भी एक चेतावनी है। लोगों को सतर्क रहकर अपने धन और व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करनी होगी। **Netaa Nagari** की टीम इस मामले पर लगातार नज़र रखे हुए है।
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