क्यों CM सैनी ने किया यमुना के पानी से आचमन? PM मोदी बोले- '11 साल से मैं पी रहा हूं'
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा पर यमुना नदी में जहर घोलने का आरोप लगाया था. इसको लेकर वह घिरती हुई नजर आ रही है. जहां पीएम मोदी ने कहा कि वह खुद बीते 11 सालों से हरियाणा का पानी पी रहे हैं, वहीं हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी तो यमुना नदी पर पहुंच गए और यमुना के तट पर खड़े होकर पानी भी पिया. नायब सैनी ने जिस जगह खड़े होकर यमुना का पानी पिया, वो हरियाणा और दिल्ली की सीमा है. इसी क्षेत्र में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर घोलने का आरोप लगाया था. सीएम सैनी ने कहा, "उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने जहर मिला कर भेजा है. Mass Genocide की बात की है. कल अधिकारियों ने सैंपल लिया है, मैंने खुद पानी का आचमन किया है कोई जहर नहीं है. वो खुद बचना चाह रहे हैं. ऐसा बयान देकर उन्होंने हरियाणा के लोगों को अपमानित करने का काम किया है." #WATCH | Haryana CM Nayab Singh Saini takes a sip of water from the Yamuna River in Delhi's Palla Village. pic.twitter.com/v1rkJXrcbQ — ANI (@ANI) January 29, 2025 AAP चीफ केजरीवाल के आरोपों के बाद दिल्ली की सीएम आतिशी ने हरियाणा के सीएम नायाब सैनी को टैग कर सोशल मीडिया पर लिखा था कि नायाब सैनी जी मुझे पता चला है कि आप यमुना नदी के पल्ला झाड़ जा रहे हैं. मेरा आग्रह है कि आप और मैं साथ चलते हैं, मीडिया के साथियों को भी लेकर चलते हैं. सबके सामने अमोनिया की मात्रा को नापेंगे. सबको पता चलना चाहिए कि हरियाणा दिल्ली वालों को जहरीला पानी भेज रहा है. बीजेपी बना रही हरियाणा के अपमान का मुद्दा सीएम नायाब सैनी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का चैलेंज स्वीकार कर लिया और यमुना किनारे पहुंच गए, लेकिन सीएम आतिशी नहीं पहुंचीं. बीजेपी अब इसे हरियाणा के अपमान का मुद्दा बना रही है. नायब सिंह सैनी के यमुना नदी के पानी पीने पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वजीराबाद में पानी पी लें नायब सिंह सैनी तो राजनीति छोड़ दूंगा. वहां अमोनिया की मात्रा ज्यादा है. वहीं AAP के आरोपों पर नायब सिंह सैनी ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने बेहिचक और बेझिझक यमुना के जल से आचमन किया. दिल्ली की सीएम आतिशी क्यों नहीं आईं. चुनाव में लोग AAP को सबक सिखाएंगे. पीएम मोदी ने चुनावी सभा में उठाया मुद्दा पीएम मोदी ने दिल्ली चुनाव में प्रचार के दौरान केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा, "आपादा वालों की लुटिया यमुना जी में डूबेगी. चुनाव हारने का डर है ये कुछ भी बोल रहे है. क्या हरियाणा के लोग पानी में जहर मिला सकते हैं? पिछले 11 साल से यह प्रधानमंत्री भी हरियाणा का पानी पीता है." यमुना के मुद्दे पर पहले से ही घिरे अरविंद केजरीवाल ने अब हरियाणा को भी शामिल कर एक मुसीबत ले ली है. दरअसल दिल्ली में हरियाणा के लोगों की तादात अच्छी खासी है. यहां 12 ऐसी सीट हैं, जिन पर हर‍ियाणा के लोग जीत हार तय करने की स्‍थ‍ित‍ि में हैं. राहुल गांधी और ओवैसी ने भी घेरा बीजेपी हरियाणा के अपमान का मुद्दा उठा रही है तो कांग्रेस और ओवैसी यमुना भी AAP के खिलाफ आर-पार के मूड में हैं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक रैली में कहा, "जो आपने वादा किया था कि मैं यमुना का पानी पियूंगा. मैं चैलेंज करता हूं आप यमुना का पानी पीकर दिखा दो. उसके बाद अस्पताल में आपसे मिलेंगे." वहीं AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "केजरीवाल कह रहे हैं कि हरियाणा से जहर आ रहा है, लेकिन वही पानी वह भी पी रहे हैं, लेकिन ओखला और मुस्तफाबाद की जनता को इन्होंने पीने का पानी नहीं दिया. इन्होंने कहा कि मैं आपको शराब पिलाऊंगा शराब पीकर टुल्ल हो जाओ."

क्यों CM सैनी ने किया यमुना के पानी से आचमन? PM मोदी बोले- '11 साल से मैं पी रहा हूं'
नेटाअ नागरी टीम की रिपोर्ट: हाल ही में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के करीबी सहयोगी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सैनी ने यमुना नदी के पानी से आचमन करने का निर्णय लिया। यह घटना उन दिनों में हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह पिछले 11 वर्षों से यमुना के पानी का सेवन कर रहे हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, और कई सवाल उठाए हैं।
यमुना नदी का महत्व
यमुना नदी भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह नदी न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है, बल्कि इससे जुड़े जल संसाधन भी अनेक लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करते हैं। यमुना का पानी कैसे सुरक्षित है, यह एक बड़ा प्रश्न बन गया है। मुख्यमंत्री सैनी का आचमन करना इस दिशा में एक नई पहल है।
PM मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर संवाद करते हुए कहा, "मैं पिछले 11 वर्षों से यमुना का पानी पी रहा हूं और मुझे इसमें कोई समस्या नहीं आई है।" पीएम मोदी के इस बयान ने भले ही सकारात्मक हलचल बनाई हो, लेकिन जल गुणवत्ता को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं। क्या यमुना का पानी वास्तव में पीने योग्य है?
राजनीतिक दृष्टिकोण
सैनी का आचमन और पीएम मोदी का बयान एक प्रकार की राजनीतिक रणनीति भी हो सकती है। इससे यह संदेश जाता है कि सरकार जल संसाधनों के प्रति गंभीर है, लेकिन दूसरी ओर, लोगों को यह भी समझने की जरूरत है कि जल गुणवत्ता का क्या स्तर है। इसके बाद, विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं और इसे राजनीति का खेल कहा है।
जल गुणवत्ता की वास्तविकता
यमुना का जल स्तर विभिन्न कारणों से घटता आ रहा है, जैसे औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू गंदगी और जलाशय का भारी दोहन। यमुना की जल गुणवत्ता पर लगातार चिंता बनी हुई है, और कई विशेषज्ञ इसे पीने के लिए असुरक्षित मानते हैं। यह स्पष्ट है कि जल गुणवत्ता की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सैनी का यमुना के पानी से आचमन करना एक नई चर्चा का विषय बन गया है, वहीं पीएम मोदी के लंबे समय से यमुना का पानी पीने के बयान ने लोगों को चौकन्ना कर दिया है। जल गुणवत्ता पर ध्यान देने और उसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। क्या यह मुद्दा चुनावी राजनीति का हिस्सा है या एक वास्तविकता? यह समय ही बताएगा।
कम शब्दों में कहें तो, यह घटनाक्रम यमुना के जल संसाधनों, उनकी गुणवत्ता और राजनीतिक दृष्टिकोण पर विचार करने का एक अवसर है।
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