जींद की रेखा बनीं दिल्ली CM, हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में 2 साल रहीं, सीएम सैनी ने सिर पर हाथ रखा; सिरसा के मनजिंदर मंत्री बने

हरियाणा के जींद में जन्मीं रेखा गुप्ता ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के पद की शपथ ले ली है। इस मौके पर PM नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। रेखा मूल रूप से जींद के नंदगढ़ गांव की रहने वाली हैं। इस गांव में उन्होंने बचपन के 2 साल गुजारे। इसके बाद उनका परिवार दिल्ली चला गया। रेखा के सीएम बनने पर पैतृक गांव में ग्रामीणों ने जश्न मनाया। महिलाएं हरियाणवी गानों पर नाचीं और पुरुषों ने पूरे गांव में लड्‌डू बांटे। फतेहाबाद स्थित रेखा के मामा के घर में भी मिठाई बांटी गई। गांव की महिलाओं का कहना है कि यह उनके लिए बड़े गर्व की बात है कि उनके यहां की बेटी देश की राजधानी की मुख्यमंत्री बनी हैं। हम उन्हें गांव में बुलाकर सम्मानित करेंगे। रेखा गुप्ता के अलावा हरियाणा के सिरसा के रहने वाले मनजिंदर सिरसा भी दिल्ली सरकार में मंत्री बन गए हैं। सिरसा ने भाजपा के टिकट पर राजौरी गार्डन से चुनाव जीता था। सिरसा को 64,132 वोट मिले थे। यहां आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार धनवति चंदेला दूसरे स्थान पर रहीं। उन्हें 45,942 वोट मिले। CM नायब सैनी ने सिर पर हाथ रख बधाई दी इससे पहले रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे CM नायब सैनी ने उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। CM नायब सैनी ने कहा- मैं रेखा और दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं। दिल्ली के लोगों ने मोदी जी की नीतियों पर मुहर लगाई। जो सरकार लालच देकर और झूठ बोलकर यहां बैठी हुई थी, वह लोगों की अपेक्षाओं को जगाकर अपनी खुशियों को बढ़ा रही थी, उसे यहां के लोगों ने बाहर कर दिया। रेखा CM चुनीं गईं तो ओपी धनखड़ ने हरियाणवी परंपरा निभाई रेखा को कल (19 फरवरी) को दिल्ली भाजपा विधायक दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री चुना गया था। इस दौरान ऑब्जर्वर के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ हरियाणा के बड़े जाट नेता ओपी धनखड़ भी मौजूद थे। जब रेखा के नाम की घोषणा हो गई तो ओपी धनखड़ ने हरियाणवी परंपरा के अनुसार उनको शगुन देकर बधाई दी। ************** रेखा गुप्ता के CM बनने पर गांव नंदगढ़ में खुशी का माहौल... सुमन बोलीं- रेखा के बचपन के 2 साल गांव में बीते गांव में जो घर रेखा के परिवार का था, अब उसमें दूसरा परिवार रहता है। उस परिवार की सदस्य सुमन ने कहा- रेखा गुप्ता के बचपन के 2 साल नंदगढ़ गांव में बीते हैं। जब उनके परिजन गांव छोड़कर गए तो गांव वाले घर को बेचकर गए थे। मौजूदा समय में इस घर में रह रहे परिवार से मिलने भी रेखा गुप्ता के परिजन आते रहते हैं। सुमन ने बताया लगभग हर साल रेखा गुप्ता के माता-पिता यहां आते हैं। उनके यहां जब कोई प्रोग्राम होता है तो उन्हें भी बुलाया जाता है। रेखा गुप्ता के पैतृक घर को तोड़कर दोबारा बना दिया गया है, लेकिन एक दीवार बची है, जो उनके पुराने घर की ही है। जयपाल बोले- उनके परिवार की किसानों से काफी अच्छी बनती थी जयपाल ने बताया- गांव में बहुत बढ़िया माहौल है। खुशी है, लड्डू बांटे जा रहे हैं। रेखा गुप्ता का परिवार गांव में बहुत बढ़िया था, सबसे मिलता-जुलता था। किसानों से उनके काफी अच्छे संबंध थे। उनके परिवार की जुलाना में आढ़त की दुकान थी। सभी के साथ उनका अच्छा व्यवहार था। जब वे गए तो खुशी से गए। उन्हें वहां (दिल्ली में) काम मिल गया था। कमला बोलीं- मैंने गोद में खिलाया, पूरा कुनबा मुझे जानता है नंदगढ़ गांव की एक और बुजुर्ग महिला कमला ने कहा- मुझे तो सारा कुनबा जानता है। मैंने तो सभी बच्चों को गोद में खिलाया है। रेखा के दादा ने तो पूरा जीवन गांव में ही बिताया। उसकी दादी भी गांव में अंत तक रही। उनका अच्छा व्यवहार और अच्छा परिवार है। इस जगह पहले उनका (रेखा गुप्ता के परिवार का) मकान था। गांव में मंदिर और कुएं रेखा के परिवार के ही बनाए हुए हैं। उसके पापा-मम्मी गांव में जब भी आते हैं तो मुझसे जरूर मिलते हैं। गांव के सभी प्रोग्राम में उनका परिवार आता है। कमलेश बोलीं- रेखा की दादी मेरी सहेली थी गांव की बुजुर्ग महिला कमलेश ने बताया है कि रेखा की दादी का मेरे यहां खूब उठना-बैठना था। उनका व्यवहार काफी अच्छा था। उनके कुछ बच्चे पहले ही गांव छोड़ गए थे। बाकी जो बचे थे, उन्होंने भी धीरे-धीरे गांव को छोड़ दिया। रेखा को मैंने कभी देखा नहीं, लेकिन वह अब दिल्ली की CM बन रही हैं तो मुझे बहुत खुशी है। वह कभी गांव में आएगी तो हम उसका स्वागत करेंगे। उसके माता-पिता तो साल में एकाध बार आते ही हैं। पूर्व सरपंच बोले- गांव की बेटी को जिम्मेदारी दी गांव के पूर्व सरपंच हरिओम शर्मा ने कहा- मेरे गांव की बेटी रेखा गुप्ता, जो दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी है, उसके लिए मैं भाजपा और RSS को बधाई देता हूं। साथ ही इनका हाथ जोड़कर धन्यवाद करता हूं कि इन्होंने हमारी बेटी को दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी। भाजपा की 21 राज्यों में सरकार है, लेकिन पार्टी ने महिला केवल हरियाणा की ही चुनी है। रेखा गुप्ता का जन्म गांव में ही हुआ और उनके पिता जय भगवान जिंदल बैंक में मैनेजर थे। 1976 में उनका परिवार दिल्ली चला गया। दिल्ली की नई CM बनीं जींद की रेखा से जुड़ी 4 अहम बातें.. 1. जींद जिले में पुश्तैनी गांव, 50 साल पहले तक दादा-परदादा रहे रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना हलके में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। 2. पिता बैंक मैनेजर बने तो दिल्ली शिफ्ट हुए रेखा के पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे। साल 1972-73 में वह मैनेजर बने तो उनका ट्रांसफर दिल्ली हो गया। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। इस वजह से रेखा की स्कूल की पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। रेखा ने MBA की भी पढ़ाई की है। 3. स्टूडेंट लाइफ से पॉलिटिक्स में, RSS से

