गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को किया संबोधित, जानें क्या कहा?

देश के 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की बात कही। जानिए उन्होंने और क्या कहा?

Jan 25, 2025 - 20:37
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को किया संबोधित, जानें क्या कहा?
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को किया संबोधित, जानें क्या कहा?

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को किया संबोधित, जानें क्या कहा?

नेता नगरी, नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के विकास, एकता और विविधता पर जोर दिया। आइए जानते हैं कि उन्होंने अपने संबोधन में क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें कहीं।

राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता

राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि भारत एक ऐसे राष्ट्र के रूप में उभरा है जो विविधताओं में एकता का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों को उनकी स्वतंत्रता और अधिकारों का महत्व समझाया और कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम अपने देश और समाज के प्रति प्रतिबद्ध रहें।

महिलाओं का सशक्तिकरण

द्रौपदी मुर्मू ने विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "महिलाएं समाज की नींव हैं और उनके सशक्तिकरण से ही राष्ट्र का विकास संभव है।" उन्होंने महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया और सभी से आग्रह किया कि वे इस दिशा में और प्रयास करें।

समाज में सामंजस्य

राष्ट्रपति ने समाज में सामंजस्य और भाईचारे की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक दूसरे के विचारों और मान्यता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने भारतीय संस्कृति की परंपराओं को याद करते हुए कहा कि हम सभी एक परिवार की तरह एकजुट हैं।

विकास और प्रगति

अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने विकास और प्रगति के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हम अपनी तकनीकी और वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाएं ताकि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपनी प्रतिभाओं को समाज की भलाई के लिए लगाएं।

निष्कर्ष

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक रहा। उनके संदेश ने न केवल एकता और समर्पण की भावना को जाग्रत किया बल्कि हमें यह भी याद दिलाया कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने राष्ट्र के प्रति समझदारी और जिम्मेदारी से कार्य करें। देश की एकता, अखंडता और प्रगति के लिए यह संदेश अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अंत में, सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं एवं संवेदनाएं।

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