Feb 20, 2025 - 15:37
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जींद की रेखा बनीं दिल्ली CM, हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में 2 साल रहीं, सीएम सैनी ने सिर पर हाथ रखा; सिरसा के मनजिंदर मंत्री बने
जींद की रेखा बनीं दिल्ली CM, हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में 2 साल रहीं, सीएम सैनी ने सिर पर हाथ रखा; सिरसा के मनजिंदर मंत्री बने

जींद की रेखा बनीं दिल्ली CM, हरियाणा में जश्न

दिल्ली में राजनीति के बिच एक नया मोड़ आया है, जब जींद की रेखा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हरियाणा के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है और इसको लेकर हरियाणा में जश्न का माहौल है। रेखा का पैतृक गांव जहां उन्होंने 2 साल बिताए, वहां उनके स्वागत की तैयारियाँ तेज हो गई हैं।

मुख्यमंत्री सैनी का समर्थन

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा को बधाई देने के लिए हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ सिरसा के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा भी पहुंचे। सैनी ने रेखा के सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके सुखद भविष्य की कामना की। यह एक अति महत्वपूर्ण क्षण था, जो न केवल रेखा के लिए बल्कि हरियाणा के लोगों के लिए भी गर्व का विषय है।

जश्न का माहौल

हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में, खासकर जींद में, लोग अपने नए मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए सड़कों पर उतर आए। स्थानीय लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर जश्न मना रहे हैं और विभिन्न आयोजन कर रहे हैं। मिठाइयों का वितरण हो रहा है और हर तरफ सिर्फ रेखा के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा हो रही है।

पैतृक गांव का प्यार

रेखा की यात्रा उनके पैतृक गांव से शुरू हुई थी। वह वहां 2 साल तक रहीं, और यही कारण है कि गांव के लोग उनसे बेहद जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहने का वादा किया है। रेखा का मानना है कि वह अपने गांव की संस्कृति और विकास के लिए समर्पित रहेंगी।

आगे की चुनौतियाँ

हालांकि रेखा की मुख्यमंत्री बनने की खुशी के साथ-साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं। उन्हें प्रशासन की कार्यप्रणाली के साथ-साथ दिल्ली और हरियाणा के बीच संबंधों को सुधारने का काम भी करना होगा। इसके अलावा, स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने प्रदेश के विकास को सुनिश्चित कर सकें।

निष्कर्ष

जींद की रेखा का मुख्यमंत्री बनना केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है बल्कि यह हरियाणा राज्य के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है। रेखा इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनकी जीत ने हरियाणा में एक नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार किया है। इस अवसर पर जश्न मनाना न केवल उनकी उपलब्धियों का जश्न है, बल्कि एक नए युग की शुरुआत भी है।

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